रांची में 37 किशोरियों को छुड़ाया, आरपीएफ के 5 अधिकारियों को IG ने सराहा...

RPF Ranchi Railway Station Jharkhand News आइजी डीबी कसार ने रांची रेलवे स्टेशन पर तैनात रहे इंस्पेक्टर ए वर्धन इंस्पेक्टर सुनीता पन्ना सब इंस्पेक्टर सुनीता तिर्की के अलावा महिला जवान आशा टोप्पो और खुशबू कुमारी को प्रशस्ति पत्र दिया। आरपीएफ के इन अधिकारियों को ₹10000 का पुरस्कार मिला।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 04:59 AM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 10:02 PM (IST)
रांची में 37 किशोरियों को छुड़ाया, आरपीएफ के 5 अधिकारियों को IG ने सराहा...
RPF Ranchi Railway Station, Jharkhand News: 13 मानव तस्करों को पकड़ा और उनके चंगुल से 37 किशोरियों को आजाद कराया।

रांची, जासं। RPF Ranchi Railway Station, Jharkhand News दक्षिण पूर्व रेलवे के आरपीएफ के आईजी डीबी कसार ने ट्रेनों पर पत्थरबाजी की रोकथाम के लिए राब्ता अभियान चलाने वाले आरपीएफ के अधिकारी रांची रेल मंडल के निरीक्षक इम्तियाज अंसारी और उनके तीन जवानों विनय कुमार, प्रधान आरक्षक सुनील कुमार गुप्ता और राजेंद्र कुमार कुजूर को प्रशस्ति पत्र और एक-एक हजार रुपये के इनाम से नवाजा है।

इसके अलावा, रांची रेलवे स्टेशन पर तैनात आरपीएफ के दो इंस्पेक्टर, एक सब इंस्पेक्टर और दो जवान को सम्मानित किया है। इन अधिकारियों और कर्मचारियों को जवानों को उनके अच्छे काम के लिए सम्मानित किया गया है। इन अधिकारियों ने साल 2020- 2021 के दौरान अच्छा काम करते हुए, 13 मानव तस्करों को पकड़ा और उनके चंगुल से 37 किशोरियों को आजाद कराया।

आईजी डीबी कसार ने रांची रेलवे स्टेशन पर तैनात रहे इंस्पेक्टर ए वर्धन, इंस्पेक्टर सुनीता पन्ना, सब इंस्पेक्टर सुनीता तिर्की के अलावा महिला जवान आशा टोप्पो और खुशबू कुमारी को प्रशस्ति पत्र दिया। इसके अलावा, आरपीएफ के इन अधिकारियों को ₹10000 का पुरस्कार भी दिया गया है। रांची डिवीजन को अन्य कई पुरस्कार मिले हैं। रांची डिवीजन की आरपीएफ पिछले तीन साल से दक्षिण पूर्व जोन में सुरक्षा के लिहाज से सबसे अच्छा प्रदर्शन कर रही है।

ओडिशा से आए एक भी मुसाफिर की नहीं हुई कोरोना जांच

रांची रेलवे स्टेशन पर शाम 5:25 पर संबलपुर जम्मूतवी एक्सप्रेस प्लेटफार्म नंबर 2 पर आकर रूकती है। ट्रेन के रुकते ही सभी कोच से मुसाफिर उतरना शुरू कर देते हैं। मुसाफिर ट्रेन से उतर कर फुट ओवर ब्रिज के सहारे यह प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंचते हैं। फिर यहां से झिझकते हुए इधर उधर देखते बाहर निकल जाते हैं। राउरकेला से रांची के धुर्वा अपने एक रिश्तेदार से मिलने आए सुनील कुमार रेलवे स्टेशन के मेन गेट पर से निकलते हुए एक अन्य मुसाफिर से कहते हैं कि यहां तो कोई कोरोना जांच नहीं हो रही है। उन्होंने सोचा था कि बिना कोरोना जांच के वह बाहर नहीं निकल सकेंगे।

दोपहर 1 बजे ही तामझाम समेटकर रांची स्टेशन से निकल गई कोरोना जांच टीम

रांची रेलवे स्टेशन पर कोरोना को लेकर उठाए गए एहतियाती कदम कि यही तस्वीर है। कोरोना को लेकर जांच की प्रक्रिया कैसी है। इसका जायजा लेने के लिए जागरण की टीम रांची रेलवे स्टेशन पर शाम 5:15 बजे पहुंच गई। रेलवे स्टेशन के बाहर आरपीएफ के जवान तो चौकन्ना खड़े थे। लेकिन अंदर जाने के लिए गेट पर कोई चेकिंग नहीं हो रही थी। कोई टिकट चेक करने वाला भी नहीं था। अंदर जाने वालों से कोई पूछ भी नहीं रहा था कि वह मास्क पहने हुए हैं या नहीं।

अंदर आगे बढ़ने पर प्लेटफार्म नंबर एक पर एक युवक एक काउंटर के अंदर खड़ा हुआ थर्मल स्कैनिंग वाला हाथ बाहर निकाले हुए था। अगर कोई मुसाफिर उसके पास जाकर खड़ा हो जाता। तो वह थर्मल स्कैनिंग कर देता। जो मना करके आगे निकल जाता। वह निकल जाता। बहुत सारे मुसाफिरों ने थर्मल स्कैनिंग नहीं कराई और वह प्लेटफॉर्म पर पहुंच गए। प्लेटफार्म नंबर एक पर भारी भीड़ थी। ऐसी भीड़ लाक डाउन से पहले ही स्टेशनों पर दिखती थी। मुसाफिरों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वह दिल्ली जाने वाली ट्रेन का इंतजार कर रहे हैं। थोड़ी ही देर में लगभग शाम 5:25 पर संबलपुर जम्मू तवी एक्सप्रेस प्लेटफार्म नंबर दो पर पहुंची। इसके बाद प्लेटफार्म पर आपाधापी मच गई। मुसाफिर उतरे और फुट ओवर ब्रिज के जरिए प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंचे और यहां से स्टेशन के बाहर निकले।

गेट से थोड़ी दूर पर आरपीएफ के कुछ जवान बैठे हुए थे। यहां आरपीएफ के कुछ अधिकारी खड़े होकर मुसाफिरों के बीच शारीरिक दूरी का पालन करवा रहे थे। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की टीम नदारद थी। कोरोना की जांच करने वाली टीम वहां नहीं थी। एक मुसाफिर ने आरपीएफ के एक अधिकारी से कोरोना जांच की टीम के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि वह लोग दोपहर बाद 1:00 बजे ही सारा तामझाम लेकर चले गए हैं। मुसाफिर ने उनसे कहा कि कम से कम 5:00 बजे तक तो जांच करनी चाहिए। वैसे तो यहां 24 घंटे जांच होनी चाहिए। जब भी कोई ट्रेन बाहर से आए तो बाहर से आने वाले मुसाफिरों की कोरोना जांच हो और जांच के बाद ही यात्री को बाहर निकलने दिया जाए। लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है।

इस पर आरपीएफ के अधिकारी ने कहा कि कोरोना की जांच की टीम जिला प्रशासन की है। यह तो प्रशासनिक अधिकारी ही बताएंगे कि कितने बजे तक इन्हें जांच करना है और कितने बजे तक नहीं। इसके बाद एक मुसाफिर ने वहीं से सिविल सर्जन को स्टेशन के हालात बताने के लिए फोन किया। लेकिन दो बार रिंग होने पर भी सिविल सर्जन ने फोन नहीं उठाया। जिला प्रशासन भले ही बाहर से आने वाले मुसाफिरों की कोरोना जांच कराने का दावा करें। लेकिन हकीकत यही है कि दक्षिण भारत और ओड़िसा से आने वाली ट्रेनों के मुसाफिरों की भी कोरोना जांच नहीं हो पा रही है।

संबलपुर में रेलवे स्टेशन पर 24 घंटे कोरोना की जांच होती है। वहां जो लोग भी रेलवे स्टेशन आते हैं, या रेलवे स्टेशन से बाहर निकलते हैं। उनकी कोरोना जांच की जाती है। सुशांत नायक, संबलपुर

राउरकेला में कोरोना को लेकर काफी एहतियात बरती जाती है। लेकिन वहां रात 10:00 बजे तक दुकानें खुली रहती हैं। जिला प्रशासन कोरोना जांच मुस्तैदी से करा रहा है। यहां भी कोरोना की जांच होनी चाहिए। सुशील कुमार, राउरकेला

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