Tokyo Olympics: सलीमा व निक्की के पिता बोले- मैच में हार-जीत लगी रहती है; टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया

ओलिंपिक में भारतीय महिला टीम कांस्य पदक जीतने से भले ही चूक गई हो लेकिन देश की बेटियों ने अपने जज्बे व जुनून से साबित कर दिया कि आने वाला वक्त उनका है तथा इस हार से और भी मजबूत बनकर उभरेंगी।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Fri, 06 Aug 2021 11:21 AM (IST) Updated:Fri, 06 Aug 2021 11:21 AM (IST)
Tokyo Olympics: सलीमा व निक्की के पिता बोले- मैच में हार-जीत लगी रहती है; टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया
Tokyo Olympics: सलीमा व निक्की के पिता बोले- मैच में हार-जीत लगी रहती है। जागरण

सिमडेगा/खूंटी, जाटी। ओलिंपिक में भारतीय महिला टीम कांस्य पदक जीतने से भले ही चूक गई हो, लेकिन देश की बेटियों ने अपने जज्बे व जुनून से साबित कर दिया कि आने वाला वक्त उनका है तथा इस हार से और भी मजबूत बनकर उभरेंगी। जहां भारतीय टीम में शामिल सिमडेगा की बेटी सलीमा के गांव में भी सुबह से उत्साह का माहौल था। लोग खेती- बाड़ी का काम छोड़ सलीमा के घर मैच देखने के लिए पहुंच गए थे। भारतीय टीम के हर गोल पर गांव वाले स्थानीय भाषा में मार सलीमा मार, गोल मार का शोर करते रहे थे। वहीं, खूंटी में निक्की के माता-पिता के साथ पूरा गांव मैच पर नजरे जमाये हुआ था।

मैच हारने के बाद सलीमा के पिता सुलक्षण टेटे ने टीम के खिलाड़ियों का हौंसला बढ़ाते हुए कहा कि मैच में हार-जीत तो लगी रहती है। भारतीय टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया। भविष्य में टीम और बेहतर प्रदर्शन करेगी। वहीं सलीमा की बहन व राष्ट्रीय स्तर की हॉकी खिलाड़ी महिमा टेटे ने कहा कि महिला टीम की हार निराशा हुई है। लेकिन यह भी सच है कि महिला टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया है। इसका गर्व भी है। उसने कहा कि उसका भी सपना भारत को ओलिंपिक में गोल्ड दिलाना है। इधर सलीमा की मां सुबानी टेटे भी कहा कि हार से दुखी हूं पर टीम को शुभकामनाएं देती हूं कि वह भविष्य में और बेहतर प्रदर्शन करे।

इधर, निक्की के प्रारंभिक कोच दशरथ महतो ने कहा कि हार-जीत मैच का एक हिस्सा है। टीम ने देश को सेमीफाइनल तक पहुंचा यही गौरव की बात है। निक्की के साथ सलीमा व टीम के सभी खिलाड़ियों ने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया। निक्की तो युवाओं के लिए रौल मॉडल बन गई है। मौके पर खूंटी जिले के मुरहू के प्रखंड विकास पदाधिकारी मिथिलेश कुमार सिंह ने कहा कि निक्की हमारे जिले की ही नहीं बल्कि पूरे राज्य के लिए शान है। निक्की को राज्य की पहली महिला ओलंपियन बबने का गौरव हासिल है। टोक्यो ओलंपिक निक्की का दूसरा ओलंपिक है। मैच हारने के बावजूद भारतीय टीम खेल प्रेमियों का दिल जीत गई।

हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रही थी निक्की की मां

निक्की प्रधान के पिता सोमा प्रधान ने कहा कि उसे गर्व है कि वे निक्की के पिता हैं। झारखंड की पहली महिला ओलिंपियन बनने वाली निक्की का टोक्यो ओलिंपिक दूसरा ओलिंपिक है। इससे पहले निक्की रियो ओलिंपिक खेल चुकी है। भारतीय महिला हॉकी टीम ने नई मुकाम हासिल की है। मैच जीतना व हारना अलग बात है। टीम का मेहनत और संघर्षपूर्ण प्रयास काम आया है। सोमा प्रधान कहते है कि मेडल तो 2024 के ओलिंपिक में आ ही जाएंगे। उन्होंने बेटी के प्रदर्शन से खुशी जताया है। वहीं निक्की की मां भी निक्की के खेल से खुश हैं। मां जीतनी देवी ने कहा कि हार के बाद भी टीम सेमीफाइनल तक पहुंची यही गर्व की बात है। मैच के दौरान निक्की की मां कई बार हाथ जोड़े भगवान से जीत की प्रार्थना करते हुए दिखाई दी।

लोगों ने दिल थाम कर देखा दमदार मैच का नजारा

टोक्यो ओलंपिक में महिला हॉकी के कांस्य पदक के लिए शुक्रवार को खेला गया मैच ब्रिटेन की झोली में गया। दमदार मैच में ब्रिटेन ने भारतीय टीम को चार- तीन से शिकस्त दी। भारतीय टीम में शामिल खूंटी जिले के सुदूरवर्ती हेसल गांव की रहने वाली निक्की प्रधान भी शामिल है। निक्की के गांव में लोगों ने बड़े पर्दे पर मैच का सीधा प्रसारण देखा। धान रोपनी का दौर चल रहा है बावजूद इसके लोग हॉकी मैच देखने के लिए काफी संख्या में जुटे रहे। पूरा हेसल गांव हॉकी की दीवानी है।

हेसल गांव में 13 राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय हॉकी का महिला खिलाड़ी दिया है। गांव में शुक्रवार की सुबह मैच शुरू होने के पहले से ही लोगों में खासा उत्साह था। मैच शुरू होने के बाद लोग इंडिया टीम के गोल करने पर खुशी जता रह थे और गोल खाते ही मायूस हो जा रहे थे। युवाओं में हॉकी का जुनून देखते ही बन रहा था। यहां निक्की के पिता सोमा प्रधान, निक्की के प्रारंभिक कोच दशरथ महतो, प्रखंड विकास पदाधिकारी मिथिलेश कुमार सिंह ने ग्रामीणों के साथ मैच देखा।

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