झारखंड खाद्य आपूर्ति निगम के टेंडर में घालमेल, शर्तों का उल्‍लंघन कर कर्मचारियों की हुई नियुक्ति

Jharkhand Hindi News खाद्य निगम में आउटसोर्सिंग से कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए टेंडर निकाला गया था। टेंडर में शामिल अन्य एजेंसियों ने खाद्य आपूर्ति विभाग के सचिव से शिकायत की है। कहा कि टेंडर की शर्तों का उल्लंघन कर अयोग्य एजेंसी का चयन कर लिया गया।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Fri, 10 Sep 2021 10:00 PM (IST) Updated:Fri, 10 Sep 2021 10:08 PM (IST)
झारखंड खाद्य आपूर्ति निगम के टेंडर में घालमेल, शर्तों का उल्‍लंघन कर कर्मचारियों की हुई नियुक्ति
Jharkhand Hindi News खाद्य निगम में आउटसोर्सिंग से कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए टेंडर निकाला गया था।

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम लिमिटेड में आउटसोर्सिंग पर कर्मचारियों को बहाली के लिए हुए टेंडर में अनियमितता की बात सामने आई है। टेंडर में शामिल विभिन्न एजेंसियों ने इसकी शिकायत खाद्य आपूर्ति विभाग के सचिव से कर मामले की जांच करने व टेंडर रद करने की मांग की है। शिकायत में एजेंसियों ने कहा है कि खास एजेंसी को लाभ पहुंचाने के लिए आनन-फानन में टेंडर किया गया और बिना दस्तावेजों का सत्यापन किए एजेंसी का चयन कर लिया गया। आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए टेंडर भरने की अंतिम तिथि 25 अगस्त थी।

27 अगस्त को टेक्निकल बिड खुला और 28 अगस्त को टेक्निकल इवाल्यूशन भी हो गया। टेंडर में शामिल 16 एजेंसियों में पांच एजेंसियां तकनीकी रूप से सही पाई गई थीं। सवाल इस बात पर भी उठाए जा रहे हैं कि एक दिन में 16 एजेंसियों के भारी-भरकम दस्तावेज का कैसे मूल्यांकन हो सकता है। 28 अगस्त को ही सभी चयनित एजेंसियों को ई-मेल से सूचना दी गई कि 29 अगस्त को फाइनेंशियल बिड खुलेगा, जबकि 29 अगस्त को रविवार था। बाद में यह स्थगित कर दिया गया और 30 अगस्त को जन्माष्टमी के अवकाश के दिन फाइनेंशियल बिड खुला।

शिकायत करने वाली एजेंसियों ने आरोप लगाया है कि चयनित एजेंसी का चयन टेंडर की शर्तों का उल्लंघन कर किया गया। उक्त एजेंसी द्वारा टेंडर के साथ सौंपे गए सर्टिफिकेट आफ फर्म, ईपीएफ-ईएसआइसी तथा जीएसटी से संबंधित दस्तावेजों का सत्यापन भी नहीं किया गया। दावा किया गया है कि संबंधित एजेंसी के दस्तावेज 3 जून 2019 से 8 अगस्त 2019 के बीच के हैं। इससे साफ होता है कि एजेंसी हाल ही में निबंधित है और मैन पावर एजेंसी के रूप में काम करने का उसके पास आवश्यक अनुभव नहीं है।

इसने एक साल में 300 मैन पावर को कार्य पर लगाने का गलत अंडरटेकिंग भी दिया है, क्योंकि ईपीएफ पोर्टल पर 51 से 207 मैन पावर का ही आंकड़ा बताया जा रहा है। इतना ही नहीं, एजेंसी ने टर्नओवर में वार्षिक वृद्धि 396.77 प्रतिशत को गलत दिखाया है। इसने प्रोविजनल टर्नओवर 3,35,03,729 दिखाया है, जबकि एनएसआइसी रजिस्ट्रेशन में टर्न ओवर 51.94 लाख, एनुअल रिटर्न जीएसटी आर नाइन में 4.89 लाख तथा चार्टर्ड एकाउंटेंट के सर्टिफिकेट में 67,44,288 रुपये दिखाए गए हैं।

शिकायतकर्ताओं ने सवाल उठाए हैं कि एक ही वित्तीय वर्ष में तीन अलग-अलग टर्न ओवर कैसे हो सकते हैं। शिकायतकर्ता के अनुसार, इसी तरह की कई ऐसी शर्तें हैं, जिन्हें चयनित एजेंसी पूरी नहीं करती। टेंडर के तकनीकी मूल्यांकन को लेकर हुई बैठक की कार्यवाही में टेंडर कमेटी के तीनों सदस्यों के हस्ताक्षर से तिथि गायब होने पर भी सवाल उठाया गया है।

'टेंडर खाद्य एवं आपूर्ति निगम द्वारा किया गया है। इसपर एमडी ही बेहतर बता सकते हैं। शिकायत मिलने पर मामले की जांच कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। अभी मेरे संज्ञान में मामला नहीं आया है।' -हिमानी पांडेय, सचिव, खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग।

'टेंडर 100 प्रतिशत नियम के अनुसार फाइनल हुआ है। ई टेंडर में सभी दस्तावेज आनलाइन कर दिए जाते हैं, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। किसी एजेंसी का चयन नहीं होता है, तो इस तरह की शिकायत करते हैं। यदि किसी एजेंसी की शिकायत है, तो उसपर जांच होगी।' -यतींद्र प्रसाद, प्रबंध निदेशक, झारखंड राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम लिमिटेड।

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