सलीमा ने अपनी तेजी से सब को बनाया मुरीद, पाकिस्तान के इस पूर्व वेटरन खिलाड़ी से होने लगी तुलना
टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम का सफर बिना पदक के भले ही थम गया लेकिन टीम ने जो संघर्ष क्षमता और शानदार खेल का प्रदर्शन किया है उसके सभी मुरीद हो गए। ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ भारतीय टीम भले हार गई।
रांची [संजीव रंजन] । टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम का सफर बिना पदक के भले ही थम गया लेकिन टीम ने जो संघर्ष क्षमता और शानदार खेल का प्रदर्शन किया है उसके सभी मुरीद हो गए। ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ भारतीय टीम भले हार गई। लेकिन इस मैच में झारखंड की सलीमा टेटे ने अपने खेल से सभी को प्रभावित किया। उसकी तेजी और चपलता का जवाब विरोधी टीम के पास नहीं था।
पूरे मैच में ग्रेट ब्रिटेन खिलाड़ियों की नजर उसी पर थी और उसे रोकने के लिए दो-तीन खिलाड़ी लग जाती थीं। सलीमा की तेजी को देखते हुए कॉमेंटेटर और पूर्व खिलाड़ियों ने उसकी तुलना पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी शाहबाज अहमद से कर दी। शाहबाज भी अपनी गति और चपलता के लिए प्रसिद्ध थे।
सलीमा का खेल देख गदगद हुई प्रतिमा
सेमीफाइनल मुकाबले में झारखंड कि सलीमा टेटे के प्रदर्शन को देख उसकी कोच प्रतिमा बरवा काफी खुश है, उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा पूरे ओलिंपिक में सलीमा ने शानदार प्रदर्शन किया और अपने खेल से सब को प्रभावित करने में सफल रही। उन्होंने कहा कि सलीमा का यह पहला ओलंपिक है और अभी उसे लंबा सफर तय करना. पाकिस्तान के पूर्व वेटरन हॉकी खिलाड़ी शाहबाज अहमद से तुलना किए जाने पर खुशी जाहिर की और कहा यह बहुत बड़ी बात है कि अपने छोटे से ही कैरियर में उसकी तुलना इतने महान खिलाड़ी से की जा रही है. मुझे सलीमा पर गर्व है और विश्वास है कि आने वाले समय में उसका खेल और निखरेगा।
दशरथ महतो ने भी निक्की की प्रशंसा की
निक्की प्रधान के कोच दशरथ बातों ने भी अपनी शिष्या के फिर की प्रशंसा की और कहां उसे जब भी मौका मिला शानदार खेल दिखाया। निक्की और सलीमा झारखंड के रोल मॉडल बन गई है और युवा खिलाड़ी उन से प्रेरित होकर अपने खेल में निखार लाएंगे।