फिटनेस प्रमाणपत्र लेकर शहर में सरपट दौड़ रहे जर्जर वाहन

- बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के भी 15 से 20 साल पुराने वाहन दौड़ रहे शहर में -रांची जिल

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 09:08 AM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 09:08 AM (IST)
फिटनेस प्रमाणपत्र लेकर शहर में सरपट दौड़ रहे जर्जर वाहन
फिटनेस प्रमाणपत्र लेकर शहर में सरपट दौड़ रहे जर्जर वाहन

- बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के भी 15 से 20 साल पुराने वाहन दौड़ रहे शहर में

-रांची जिला एक ही एमवीआइ के भरोसे

जागरण संवाददाता, रांची : शहर में साइलेंसर से धुआं उगलते और झड़झड़ आवाज करते सैकड़ों वाहन घूमते नजर आ जाएंगे। इंजन खराब हालत में होने के बावजूद जैसे-तैसे ऐसे वाहनों को चलाया जा रहा है। इनमें छोटे से लेकर भारी वाहन तक हैं। ऐसे वाहन हादसों को आमंत्रित कर मौत के कारण बन रहे हैं। 15 से 20 साल पुराने वाहनों में भी यात्रियों को रोजाना ढोया जा रहा है। इसके अलावा जर्जर हो चुके ट्रकों में भी खूब माल की ढुलाई चल रही है। चौंकानेवाली बात यह है कि ऐसे वाहनों के लिए फिटनेस प्रमाणपत्र भी मिल जा रहे हैं। फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं होने पर भी ऐसे वाहन सरपट दौड़ रहे हैं। वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र देने के लिए पूरे जिले में एक ही मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (एमवीआइ) हैं। उनके जिम्मे पूरी राजधानी है।

--------

रांची में नहीं एक भी फिटनेस सेंटर :

रांची में कुछ दिन पहले तक एक फिटनेस सेंटर चल रहा था जो अस्थायी रूप से बंद है। कुछ दिन पहले तक निजी हाथों में फिटनेस सेंटर चल रहा था। फिटनेस सेंटर से ज्यादातर व्यावसायिक वाहनों को ही फिटनेस प्रमाण पत्र दिए जाते हैं। निजी वाहन, बाइक आदि को पंजीयन के समय ही 15 साल के लिए फिटनेस प्रमाण पत्र दे दिया जाता है। 15 साल बाद फिर फिटनेस प्रमाण पत्र लेना पड़ता है, जिसका प्रत्येक वर्ष नवीकरण अनिवार्य होता है।

-------

इनकी होती है फिटनेस जांच :

बड़े और छोटे वाहनों के इंजन, सस्पेंसन, स्टीयरिंग, ब्रेक, प्रदूषण स्तर, बैक लाइट, फॉग लाइट, हेड लाइट, पार्किंग लाइट, हार्न, साइलेंसर, चक्के, स्पीड गवर्नर व सेफ्टी ग्लासेज।

------

एमवीआइ के पास नहीं जाना चाहते वाहन मालिक :

आंकड़ों के अनुसार प्रति माह सरकारी फिटनेस सेंटर से 40 से 50 वाहनों को फिटनेस प्रमाण पत्र मिलता है। वहीं, निजी फिटनेस सेंटरों से प्रतिमाह 1000 से 1500 फिटनेस प्रमाण पत्र जारी हो रहे हैं। एमवीआइ के पास फिटनेस प्रमाण पत्र लेने वालों को मोरहाबादी मैदान में अपने वाहनों की फिटनेस जांच करवानी होती है। जांच में ब्रेक, इंजन, प्रदूषण, बैक लाइट, फॉग लाइट, हार्न, हेड लाइट, पार्किंग लाइट, कलर रिफ्लेक्टर आदि की जांच होती है।

------

ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे जुगाड़ वाहन :

रांची शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में जुगाड़ वाहन धड़ल्ले से चल रहे हैं। जबकि परिवहन विभाग ने इसपर पूरी तरह प्रतिबंध लगा रखा है। प्रतिबंध के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में जर्जर ट्रॉली और जुगाड़ वाहन दिख जाते हैं। जुगाड़ वाहनों में ट्रैक्टर, ट्राली, जीप और टैक्सी आदि शामिल हैं, जिन्हें गांवों में सिचाई में उपयोग आने वाले डीजल इंजन से जोड़कर बनाया जाता है। ऐसे जुगाड़ वाहन बेहद खतरनाक होते हैं और दुर्घटना की आशंका सर्वाधिक होती है।

chat bot
आपका साथी