संघ प्रमुख मोहन भागवत बोले- भारत को टुकड़े-टुकड़े करने का मनसूबा कभी भी पूरा नहीं होगा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को संघ को समझने के लिए शाखा में आना होगा। एक घंटे की शाखा में कुछ दिनों तक आने के बाद अच्छा लगे तो रहें नहीं तो आप जा सकते हैं। संघ में कोई रोक नहीं।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Mon, 13 Sep 2021 06:50 AM (IST) Updated:Mon, 13 Sep 2021 01:40 PM (IST)
संघ प्रमुख मोहन भागवत बोले- भारत को टुकड़े-टुकड़े करने का मनसूबा कभी भी पूरा नहीं होगा
बोले संघ प्रमुख मोहन भागवत, भारत को टुकड़े-टुकड़े करने का मनसूबा कभी भी पूरा नहीं होगा। जागरण

रांची [संजय कुमार] । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को संघ को समझने के लिए शाखा में आना होगा। एक घंटे की शाखा में कुछ दिनों तक आने के बाद अच्छा लगे तो रहें नहीं तो आप जा सकते हैं। संघ में कोई रोक नहीं है। संघ की शाखाएं सभी के लिए है। कुछ लोग भारत के टुकड़े करना चाहते हैं, परंतु उन टुकड़े-टुकड़े गैंग का मनसूबा कभी पूरा होने वाला नहीं है। यह दायित्व समाज को साथ लेकर संघ के स्वयंसेवकों का ही है।

इससे हमलोग मुक्त नहीं हो सकते हैं। वे धनबाद में अपने झारखंड प्रवास के अंतिम दिन प्रवासी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। सूत्रों के अनुसार संघ प्रमुख ने कहा कि स्वयंसेवकों का चरित्र लोगों के लिए अनुकरणीय हो। समाज हमलोगों की तरफ आशा भरी नजरों से देख रहा है। संघ से अपेक्षाएं काफी बढ़ गई हैं। इसलिए लोगों की अपेक्षाओं पर हमें खड़ा उतरना होगा।

प्रवासी कार्यकर्ताओं को स्वयंसेवकों की करनी होगी चिंता

मोहन भागवत ने कहा कि हमें अपनी-अपनी शाखा के स्वयंसेवकों की चिंता करनी होगी। यदि कोई स्वयंसेवक शाखा नहीं आता है तो उससे संवाद स्थापित कर जानना चाहिए कि क्यों नहीं आ रहे हैं। उनके घर जाना चाहिए। नए-नए लोगों को शाखा से जोडऩा चाहिए। प्रवासी कार्यकर्ताओं को अपनी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए प्रवास की गति में तेजी लानी चाहिए। अभी कोरोना संक्रमण की स्थिति ठीक है इसलिए अपनी गतिविधि बढ़ाने की जरूरत है। जो भी शाखाएं अभी बंद हैं उसे प्रारंभ करने की चिंता सभी को करनी होगी।

डाक्टर साहब केलक्ष्य को करना है पूरा

संघ प्रमुख ने कहा, सभी लोगों को मिलकर संघ को सर्वस्पर्शी और सर्वव्यापी बनाने के लिए काम करना है। उन्होंने कहा कि संघ संस्थापक डाक्टर केशव बलिराम हेडगेवार ने गांवों में एक प्रतिशत और शहरों में तीन प्रतिशत स्वयंसेवक बनाने की बात कही थी। वर्तमान की जनसंख्या को देखते हुए उस लक्ष्य से हम अभी बहुत पीछे हैं। उस लक्ष्य को हमें पूरा करना है।

शुरू से भारत हिंदू राष्ट्र है

डा. मोहन भागवत ने संघ के द्वितीय सरसंघचालक श्रीगुरुजी से संबंधित एक अमृत वचन का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत हिंदू राष्ट्र ही है। इसे हमें बनाना नहीं है बल्कि इसे और सर्वश्रेष्ठ, सर्वशक्तिमान और संस्कार युक्त बनाना है। हिंदू के बिना भारत की कल्पना नहीं की जा सकती है। हिमालय से दक्षिण में रहने वाले सभी लोग सार्वभौमिक और सतत रूप से हिंदू ही हैं क्योंकि सभी के पूर्वज हिंदू ही रहे हैं।

100 वर्षों तक चलने वाला विश्व का अकेला संगठन बनेगा संघ

मोहन भागवत ने कहा कि 2025 में आरएसएस के 100 वर्ष पूरे होंगे। विश्व में यह अकेला संगठन होगा जो बिना किसी टूट और विवाद के 100 वर्ष पूरे कर पाएगा। अब तक का इतिहास है कि कोई भी संगठन इतने वर्षों तक बिना टूट के नहीं चल पाया है। यह सब संघ के स्वयंसेवकों के निस्वार्थ भावना से काम करने के कारण की संभव हो पा रहा है। तीनों दिन की बैठक में क्षेत्र संघचालक देवव्रत पाहन, क्षेत्र प्रचारक रामनवमी प्रसाद, प्रांत संघचालक सच्चिदानंद लाल अग्रवाल, प्रांत कार्यवाह संजय कुमार, प्रांत सह कार्यवाह राकेश लाल, प्रांत प्रचारक दिलीप कुमार, अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख आलोक कुमार, क्षेत्र संपर्क प्रमुख अनिल ठाकुर सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।

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