भूमि संरक्षण के लिए संघ चलाएगा भूमि सुपोषण अभियान, खाद का कम प्रयोग करने का लेंगे संकल्‍प

Jharkhand News मिट्टी की घटती उर्वरा शक्ति को लेकर राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ चिंतित है। 13 अप्रैल से 24 जुलाई तक पूरे देश में अभियान चलेगा। खेत की मिट्टी की पूजा कर रासायनिक खाद का कम से कम प्रयोग व जैविक खेती करने का संकल्प लेंगे।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Thu, 08 Apr 2021 08:23 PM (IST) Updated:Thu, 08 Apr 2021 08:25 PM (IST)
भूमि संरक्षण के लिए संघ चलाएगा भूमि सुपोषण अभियान, खाद का कम प्रयोग करने का लेंगे संकल्‍प
Jharkhand News 13 अप्रैल से 24 जुलाई तक पूरे देश में अभियान चलेगा।

रांची [संजय कुमार]। Jharkhand News देश में मिट्टी की घटती उर्वरा शक्ति को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) चिंतित है। संघ का मानना है कि खेती में रासायनिक खाद का अधिक प्रयोग होने के कारण मिट्टी बंजर होती जा रही है। इससे मिट्टी में जल संचयन की क्षमता कम होती जा रही है। रासायनिक उत्पादों के उपयोग से तरह-तरह की बीमारियों से लोग ग्रसित हो रहे हैं। यही स्थिति रही तो आने वाले समय में स्थिति भयावह हो जाएगी। इसलिए समय रहते संघ ने सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर भूमि की रक्षा के लिए अभियान चलाने का निर्णय लिया है।

इसके लिए पूरे देश में वर्ष प्रतिपदा (भारतीय नववर्ष) यानी 13 अप्रैल के दिन भूमि सुपोषण अभियान की शुरुआत की जाएगी, जो 24 जुलाई तक चलेगी। अभियान के सचिव डा. बैरिंदम गुणाकर ने कहा कि उस दिन मंदिर, मठ, ग्राम पंचायत या कोई सार्वजनिक स्थल पर गांव के लोग जमा होकर खेतों से लाई गई मिट्टी की पूजा करेंगे और अपने-अपने खेतों में रासायनिक खादों का कम से कम प्रयोग करने व जैविक खेती करने का संकल्प लेंगे।

दो लाख से अधिक गांवों में कार्यक्रम करने की है योजना

इस अभियान से जुड़े एकल अभियान के राष्ट्रीय सह अभियान प्रमुख ललन शर्मा ने कहा कि पूरे देश में लगभग दो लाख से अधिक गांवों में कार्यक्रम करने की योजना है। इसको लेकर लोगों में काफी उत्साह है। सभी जगहों पर कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम किए जाएंगे। उस दिन निश्चित स्थान पर किसानों के खेत की मिट्टी, गौ, बछड़ा, खेती के औजार आदि की पूजा कर लोगों को रासायनिक खेती के दुष्प्रभाव बताए जाएंगे। साथ ही लोगों को जैविक खेती के फायदे बताते हुए इसे अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। मौके पर लोग मिट्टी का क्षरण रोकने, मिट्टी संवर्द्धन के उपाय करने, सिंचाई में पानी का अपव्यय रोकने, मेढ़ पर पेड़ लगाने, भूमि के लिए हानिकारक पदार्थ प्लास्टिक, थर्मोकोल इत्यादि का न्यूनतम उपयोग करने का लोग संकल्प लेंगे।

पतंजलि सहित कई संगठन संघ के इस अभियान में हो रहे शामिल

डा. गुणाकर ने बताया कि इस अभियान में संघ के ग्राम विकास गतिविधि, गौ सेवा गतिविधि, पर्यावरण गतिविधि के साथ-साथ अक्षय कृषि परिवार, पतंजलि, गायत्री परिवार, रामकृष्ण मिशन, जियर ट्रस्ट, गो आधारित प्रकृति संस्था, वंशीगीर गोशाला, गंगा सेवा समिति, कृषि प्रयोग परिवार, एकलव्य फाउंडेशन आदि संगठन भाग लेंगे। इसके साथ ही आरएसएस के अनुषांगिक संगठनों में विद्या भारती, एकल अभियान, विहिप, सहकार भारती, वनवासी कल्याण केंद्र, दीनदयाल शोध संस्थान, लोक भारती, भारतीय किसान संघ, स्वदेशी जागरण मंच, राष्ट्रीय सेवा भारती, गो विज्ञान अनुसंधान सहित कई अन्य संगठन इस अभियान में लगेंगे।

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