नए वैरिएंट की जांच के लिए 26 मरीजों का सैंपल जीनोम सिक्वेंसिग के लिए आईएसएल भुवनेश्वर भेजा गया

कुछ दिनों में विभाग के पास आएगी रिपोर्ट हर माह सैंपल जांच के लिए भेजे जाने का है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 08:00 AM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 08:00 AM (IST)
नए वैरिएंट की जांच के लिए 26 मरीजों का सैंपल जीनोम सिक्वेंसिग के लिए आईएसएल भुवनेश्वर भेजा गया
नए वैरिएंट की जांच के लिए 26 मरीजों का सैंपल जीनोम सिक्वेंसिग के लिए आईएसएल भुवनेश्वर भेजा गया

कुछ दिनों में विभाग के पास आएगी रिपोर्ट

हर माह सैंपल जांच के लिए भेजे जाने का है नियम जासं,रांची : देश में नए वैरिएंट ओमिक्रोन के चार मरीज मिलने के बाद पूरे राज्य में एलर्ट जारी है। इस बीच राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स द्वारा 26 कोरोना पाजिटिव मरीजों का सैंपल जिनोम सिक्वेंसिग के लिए आईएसएल भुवनेश्वर भेजा गया है। पिछले 15 दिनों में कुल 26 मरीजों के जिनोम सिक्वेंसिग के लिए सैंपल लिया गया था, जिनमें कोरोना के नए वैरिएंट की आशंका होने के बाद जिनोम सिक्वेंस कराया जा रहा है। रिपोर्ट अगले सात दिनों में सीधे विभाग के पास भेजी जाएगी। निजी अस्पताल में भर्ती एक मरीज के सैंपल की जिनोम सिक्वेंसिग के लिए भी रांची सिविल सर्जन ने रिम्स के माध्यम से भेजा है। रिम्स माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एचओडी डा मनोज ने बताया कि कुल 26 पाजिटिव पाए गये मरीजों के सैंपल को जिनोम सिक्वेंसिग के लिए भेजा है। उन्होंने बताया कि जब जिनोम सिक्वेंसिग की रिपोर्ट आएगी तब ही पता चल पाएगा कि यह वैरिएंट डेल्टा है या ओमिक्रोन है।

आईसीएमआर के गाइडलाइन के अनुसार राज्य में मिलने वाले कुल पाजिटिव मरीजों में कुछ के रैंडम सैंपल को जिनोम सिक्वेंसिग के लिए भेजा जाता है। जिनोम सिक्वेंसिग के लिए भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट पहले आईसीएमआर को जाती है। उसके बाद आइसीएमआर से विभाग के पास आता है, उसके बाद जांच केंद्र को रिपोर्ट भेजे जाते हैं। वहीं से आगे की रणनीति तय होती है। सिविल सर्जन डा विनोद कुमार ने बताया कि उपायुक्त के आदेश के अनुसार मेडिका अस्पताल में भर्ती मरीज के सैंपल को जिनोम सिक्वेंसिग के लिए भेजा गया है। उन्होंने बताया कि मरीज में किसी तरह के कोई ट्रेवल हिस्ट्री का मामला नहीं पाया गया है। राज्य के पास नहीं है जिनोम सिक्वेंसिग मशीन :

झारखंड में पॉजिटिव सैंपलों के वेरिएंट के जांच के लिए जिनोम सिक्वेंसिग मशीन नहीं है। जिनोम सिक्वेंसिग के लिए वर्तमान में सैंपल भुवनेश्वर भेजे जाते हैं। अगर राज्य के पास अपना जिनोम सिक्वेंसिग मशीन होता तो वेरिएंट की पुष्टि एक सप्ताह के अंदर ही हो सकती थी। पिछले दिनों रिम्स जीबी की बैठक में जिनोम सिक्वेंसिग मशीन की खरीदारी पर सहमति दे दी गई है। रिम्स निदेशक ने बताया कि जल्द ही इस मशीन की खरीदारी के लिए टेंडर निकाला जाएगा, जिसके बाद खरीदारी की प्रकिया शुरू होगी। हालांकि इन सारी प्रक्रियाओं में अभी काफी वक्त लग सकता है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया रिम्स और एमजीएम दोनों जगहों पर इस मशीन को लगाने की बात कह चुके हैं।

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