RIMS में गाड़ी खड़ी करने की जगह नहीं, उधर मल्टीस्टोरेज पार्किंग को ओपीडी कॉम्पलेक्स बनाने की तैयारी
Jharkhand डेढ साल पहले 14 करोड़ की लागत से बने मल्टीस्टोरेज पार्किंग का उपयोग किए बिना ही दोबारा मरम्मत की गई। चार मंजिले भवन में एक साथ 350 गाड़ियां खड़ी करने की क्षमता है। ओपीडी कॉम्प्लेक्स बनने से पार्किंग के लिए समस्या पैदा हो जाएगी।
रांची, जासं। रिम्स परिसर में करीब 14 करोड़ रुपये की लागत से बनी मल्टीस्टोरेज पार्किंग बगैर इस्तेमाल ही जल्द दूसरे कामों के उपयोग में लाई जाने वाली है। रिम्स प्रबंधन अब यहां पार्किंग को हटाकर ओपीडी कॉम्पलेक्स बनाने की तैयारी कर रहा है। वर्तमान में इमरजेंसी के सामने विभिन्न विभागों के ओपीडी का संचालन होता है, जो पूरी तरह व्यवस्थित नही है।
मल्टीस्टोरेज पार्किंग को ओपीडी कॉम्पलेक्स के रूप में विकसित करना प्रबंधन का अच्छा फैसला साबित हो सकता है। लेकिन चार मंजिला भवन ओपीडी कॉम्पलेक्स में तब्दील होने से अस्पताल परिसर में पार्किंग की समस्या उत्पन्न हो जाएगी। बताते चलें कि पूरे रिम्स परिसर में ना तो मरीजों के लिए गाड़ी पार्किंग की व्यवस्था है और ना ही चिकित्सकों के लिए कोई उचित इंतजाम है। करीब डेढ़ साल पूर्व मल्टी स्टोरेज पार्किंग को प्रबंधन को हैंडओवर किया गया था।
महज दो महीने के लिए पार्किंग को शुरू करने के बाद दोबारा बंद कर दिया गया। अब यहां ऑर्थोपेडिक विभाग, सर्जरी, गायनी, न्यूरोसर्जरी, स्कीन, ईएनटी, आइ, न्यूरोलॉजी, मेडिसीन समेत अन्य विभागों के ओपीडी का संचालन होगा। जीबी की बैठक में सहमति मिलने के बाद प्रोसिडिंग आते ही ओपीडी कॉम्पलेक्स निर्माण कार्य शुरू किया जा सकता है।
चार मंजिले पार्किंग भवन में एक साथ 350 गाड़ियां खड़ी करने की है व्यवस्था
14 करोड़ रुपये की लागत से बने इस पार्किंग भवन में एक साथ 350 गाड़ियां खड़ी करने की व्यवस्था है। यहां ओपीडी कॉम्पलेक्स का निर्माण होने से भवन का तो इस्तेमाल हो जाएगा। लेकिन पार्किंग के लिए परेशानी बरकरार ही रहेगी।
वर्तमान में पार्किंग की कोई सुविधा नहीं होने के कारण दिन भर इमरजेंसी के सामने गाड़ियों का अंबार लगा रहता है। कई बार इमरजेंसी के सामने एंबुलेंस तक को गेट तक आने में परेशानी होती है। लोग यहां-वहां अपनी गाड़ियां खड़ी कर रहे हैं। इससे न सिर्फ अस्पताल प्रबंधन को परेशानी हो रही है, बल्कि गंभीर मरीजों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।