सुरक्षा के अलावा बिछड़ों को मिलाने व नाबालिगों के बहकते कदम से रोकती है आरपीएफ
आरपीएफ सिर्फ रेलवे और यात्रियों की सुरक्षा का ही ख्याल नहीं रखती बल्कि बिछड़ों को मिलाती भी है।
जागरण संवाददाता, रांची : आरपीएफ सिर्फ रेलवे और यात्रियों की सुरक्षा का ही ख्याल नहीं रखती है। बल्कि, बिछड़ों को भी मिलाने का काम करती है। अपने अनेक रूप में आरपीएफ की मेरी सहेली और नन्हे फरिश्ते नासमझ उम्र में प्यार के जाल में फंसकर भविष्य की चिता किए बिना ऐसा कदम उठा लेती हैं। बहुत सारे मामलों में शरीरिक शोषण या उससे उपजी कुंठा मे आत्महत्या करना या बेच दिए जाने के मामले सामने आते रहे हैं। नाबालिग लड़कियों का रेस्क्यू के साथ-साथ घर से भागे नाबालिग और गुमशुदा हुए लोगों को उनके परिजनों से मिलाने का काम कर रहे हैं। रांची रेल मंडल के आरपीएफ की टीम ने कई उपलब्धियां अपने नाम की है। रांची रेलवे स्टेशन पर रांची पटना जनशताब्दी एक्सप्रेस में एक लड़की और एक लड़के को चढ़ने के दौरान ही पकड़ लिया। लड़की बिना बताए घर से भागकर पटना जा रही थी। घटना 29 जुलाई की है, लड़की की चचेरी बहन ने इसकी जानकारी आरपीएफ को दी और ट्रेन को खुलने से पहले उसे पटना जाने रोक लिया गया।
इस तरह के 24 मामले सिर्फ तीन महीने में आ चुके हैं, जिसमें लड़कियां लड़के के बहकावे में आकर घर छोड़कर भाग रही थी। इसमें 20 मामलों में नाबालिग ही थी। जिस पर आरपीएफ की मेरी सहेली और नन्हें फरिश्ते की टीम ने पकड़कर ब्रेक लगाया। रेस्क्यू की गई लड़कियों का मेरी सहेली टीम के द्वारा काउंसलिग भी की जाती है और उन्हें समझाया जाता है। ऐसे मामलों की संख्या 30 प्रतिशत के करीब है। जहां दो से तीनों में एक मामला अक्सर स्टेशन पर देखने को मिलता है। रेल द्वारा किए जाने वाले मानव तस्करी से संबंधित मामले में बीते कुछ महीनों में रांची मंडल में अब तक 42 नाबालिग लड़के एवं लड़कियों को रेस्क्यू करते हुए 4 महिला तस्कर के साथ 12 पुरुष तस्करों को हिरासत में लेकर सुपुर्द किया गया। सभी नाबालिग झारखंड राज्य के खूंटी, गुमला, सिमडेगा एवं लोहरदगा जिलों से संबंधित थे। 'आरपीएफ की टीम के द्वारा लगातार बेहतर प्रदर्शन किए जा रहे हैं। अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के साथ-साथ मानव तस्करी पर लगाम कसने, गुमशुदा लोगों को तलाशने, घर से भागे नाबालिगों को ढूंढ निकालने, काउंसलिग करना सहित अन्य कार्य कर रहे हैं। आरपीएफ का रूप एक है मगर कार्य अनेक हैं।
- प्रशांत यादव, आरपीएफ कमांडेंट, रांची रेल मंडल।