Sarkari Naukri: जिला समाहरणालय में बंपर वैकेंसी... कार्मिक विभाग ने शुरू की नियुक्ति की कवायद
Sarkari Naukri सरकारी नौकरी पाने को दिन-रात कड़ी मेहनत करने वाले युवाओं के लिए सुनहरा अवसर है। झारखंड के सभी जिला समाहरणालय में बंपर वैकेंसी निकलने जा रही है। कार्मिक विभाग ने नियुक्तियों के लिए कवायद तेज कर दी है। सभी जिलों से रिक्तियों की जानकारी ली जा रही है।
रांची, राज्य ब्यूरो। Sarkari Naukri, Jharkhand News झारखंड में राज्य स्तरीय नियुक्तियों के बाद अब कार्मिक विभाग ने जिलों में कर्मियों की कमी को दूर करने के उद्देश्य से समाहरणालय में रिक्तियों से संबंधित आंकड़े जुटाने की कवायद शुरू कर दी है। कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग में बुधवार को इस मसले पर राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित है जिसमें सभी जिलों से ऐसी रिक्तियों की जानकारी तलब की जाएगी। इस बीच, नियमावली बनाने को लेकर चल रही गतिविधियों की समीक्षा भी बुधवार को होगी।
मेडिकल व इंजीनियरिंग की निश्शुल्क कोचिंग के लिए 125 विद्यार्थियों का चयन
राज्य सरकार द्वारा संचालित आकांक्षा योजना के तहत मेडिकल तथा इंजीनियिरंग की तैयारी हेतु निश्शुल्क कोचिंग के लिए 125 छात्र-छात्राओं का चयन किया गया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक हर्ष मंगला की अध्यक्षता में हुई राज्य स्तरीय चयन समिति की बैठक में इनके चयन पर स्वीकृति मिली। 75 विद्यार्थियों का चयन इंजीनियरिंग तथा 50 विद्यार्थियों का चयन मेडिकल की तैयारी के लिए हुआ है। एक नवंबर से चयनित विद्यार्थियों की तैयारी शुरू कर दी जाएगी।
अंतरराष्ट्रीय कंपनी केपीएमजी को मिला वन डिस्ट्रिक्ट, वन फूड का जिम्मा
झारखंड में वन डिस्ट्रिक्ट, वन फूड के तहत चयनित उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कंपनी केपीएमजी को जिम्मेदारी दी गई है। कंपनी किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए भारत सरकार के प्रयासों के अनुरूप अपना काम कर रही है। इतना ही नहीं, उत्पादों के लिए राष्ट्रीय के साथ-साथ वैश्विक बाजार का प्रबंध भी कंपनी करने जा रही है। कंपनी राज्य स्तरीय उन्नयन योजना तैयार करने के साथ ही जिलों में चयनित उत्पादों के लिए अपने अनुभव के आधार पर निवेशकों की मदद करेगी।
ज्ञात हो कि योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जिले के उत्पादों को बाजार में उतारना है। इन उत्पादों को तैयार करने के लिए छोटे समूहों को आर्थिक मदद उपलब्ध कराने की भी केंद्र सरकार की योजना है। आत्मनिर्भर भारत के तहत फूड प्रोसेसिंग इकाइयों के निर्माण को लेकर भारत सरकार से दिशानिर्देश मिले हुए हैं जिसके तहत कार्रवाई करते हुए स्वयं सहायता समूहों को नियमानुसार मदद मुहैया कराई जाएगी।
राज्य स्तर पर केपीएमजी का चयन हो जाने से सरकार को स्वयं सहायता समूहों की मदद के लिए अधिक सोचने की जरूरत नहीं है। ज्ञात हो कि झारखंड में 5465 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के गठन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को ऐसी इकाइयों के लिए महज 10 प्रतिशत निधि का इंतजाम करना है और शेष राशि बैंक लिंकेज के माध्यम से ऋण के रूप में प्राप्त होगा।
इसका मतलब सीधे तौर पर यह हुआ कि एक लाख रुपये की लागत से कोई भी स्वयं सहायता समूह दस लाख रुपये तक की कंपनी खोल सकती है। कंपनी के लिए उपकरण तक इस योजना के माध्यम से उपलब्ध कराए जाएंगे। बड़ी बात यह है कि कंपनी के सफल संचालन पर 10 लाख रुपये सब्सिडी देने का भी प्रविधान किया गया है। राज्य कैबिनेट से इस प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।