अच्छी पहल: कोरोना में आनाथ हुए बच्चों को गोद लेगा आरपीएफ

कोरोना काल में बहुत सारे परिवारों के सामने गंभीर विपदा आई है। कई परिवारों में कमाने वाला और घर चलाने वाला सदस्य ही कोरोना की भेंट चढ़ गया। ऐसे भी परिवार हैं जहां सिर्फ बच्चे रह गए। बहुतों के सामने दो वक्त की रोटी का भी संकट है।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 11:50 AM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 11:50 AM (IST)
अच्छी पहल: कोरोना में आनाथ हुए बच्चों को गोद लेगा आरपीएफ
अच्छी पहल: कोरोना में आनाथ हुए बच्चों को गोद लेगा आरपीएफ। जागरण

रांची [शक्ति सिंह]। कोरोना काल में बहुत सारे परिवारों के सामने गंभीर विपदा आई है। कई परिवारों में कमाने वाला और घर चलाने वाला सदस्य ही कोरोना की भेंट चढ़ गया। ऐसे भी परिवार हैं, जहां सिर्फ बच्चे रह गए। बहुतों के सामने दो वक्त की रोटी का भी संकट है। ऐसे में उनका भविष्य अंधकार में दिख रहा है । मगर इस चिंता से सरकार खुद ही चिंतित है और उनके लिए योजना पर काम भी चल रहा है। इस ओर में कई दिशा निर्देश भी दिए गए हैं।

आरपीएफ ने भी अपनी संवेदना रखते हुए इस तरह के लावारिस ओर आर्थिक रूप से टूट चुके परिवार के बच्चों को गोद लेने का निर्णय लिया है। गोद लेने का तात्पर्य इंटर तक उनके रहने, खाने और शिक्षा की मुफ्त व्यवस्था करना है। अपनी योजना को अंजाम देने के लिए विभिन्न एजेंसियां, स्वयं सेवी संगठनों के साथ-साथ रेलवे ने मेरी सहेली टीम की भी मदद लेने का फैसला लिया है। अगर एजेंसियों से सहयोग नहीं भी मिला तो आरपीएफ खुद भी बीड़ा उठाने का काम करेगा।

इस दौरान नोडल पदाधिकारी की भी नियुक्ति की जाएगी जो बच्चों का नियमित मॉनिटरिंग के साथ-साथ ख्याल भी रखेगा। इसके अलावा बच्चों का काउंसलिंग भी किया जाएगा।ताकि बीते दिनों जो उन्हें अपनों के खोने का सदमा लगा उससे उभर सकें और अपने भविष्य को संवारने के साथ-साथ आगे की ओर अग्रसर हो सकें।

ऐसे भी आरपीएफ रेलवे की सुरक्षा और संरक्षा की दिशा में बीजेपी निभाने के साथ साथ सामाजिक दायित्व की ओर अपनी सक्रियता रखता है। परिवार के कई बिछड़े हुए सदस्यों को मिलाने का भी कार्य करता रहा है। फिलहाल रेलवे बोर्ड ने इसमें सभी जोनल कार्यों को दिशा निर्देश भी दिया है।

रेलवे के दिशा-निर्देश पर वैसे अनाथ बच्चे को पढ़ाने का काम करेगा , जिनके माता पिता कोरोना के कारण निधन हो गया है। इसके लिए कई संगठनों पर संपर्क साध उनसे मदद ली जाएगी , ताकि बच्चों का भविष्य के संवर सके। -प्रशांत कुमार यादव, सीनियर डीएससी, रांची रेल मंडल

chat bot
आपका साथी