Sawan 2021: सावन की पहली सोमवारी आज, रांची में बड़े मंदिर बंद; गेट पर पूजा करते दिखे श्रद्धालु
आज सावन का पहला सोमवार है। कोरोना संक्रमण और सरकारी गाइडलाइन के तहत जिले के बड़े मंदिरों में श्रद्धालुओं को पूजा करने के आदेश नहीं है। इसके बाद भी श्रद्धालु पहाड़ी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में पहुंचकर बंद मंदिर के गेट पर पूजा करते दिखे।
रांची, जासं। आज सावन का पहला सोमवार है। कोरोना संक्रमण और सरकारी गाइडलाइन के तहत जिले के बड़े मंदिरों में श्रद्धालुओं को पूजा करने के आदेश नहीं है। इसके बाद भी श्रद्धालु पहाड़ी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में पहुंचकर बंद मंदिर के गेट पर पूजा करते दिखे। वहीं शहर के छोटे मंदिर खुले हुए हैं। यहां सुबह से ही लोगों की भीड़ दिख रही है। लोग सुबह पांच बजे से मंदिर में पूजा के लिए पहुंचने लगे। इसके साथ ही मंदिर के बाहर सुबह फूल और पूजा सामग्री की दूकान खुली है।
हालांकि मंदिरों में कोरोना गाइडलाइन का पालन होता हुआ नहीं दिख रहा है। इस दौरान श्रद्धालुओं में कोरोना का नाम मात्र भी भय नहीं दिखा जो चिंता का विषय है। यदि समय रहते जिला प्रशासन सचेत नहीं हुआ तो यह संक्रमण बहुत तेजी के साथ लोगों में बढ सकता है, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि शहर के कुछ मंदिरों में पूजा लोगों को शारीरिक दूरी और मास्क के बिना मंदिर में प्रवेश न करने देने के लिए मुस्तैद दिखे।
पहाड़ी मंदिर में होगी आनलाइन पूजा
सरकारी आदेश के तहत पहाड़ी मंदिर को सावन में भक्तों के लिए बंद रखा गया है। मगर इससे भक्तों को निराश होने की जरूरत नहीं है। भक्त यहां बाबा को आनलाइन जल और रूद्राभिषेक कर सकते हैं। श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए पहाड़ी मंदिर विकास समिति ने ऑनलाइन दर्शन के साथ पूजन की भी व्यवस्था की है। श्रद्धालु घर बैठे अपने नाम व गोत्र के अनुसार पहाड़ी बाबा का विशेष पूजन या रूद्राभिषेक करा सकते हैं। मंदिर के कोषाध्यक्ष अभिषेक आनंद के अनुसार पहाड़ी बाबा के देश-विदेशों में लाखों भक्त हैं। कई ऐसे भक्त हैं जो सावन में निश्चित रूप से रुद्राभिषेक कराते हैं।
श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए ऑनलाइन पूजन की व्यवस्था की गई है। यही नहीं श्रद्धालु खुद अपने नाम से पूजा होते देख भी सकते हैं। विशेष पूजन के लिए 101 रुपये जबकि रुद्राभिषेक के लिए 1101 रुपये तय किया गया है। इसके लिए पहाड़ी मंदिर की वेबसाईट पहाड़ीमंदिररांची.कॉम पर जाकर अपनी इच्छानुसार राशि जमा कर सकते हैं। राशि जमा करने के बाद नियत समय पर मंदिर के पंडित पूजा संपन्न करा देंगे। विशेष पूजा में 11 बिल्वपत्र और एक लोटा गंगाजल पहाड़ी बाबा को अर्पित किया जाएगा। जबकि रूद्राभिषेक में बाबा को दूध, गंगाजल, सुगंधित पुष्प आदि अर्पित किया जाएगा। मंत्रोच्चार के बीच श्रद्धालु के सर्व मंगल की कामना की जाएगी।