ओमिक्रोन की तैयारी को लेकर की जा रही है खानापूर्ति, खराब हो रहे सामान

कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर तैयारी के नाम पर कोई ठोस कारवाई नहीं

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 08:00 AM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 08:00 AM (IST)
ओमिक्रोन की तैयारी को लेकर की जा रही है खानापूर्ति, खराब हो रहे सामान
ओमिक्रोन की तैयारी को लेकर की जा रही है खानापूर्ति, खराब हो रहे सामान

जासं, रांची : कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर तैयारी के नाम पर कोई ठोस काम नहीं किया जा रहा है। सबसे बड़े अस्पताल कहे जाने वाले रिम्स में इसकी तैयारी के नाम पर अभी तक 111 बेड लगा दिए गए हैं। लेकिन अभी तक ये सारे बेड खाली पड़े हैं। जंग लगे इन बेड पर अभी तक गद्दा-चादर तक नहीं लगाया गया है। जबकि पिछली बार व्यवस्था की गई थी, लेकिन यह सारी व्यवस्था भाड़े पर की गई थी। जिसके लिए प्रबंधन को हर दिन दो लाख रुपए का बिल देना पड़ा था। इसे देखते हुए इस बार प्रबंधन ने खुद के ही बेड की व्यवस्था यहां पर कराई है। लेकिन इसमें कई गलतियां प्रबंधन कर बैठा है। प्रबंधन की ओर से उन बेड को लगाया गया है जो वर्षों से खराब व बेकार पड़े थे। इन बेड पर बिस्तर तो दूर इसकी सफाई तक पूरी तरह नहीं की गई है। रिम्स परिसर में स्थित मल्टी पार्किंग स्थल में लगाए गए इन बेड तक ऑक्सीजन पहुंचाने की बात है। इसके लिए आक्सीजन पाइप भी लगाई गई है लेकिन अभी तक यहां फ्लो मीटर ही नहीं लगा है। पिछली बार लगाए गए फ्लो मीटर में अधिकतर गायब हो चुके हैं। इस अस्थायी कोविड वार्ड में कई सामान लगाने के लिए मंगवाए गए, लेकिन उन्हें आज तक लगाया नहीं जा सका है। यहां पर मंगाए गए सामान रखे-रखे खराब होने की स्थिति में आ गए हैं। कई कार्टून में रखे सामान तो अब उपयोग के लायक भी नहीं बचे हैं। इन सारे सवालों पर प्रबंधन की ओर कोई स्पष्ट जवाब भी नहीं है। काम हो रहा है और जल्द पूरा कर लिया जाएगा जैसा जवाब दिया जा रहा है। पिछली बार इस वार्ड में बची थी कई जानें :

संक्रमण को देखते हुए इस वार्ड को पिछली बार तैयार किया गया था। उस वक्त दूसरी लहर को लेकर अधिकतर अस्पतालों में बेड तक नहीं मिल रहे थे। जिसके बाद यह 100 बेड का वार्ड लोगों के लिए संजीवनी की तरह काम किया। हालांकि यहां पर अति गंभीर मरीज का इलाज नहीं किया जा सकता है लेकिन जिनमें संक्रमण के लक्षण होंगे उन्हें यहां तत्काल आराम दिया जा सकता है। दूसरी ओर न्यू ट्रॉमा सेंटर में भी बेड पहले से ही तैयार हैं जहां पर गंभीर मरीजों का इलाज किया जाएगा।

chat bot
आपका साथी