कोरोना ने अपनों को किया बेगाना, संघ के स्‍वयंसेवक करा रहे दाह संस्‍कार व पिंडदान

Ranchi Jharkhand News जरूरत पड़ने पर कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर व अस्पतालों में बेड दिलवाने तक की चिंता कर रहे हैं। बाहर से इलाज कराने के लिए आने वाले मरीजों के स्वजनों को भोजन कराने में भी मदद कर रहे हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 03:59 PM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 05:06 PM (IST)
कोरोना ने अपनों को किया बेगाना, संघ के स्‍वयंसेवक करा रहे दाह संस्‍कार व पिंडदान
Ranchi Jharkhand News संघ के स्‍वयंसेवक कोरोना मरीजों की मदद कर रहे हैं।

रांची, [संजय कुमार]। Ranchi Jharkhand News कोरोना संक्रमण महामारी के कारण जब अपने लोग भी साथ देने को तैयार नहीं हो रहे हैं, उस परिस्थिति में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक मदद के लिए आगे आ रहे हैं। कोरोना संक्रमित वैसे लोग जिनकी देखभाल के लिए स्वजन और परिचित भी साथ छोड़ दे रहे हैं, वैसे लोगों की चिंता करने में स्वयंसेवक लगे हैं। सूचना मिलते ही उनकी दवा से लेकर भोजन तक की व्यवस्था कर रहे हैं। जरूरत पड़ने पर ऑक्‍सीजन सिलेंडर व अस्पतालों में बेड दिलवाने तक की चिंता कर रहे हैं।

इसके साथ ही कोरोना के कारण किन्हीं का निधन हो गया और परिवार का कोई भी व्यक्ति सामने नहीं आ रहा है तो दाह संस्कार भी करवा रहे हैं। दाह संस्कार के बाद जब पिंडदान कराने के लिए कोई पंडित जी तैयार नहीं हो रहे हैं तो संघ के स्वयंसेवक गंगा में जाकर अस्थि विसर्जन करने से लेकर पिंडदान भी कराने का काम कर रहे हैं। हजारीबाग के विभाग प्रचारक कुणाल ने बातचीत में कहा कि संकट की इस घड़ी में लोगों के साथ संघ पूरी तरह से खड़ा है।

पिछले दिनों हजारीबाग में कोरोना से सुभाष प्रसाद की मृत्यु हो गई और पिंडदान के लिए पंडित जी नहीं मिल रहे थे। उस परिस्थिति में स्वयंसेवक संदीप उपाध्याय ने उनका पिंडदान करवाया। ऐसे कई उदाहरण सामने हैं। कहा, रविवार से हजारीबाग में 6 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन भी लोगों को देने के लिए उपलब्ध है। जब तक पेशेंट को ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिल जाता है, तब तक के लिए मशीन दी जाती है। अभी छह मशीन ही उपलब्ध है। समाज के सहयोग से इसकी संख्या बढ़ाई जाएगी।

रांची व हजारीबाग सहित सभी जिला मुख्यालयों में भोजन व्यवस्था

संघ के स्वयंसेवकों की ओर से रांची, हजारीबाग, देवघर, धनबाद सहित सभी जिला मुख्यालयों व कई प्रखंड मुख्यालयों में भोजन की व्यवस्था शुरू की है। होटल बंद रहने के कारण बाहर से इलाज कराने के लिए आने वाले मरीजों के स्वजनों को भोजन करने में काफी परेशानी हो रही थी। कई लोगों को तो बिस्कुट खाकर रात गुजारनी पड़ रही है। साथ ही कई परिवार ऐसे हैं, जहां सभी संक्रमित हैं। उन लोगों को भोजन में कठिनाई हो रही है। ऐसे लोगों के लिए स्वयंसेवक भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं। अस्पतालों में भोजन पहुंचाने के साथ ही घर पर भी भोजन पहुंचाने का काम कर रहे हैं। इस काम में 1000 से अधिक स्वयंसेवक लगे हैं। अधिकतर जगहों पर स्वयंसेवक स्वयं से भोजन तैयार कर रहे हैं।

24 से अधिक तरह की सेवा कार्य में लगे हैं स्वयंसेवक

हजारीबाग सहित देश के अधिकतर शहरों में ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीमीटर, भोजन व्यवस्था, अस्पतालों में बेड की व्यवस्था, काढ़ा वितरण, एंबुलेंस, रक्तदान, प्लाज्मा, वैक्सीनेशन जागरुकता, मास्क वितरण, दवा वितरण, ऑक्सीजन फ्लो मीटर आदि की व्यवस्था करने सहित 24 तरह के सेवा कार्य में स्वयंसेवक लगे हैं। इनलोगों को सामाजिक संगठनों का भी सहयोग मिल रहा है।

chat bot
आपका साथी