सदन बाधित होने पर सरयू राय ने कही बड़ी बात, मुख्यमंत्री व स्पीकर को दिए ये सुझाव
Jharkhand Political Updates सरयू राय ने कहा कि प्रश्न काल के बाधित होने पर जनसमस्याएं सदन में नहीं उठ पाती हैं। सरकार तो अपना काम हो-हल्ला होने और सदन बाधित होने पर भी करा लेती है तथा बिल पास करा लेती है।
रांची, जेएनएन। झारखंड के पूर्व मंत्री सरयू राय ने विधानसभा सत्र के दौरान नेताओं द्वारा सदन के बाधित किए जाने पर कहा है कि यह समय जनता के लिए होता है। प्रश्न काल के बाधित होने पर जनसमस्याएं सदन में नहीं उठ पाती हैं। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो को सुझाव देते हुए कहा है कि प्रश्न काल का समय बढ़ाया जाए। बता दें कि अभी झारखंड विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। शुक्रवार को पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण पेश किया गया।
सरयू राय ने ट्वीट करते हुए कहा कि विधानसभा में प्रश्न काल बाधित न हो तो जनहित से जुड़े सवालों पर चर्चा हो सकती है। विस अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो की बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सामने मैंने यह विषय रखा कि जितना समय प्रश्न काल बाधित होता है, सदन का समय उतना बढ़ाकर प्रश्न काल लें। कारण कि प्रश्न काल जनता का होता है।
उन्होंने कहा कि सरकार तो अपना काम हो-हल्ला होने और सदन बाधित होने पर भी करा लेती है, बिल पास करा लेती है। प्रतिवेदन पटल पर रख देती है। पर हो-हल्ला होने पर प्रश्न काल बाधित होता है तो विधायकों के सवालों के माध्यम से उठने वाली जनसमस्याएं, अनियमितताएं नहीं उठ पातीं। सरकार जवाब देने से बच जाती है।
सरयू राय ने कहा कि प्रश्न काल में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों सवाल पूछते हैं। सवाल विधायक के क्षेत्र का हो या पूरे राज्य का, वह सवाल पूरे सदन का हो जाता है। जवाब सरकार देती है तो सदन के सभी विधायक पूरक प्रश्न पूछकर सरकार से सच उगलवाने की कोशिश करते हैं। विपक्ष/सत्ता पक्ष/निर्दल प्रश्न काल सबका है।