25 हजार तक के ऋण माफ होंगे, 20 सूत्री समितियों का पुनर्गठन होगा

रांची झारखंड प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह ने मंगलवार को घोषणा की कि सरकार कृषि ऋण माफ करने के वादे को शीघ्र ही निभाएगी। उन्होंने रांची में प्रेसवार्ता में कहा कि फिलहाल दो हजार करोड़ रुपये इस मद में जारी होंगे जिससे 25 हजार रुपये तक ऋण लेने वाले किसानों को लाभ मिलेगा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 30 Sep 2020 12:28 AM (IST) Updated:Wed, 30 Sep 2020 12:28 AM (IST)
25 हजार तक के ऋण माफ होंगे, 20 सूत्री समितियों का पुनर्गठन होगा
25 हजार तक के ऋण माफ होंगे, 20 सूत्री समितियों का पुनर्गठन होगा

रांची : झारखंड प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह ने मंगलवार को घोषणा की कि सरकार कृषि ऋण माफ करने के वादे को शीघ्र ही निभाएगी। फिलहाल दो हजार करोड़ रुपये इस मद में जारी होंगे, जिससे 25 हजार रुपये तक ऋण लेने वाले किसानों को लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इस मुद्दे पर सहमति बन गई है और कई अन्य मुद्दों को लेकर भी दोनों दलों के बीच समन्वय स्थापित हो चुका है। प्रदेश में बीस सूत्री क्रियान्वयन समिति के पुनर्गठन को लेकर भी रणनीति बन चुकी है।

रांची में प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि उद्योग नहीं खुलने की स्थिति में भूखंड रैयतों को वापस किया जाएगा। साथ ही, यह भी कहा कि प्रदेश में आउटसोर्सिंग की नीति को समाप्त कर सरकारी दफ्तरों में सरकारी कर्मी ही रखे जाएंगे। कांग्रेस के मंत्रियों को निर्देश दिया जा चुका है कि वे अपने विभागों में रिक्तियों को पूरा करने की दिशा में कार्रवाई करें। आरपीएन ने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार सरना कोड लागू करने के लिए केंद्र से अनुशंसा करेगी। कांग्रेस ने घोषणापत्र में भी यह मुद्दा उठाया है। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान आरपीएन सिंह के साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डा. रामेश्वर उरांव, मंत्री आलमगीर आलम, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख के साथ-साथ कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर मौजूद थे।

आरपीएन सिंह ने रैयतों को जमीन वापसी के मुद्दे पर कहा कि सरकार इस मामले में छत्तीसगढ़ मॉडल को फॉलो करेगी। उन्होंने कहा कि जिन भूखंडों से गैस पाइपलाइन गुजरी है, कांग्रेस उनके मालिकों को पूरा मुआवजा देने के पक्ष में है। इन तमाम मुद्दों को लेकर कांग्रेस की एक कमेटी राज्य सरकार से अनुशंसा करेगी। कहा कि 13 जिलों में हाई कोर्ट ने शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को ही रद कर दिया है। ऐसे पिछली सरकार की गलत नीतियों के कारण हुआ है। इसमें नियुक्त हुए शिक्षकों का कोई दोष नहीं है। उनकी नौकरी बचाने के लिए राज्य सरकार महंगा से महंगा वकील कर सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी। कहा कि भाजपा ने अपने शासनकाल में स्वास्थ्य एवं शिक्षा के नाम पर सिर्फ भवनों का निर्माण कराया, इसके संचालन के लिए कुछ नहीं किया। भवनों का निर्माण भी ठेकेदारों की मदद के लिए किया गया। आम लोगों को इससे कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने झारखंड में मनरेगा के तहत बेहतर काम होने का दावा करते हुए कहा कि देश में सबसे तेजी से भुगतान करने वालों में झारखंड नंबर वन है। दूसरे प्रदेशों से लौटे लाखों लोगों की मदद के लिए मनरेगा से 450 लाख मानव दिवस का सृजन किया गया। इसके अलावा, लोगों को घर तक अनाज पहुंचाकर सरकार ने सुनिश्चित किया कि किसी को भूखे नहीं रहना होगा। लाकडाउन में बेहतर जनसेवा के लिए उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं की भी सराहना की।

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जमीन के मामले संवेदनशील, नौकरशाहों की नहीं चलेगी :

आरपीएन सिंह ने कहा कि प्रदेश में जमीन के मामले संवेदनशील हैं और ऐसे में आम लोगों की भावनाओं के साथ कांग्रेस रहेगी। नौकरशाहों की नहीं चलेगी और ना ही उनके कहने पर कोई बदलाव होगा। वे लैंड म्यूटेशन एक्ट में बदलाव के संदर्भ में बोल रहे थे। कहा कि, कांग्रेस इस बात की पक्षधर है कि किसी भी बदलाव के लिए सभी की सहमति आवश्यक है।

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