Sarkari Job: झारखंड में हजारों सरकारी नौकरियां, 75 हजार प्राथमिक शिक्षकों की बंपर बहाली... यहां देखें Details

Sarkari Job Sarkari Naukri 2021 झारखंड में एक साथ 75 हजार प्राथमिक शिक्षकों की बहाली की कवायद शुरू कर दी गई है। मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने शिक्षकों के रिक्‍त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। यहां देखें Details...

By Alok ShahiEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 11:46 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 11:47 PM (IST)
Sarkari Job: झारखंड में हजारों सरकारी नौकरियां, 75 हजार प्राथमिक शिक्षकों की बंपर बहाली... यहां देखें Details
Sarkari Job, Sarkari Naukri 2021: झारखंड में एक साथ 75 हजार प्राथमिक शिक्षकों की बहाली शुरू कर दी गई है।

रांची, राज्य ब्यूरो। Sarkari Job, Sarkari Naukri 2021, Jobs in Jharkhand राज्य के प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में लगभग 75 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की कवायद शुरू कर दी गई है। इसके लिए नए पद सृजन के साथ-साथ नियुक्ति नियमावली में संशोधन की तैयारी चल रही है। जितने पदों पर नियुक्ति होगी उनमें वर्ष 2015-16 में नियुक्ति के बाद रिक्त रह गए पद भी शामिल है।

नियुक्ति से पहले हो सकती है टेट परीक्षा, चल रहा मंथन

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने से पहले शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित करने पर विचार कर रहा है। हालांकि इसपर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। यदि इसपर सहमति नहीं बनती है तो शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित करने से पहले भी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। बता दें कि राज्य में शिक्षक पात्रता परीक्षा अभी तक महज दो बार वर्ष 2012 तथा 2016 में हुई है।

राज्य में वर्ष 2016 के बाद नहीं हुई है शिक्षक पात्रता परीक्षा

नियुक्ति से पहले यदि शिक्षक पात्रता परीक्षा नहीं होती है तो वर्ष 2016 के बाद प्रशिक्षण प्राप्त विद्यार्थी नियुक्ति प्रक्रिया से वंचित होने के कारण इसका विरोध कर सकते हैं। मामला न्यायालय में भी जा सकता है। इस कारण ही पहले शिक्षक पात्रता परीक्षा लेने पर विचार किया जा रहा है। इधर, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में लगभग 71 हजार नए पदों का सृजन की भी तैयारी कर रहा है। इसपर प्रशासकीय पदवर्ग समिति, विधि विभाग, वित्त विभाग तथा कार्मिक विभाग की भी स्वीकृति ली जा रही है।

नियमावली में हो रहा यह बदलाव

प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली में संशोधन करते हुए जो नए प्रविधान किए जा रहे हैं उसके तहत कक्षा एक से पांच तथा कक्षा छह से आठ के शिक्षको की नियुक्ति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) के अलावा एक और परीक्षा ली जाएगी। यह परीक्षा राज्य स्तर पर झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ली जाएगी। हालांकि शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी इसका विरोध कर रहे हैं। बता दें कि वर्ष 2015-16 में हुए नियुक्ति में जिला स्तर पर शिक्षक पात्रता परीक्षा के अंकों तथा एकेडमिक अंकों के आधार पर मेधा सूची जारी की गई थी

नियमावली में किया जा रहा बदलाव, टेट के बाद होगी एक और लिखित परीक्षा

राज्य के प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति की तैयारी राज्य सरकार का सराहनीय कदम है। यदि नियुक्ति हो पाती है तो राज्य के सरकारी स्कूलों को लगभग 75 हजार शिक्षक मिल पाएंगे। बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्कूलों में बच्चों के अनुपात में शिक्षकों का हाेना बहुत जरूरी है। निश्शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 में भी इसे अनिवार्य किया गया है। शिक्षकों की नियुक्त से पहले पद सृजन, नियुक्ति नियमावली में संशोधन तथा रोस्टर आरक्षण से संबंधित प्रक्रियाएं पूरी की जानी हैं। ये सभी प्रक्रियाएं समय पर और नियम के अनुसार हो, यह भी जरूरी है।

शिक्षकों की नियुक्ति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा के साथ-साथ एक और लिखित परीक्षा लेने की तैयारी चल रही है। यह भी अच्छी पहल है। इससे गुणी शिक्षकों की नियुक्ति हो पाएगी। शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी इसका विरोध कर रहे हैं जो कि गलत है। उन्हें इस प्रक्रिया का समर्थन करना चाहिए क्योंकि नियुक्ति के लिए एक और परीक्षा आयोजित करना उनके हित में होगा। राज्य स्तर पर नियुक्ति प्रक्रिया लिखित परीक्षा के माध्यम से होने से भ्रष्टाचार या किसी तरह की गड़बड़ी की संभावना भी कम रहेगी। वर्ष 2015-16 में जिला स्तर पर हुई नियुक्ति में कई जिलों में भारी गड़बड़ियां सामने आई थीं। अब नियुक्ति में ऐसी संभावनाएं काफी कम रहेंगी।

यह भी जरूरी है कि नियुक्ति नियमावली दुरुस्त हो। इसमें जो भी संशोधन किए जाएं वे व्यावहारिक और विभिन्न अधिनियमों एवं नियमों के अनुकूल हों, क्योंकि बाद में उसमें किसी तरह की खामी सामने आने के बाद उसका असर नियुक्ति प्रक्रिया पर पड़ता है। माध्यमिक शिक्षकों के अलावा कई पदों पर होनेवाली नियुक्ति में इस तरह की समस्याएं सामने आ रही हैं। नियुक्ति नियमावली में खामी होने पर नियुक्ति के बाद भी मामला कोर्ट में चला जाता है। ऐसे में कई बार पूरी नियुक्ति रद करनी पड़ी है। उम्मीद है कि राज्य सरकार इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी। नियमावली दुरुस्त होगी जिसमें किसी प्रकार के कील-कांटे की काेई संभावना नहीं होगी। स्कूलों को समय पर अच्छे शिक्षक मिलेंगे। सरकारी स्कूलों में भी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी। 

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