Jharkhand: राज्‍यपाल से मिले रूपा तिर्की के परिजन, न्‍याय दिलाने की लगाई गुहार

Rupa Tirkey Death Case Sahibganj News रूपा तिर्की के परिजनों ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को बताया कि अनुसंधान कार्य में लापरवाही बरती गई है। परिजनों ने राज्यपाल को ज्ञापन समर्पित करते हुए न्याय दिलाने के लिए आग्रह किया।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 01:41 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 07:36 PM (IST)
Jharkhand: राज्‍यपाल से मिले रूपा तिर्की के परिजन, न्‍याय दिलाने की लगाई गुहार
Rupa Tirkey Death Case, Sahibganj News राज्‍यपाल से मिलते रूपा तिर्की के परिजन।

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। साहिबगंज की महिला थाना प्रभारी रही रूपा तिर्की के परिजनों ने शनिवार को राजभवन में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिलकर न्याय दिलाने की मांग की। परिजन भाजपा के प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष आरती कुजूर के साथ राजभवन पहुंचे थे। इस क्रम में परिजनों ने राज्यपाल को रूपा तिर्की की संदेहास्पद मृत्यु के सन्दर्भ में विस्तृत जानकारी दी। साथ ही कहा कि मामले के अनुसंधान कार्य में लापरवाही बरती गई है।

रूपा तिर्की की मां पद्दावती उराइन ने राज्यपाल को ज्ञापन समर्पित करते हुए न्याय दिलाने हेतु आग्रह किया। सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि जब रूपा के पार्थिव शव का पोस्टमार्टम किया गया तो बिसरा तक सुरक्षित नहीं रखा गया। न ही मेडिकल कॉलेज में एक्सपर्ट द्वारा पोस्टमार्टम कराया गया। बताते चलें कि रूपा तिर्की का शव उसके कमरे में मिला था। परिजन इसे संदेहास्पद बताते हुए इसकी सीबीआइ से जांच की मांग कर रहे हैं। पिछले दिनों राज्यपाल ने इस मामले में डीजीपी नीरज सिन्हा को राजभवन बुलाकर मामले की सही जांच के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।

बेटी के लिए न्याय की मांग करने पर पिता को ही आरोपी बनाना निंदनीय : नवीन जायसवाल

रूपा तिर्की की मौत के मामले में राज्य सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मंशा पर सवाल उठाते हुए हटिया विधायक सह भाजपा नेता नवीन जायसवाल ने कहा कि कल तक रूपा तिर्की को अपनी बहन बताने वाले हेमंत सोरेन की सरकार ने रूपा के परिजनों की आवाज को दबाने के लिए उसके पिता को ही आरोपी बना दिया।

अपनी बेटी के लिए न्याय की मांग करने की वजह से रूपा के परिजनों को इस मामले में घसीटने की कोशिश निंदनीय है। झारखंड हाई कोर्ट ने भी रूपा के परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया है। ऐसे में उसके पिता का नाम बेवजह इस केस से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। खुद को आदिवासियों की हितैषी बताने वाली झारखंड सरकार एक आदिवासी बेटी के साथ ही न्याय करने में असमर्थ साबित हो रही है।

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