Jharkhand Politics: मंत्री बन्ना गुप्ता के खिलाफ विधानसभा की अवमानना की कार्रवाई करें स्पीकर, सरयू राय ने लिखा पत्र

Jharkhand Politics जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर विधानसभा की अवमानना की कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। कहा है कि मंत्री ने सदन को बताया कि पूर्वी सिंहभूम के प्रभारी सिविल सर्जन डा. अरविन्द कुमार लाल दोषी पाए गये हैं ।

By Kanchan SinghEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 07:09 AM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 07:09 AM (IST)
Jharkhand Politics: मंत्री बन्ना गुप्ता के खिलाफ विधानसभा की अवमानना की कार्रवाई करें स्पीकर, सरयू राय ने लिखा पत्र
सरयू राय ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर विधानसभा की अवमानना की कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।

रांची, राब्यू। जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर विधानसभा की अवमानना की कार्रवाई करने का निर्देश देने का अनुरोध विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो से किया है। विधानसभा अध्यक्ष को भेजे गए ज्ञापन में उन्होंने कहा है कि विधानसभा के मानसून सत्र में उनके प्रश्न के लिखित उत्तर में मंत्री ने सदन को बताया कि पूर्वी सिंहभूम के प्रभारी सिविल सर्जन डा. अरविन्द कुमार लाल विभागीय जांच में दोषी पाए गये हैं और उनकी सेवा से बर्खास्तगी प्रक्रियाधीन है, लेकिन मंत्री के स्तर से उन्हें संरक्षण दिया जा रहा है और उन्हें बर्खास्त करने की राह में रोड़ा अटकाया जा रहा है।

विधानसभा में स्पष्ट आश्वासन के बावजूद मंत्री ने उनकी बर्खास्तगी का प्रस्ताव मंत्रिपरिषद के पास संकल्प के रूप में नहीं भेजा, बल्कि सामान्य रूप से संचिका मुख्यमंत्री को भेज दिया, जबकि राजपत्रित अधिकारी को बर्खास्त करने की शक्ति मुख्यमंत्री को नहीं, मंत्रिपरिषद को है। मंत्री द्वारा मुख्यमंत्री को प्रेषित संचिका प्रक्रिया के अंतर्गत मुख्य सचिव के पास गई तो उन्होंने यह प्रश्न उठाया और कार्मिक विभाग से मंतव्य मांगा। संचिका एक माह तक कार्मिक विभाग में दबी रही। बाद में कार्मिक विभाग ने मंतव्य दिया कि दोष सिद्ध अधिकारी की बर्खास्तगी की शक्ति मंत्रिपरिषद को है। इस मंतव्य के अनुरूप बर्खास्तगी का संकल्प भेजने के लिए संचिका स्वास्थ्य विभाग में भेज दी गई।

स्वास्थ्य विभाग ने बर्खास्तगी के प्रस्ताव के साथ संचिका मंत्रिपरिषद में भेजने के बदले दोष सिद्ध अधिकारी से फिर स्पष्टीकरण मांगा और कहा कि वे 30 अक्टूबर तक इस बारे में जवाब दें। विधानसभा सचिवालय ने स्वास्थ्य विभाग से इस बारे में जवाब मांगा तो स्वास्थ्य विभाग ने गत दो नवंबर को सभा सचिवालय को लिखित उत्तर भेजा कि दोष सिद्ध अधिकारी ने जवाब नहीं भेजा है, परंतु इस पर चुप्पी साध ली कि बर्खास्तगी का प्रस्ताव मंत्रिपरिषद के समक्ष भेजा है या नहीं? विधानसभा अध्यक्ष को भेजे ज्ञापन में राय ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग विधानसभा से तथ्य छुपा रहा है। संबंधित संचिका पर मंत्री स्तर से दंड देने की विधिसम्मत कार्रवाई रोकी जा रही है। संचिका अभी भी स्वास्थ्य विभाग में है और यह विधानसभा की अवमानना है।

सरकारी सेवा में रहते हुए लड़ा था चुनाव

सरयू राय ने रहस्योद्घाटन किया था कि सरकारी सेवा में रहते डा. अरविन्द कुमार लाल ने 2005 में बिहार के झंझारपुर से विधानसभा का चुनाव समाजवादी पार्टी की टिकट पर लड़ा था। उसी वर्ष स्वास्थ्य विभाग के मंत्री बन्ना गुप्ता भी जमशेदपुर से समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़े थे। दोनों चुनाव नहीं जीत पाए। यह मंत्री द्वारा दोषी अधिकारी को संरक्षण देने का एक कारण हो सकता है।

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