सर्व धर्म प्रार्थना के दौरान जहां जगह म‍िली वहीं खड़े हो गए कोरोना मृतकों को श्रद्धांजल‍ि देने के ल‍िए लोग

झारखंड में दैन‍िक जागरण की पहल पर नागर‍िक समाज ने सोमवार सुबह 11 बजे दो म‍िनट का मौन रखकर कोरोना मृतकों को श्रद्धांजल‍ि दी। इस आयोजन में हर धर्म संप्रदाय समुदाय के लोगों ने अपनी भागीदारी सुन‍िश्‍च‍ित की। कोरोना से मरने वाले लोगों के स्‍वजन के प्रत‍ि अपनी एकजुटता द‍िखाई।

By M EkhlaqueEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 12:27 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 12:27 PM (IST)
सर्व धर्म प्रार्थना के दौरान जहां जगह म‍िली वहीं खड़े हो गए कोरोना मृतकों को श्रद्धांजल‍ि देने के ल‍िए लोग
हजारीबाग में कोरोना मृतकों को दो म‍िनट मौन रखकर श्रद्धांजल‍ि देते सुरक्षा बल के जवान। जागरण

रांची (जागरण टीम)। सोमवार को घड़ी की सूइयां ट‍िक-ट‍िक करती हुईं जैसे ही 11 पर आकर ट‍िकीं और सुबह के ग्‍यारह बजने का संकेत देने लगीं, पूरा झारखंड मानों ठहर सा गया। जो जहां मौजूद था, वहीं दो म‍िनट के ल‍िए रुक गया। सड़कों पर वाहनों के पह‍िए थम गए। बाजार खामोश हो गए। आनलाइन क्‍लास कर रहे व‍िद्यार्थी मौन श्रद्धांजल‍ि की मुद्रा में खड़े हो गए। गुरुजन स‍िर झुकाए नजर आने लगे...। यह मंजर स‍िर्फ झारखंड की राजधानी रांची में ही नहीं, बल्‍क‍ि राज्‍य के सभी ज‍िलों में गांव से शहर तक द‍िखा। दरअसल, मौका था दैन‍िक जागरण द्वारा आयोज‍ित सर्व धर्म प्रार्थना सभा का। कोरोना के श‍िकार हुए लोगों की याद में यह आयोजन क‍िया गया था। जगह-जगह आयोज‍ित इस सभा में धर्म गुरु अपने-अपने ईष्‍टदेव से मृतकों की आत्‍मा की शांत‍ि के ल‍िए प्रार्थना कर रहे थे। वहीं, समाज के प्रबुद्धजन इस प्रार्थना सभा के सहभागी थे।

यह पहला मौका था जब झारखंड में कोरोना के श‍िकार लोगों को इस अंदाज में दैन‍िक जागरण की पहल पर नागर‍िक समाज ने याद क‍िया। इस आयोजन में जात‍ि और धर्म की दीवार टूट गई। हर धर्म, जात‍ि, संप्रदाय के लोगों ने अपने अपने तरीके से महामारी के इस दौर में कोव‍िड न‍ियमों का पालन करते हुए कोरोना पीड़‍ितों के ल‍िए एकजुटता का प्रदर्शन क‍िया। कहीं मस्‍ज‍िदों में सामूह‍िक दुआएं मांगी जा रही थीं, कहीं मंद‍िरों में गीता का पाठ हो रहा था, कहीं गुरुद्वारा में शबद कीर्तन, कहीं चर्च में बाइबल का पाठ, तो कहीं पाहन अपने अंदाज में मृत आत्‍माओं के ल‍िए पूजा कर रहे थे...।

स्‍कूल-कालेज भले ही बंद थे, लेक‍िन आनलाइन कक्षाओं में मौजूद छात्र भी पढ़ाई छोड़कर कोरोना पीड़‍ितों को याद करने से पीछे नहीं रहे। सरकारी और प्राइवेट कार्यालयों में काम में व्‍यस्‍त कर्मचार‍ियों और अध‍िकार‍ियों ने भी दो म‍िनट के ल‍िए काम काज छोड़ द‍िया। कोरोना मृतकों के सम्‍मान में उठ खड़े हुए। मौन धारण कर अपनी श्रद्धांजल‍ि अर्प‍ित की। कहीं, डीसी खड़े थे, कहीं आयुक्‍त। यही हाल राजनीत‍िक दलों का भी रहा। कोरोना मृतकों के ल‍िए प्रार्थना वास्‍ते कहीं मंत्री मौन खड़े थे, कहीं व‍िधायक, तो कहीं कार्यकर्ता। ऐसे पुण्‍य कार्य से भला सामाज‍िक संगठन पीछे कैसे रह जाते। उन्‍होंने भी अपने स्‍तर से जगह जगह सर्व धर्म प्रार्थना सभा आयोज‍ित कर मौन श्रद्धांजल‍ि दी।

कई ज‍िलों में तो आलम यह रहा क‍ि रेलवे कर्मचारी तय समय पर रेल पटर‍ियों के क‍िनारे और प्‍लेटफार्म पर ही खड़े होकर दो म‍िनट की मौन श्रद्धांजल‍ि देते नजर आए। कई रेल यात्री तो ट्रेन की बोग‍ियों में ही खड़े हो गए। मन में श्रद्धा का भाव इस कदर उमड़ रहा था क‍ि हर कोई कोरोना के श‍िकार हुए लोगों के साथ खड़ा नजर आने के ल‍िए आतुर द‍िख रहा था। उधर, घरों में भी मह‍िलाओं ने क‍िचेन, बेडरूम और डाइन‍िंंग हॉल में खड़ा होकर अपनी सहभाग‍िता सुन‍िश्‍च‍ित की। कोरोना मृतकों को याद क‍िया। दुख की इस घड़ी में उनके स्‍वजन के साथ नजर आईं।

राजधानी रांची में कोकर चौक पर फल बेचने वाले रामप्रसाद राम तो ग्राहकों को इस आयोजन की याद द‍िलाते हुए स्‍वयं दो म‍िनट के ल‍िए मौन मुद्रा में खड़े हो गए। ग्राहकों ने भी उनका साथ द‍िया। कोरोना से मरने वालों को याद करते हुए उन्‍हें श्रद्धांजल‍ि अर्प‍ित की। यही हाल लालपुर चौक पर एक क‍िराना दुकान पर रहा। वहां दुकानदार और ग्राहकों ने अपनी जगह मौन साध ल‍िया। ईश्‍वर से मृत आत्‍माओं की शांत‍ि के ल‍िए प्रार्थना करते नजर आए। क‍िराना दुकानदार उमेश प्रसाद, ग्राहक अज‍ित कुमार, लालमोहन प्रसाद, रतन कुमार, रंजीत प्रसाद, कौशल्‍या देवी, अमीर हम्‍जा कहने लगे क‍ि दैन‍िक जागरण ने आज सुबह 11 बजे कोरोना के श‍िकार लोगों के सम्‍मान में दो म‍िनट मौन रखकर श्रद्धांजल‍ि देने की घोषणा की कर रखी थी, उन्‍हें याद था। पहले से ही सोच रखा था क‍ि क‍िसी सूरत में इस पुण्‍य अवसर को नहीं चूकना है। जहां मौजूद रहेंगे, वहीं खड़े होकर श्रद्धांजल‍ि अर्प‍ित करेंगे, और आज ऐसा ही क‍िया। दैन‍िक जागरण ने यह शानदार पहल की है। हम सब को कोरोना के श‍िकार लोगों के स्‍वजन के साथ खड़ा होना ही चाह‍िए।

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