RIMS: रिम्स के चिकित्सकों ने निजी प्रैक्टिस के खिलाफ जासूसी कराने के फैसले का किया विरोध, कहा- डाक्टर कभी भी किसी भी मरीज का कर सकता है इलाज

RIMS रिम्स के डाक्टरों द्वारा निजी प्रैक्टिस करने से रोकने के लिए जासूसी कराने के फैसले का विरोध शुरू हो गया है। निजी प्रैक्टिस कर रहे डाक्टरों पर नकेल कसने के लिए गवर्निंग बॉडी सिंह ने भी इस तरह की निगरानी को बेवजह बताया है।

By Kanchan SinghEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 11:18 AM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 11:18 AM (IST)
RIMS: रिम्स के चिकित्सकों ने निजी प्रैक्टिस के खिलाफ जासूसी कराने के फैसले का किया विरोध, कहा- डाक्टर कभी भी किसी भी मरीज का कर सकता है इलाज
रिम्स के डाक्टरों ने निजी प्रैक्टिस करने से रोकने के लिए जासूसी कराने के फैसले का विरोध किया है।

रांची,जासं। रिम्स के डाक्टरों द्वारा निजी प्रैक्टिस करने से रोकने के लिए जासूसी कराने के फैसले का विरोध शुरू हो गया है। निजी प्रैक्टिस कर रहे डाक्टरों पर नकेल कसने के लिए गवर्निंग बॉडी सिंह ने भी इस तरह की निगरानी को बेवजह बताया है और कहा है कि अगर निगरानी करानी है तो सरकारी कार्यालय की निगरानी कराएं जहां हमेशा गलतियां होती हैं।

रिम्स टीचर एसोसिएशन ने इसको लेकर सरकार को पत्र लिखा है और फैसले पर पुनर्विचार की मांग की है। एसोसिएशन के सदस्य डा. प्रभात कुमार ने गवर्निंग बॉडी के फैसले की निंदा की है। उन्होंने इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। साथ ही चिकित्सकों ने सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है। सांसद संजय सेठ ने भी जासूसी कराने के फैसले को गलत बताया था। डा. प्रभात कुमार ने कहा कि एक डाक्टर कभी भी किसी मरीज का इलाज कर सकता है, लेकिन पिछले दिनों गवर्निंग बॉडी ने जो निर्णय लिया है यह डाक्टरों के मनोबल को कमजोर करेगा।

उन्होंने कहा कि जो भी प्राइवेट एजेंसी खुफिया जांच करेगी उस पर कितना भरोसा किया जा सकता है यह सोचने वाली बात है। सरकार के इस फैसले से यह प्रतीत होता है कि सरकार को अपने ही चिकित्सकों पर भरोसा नहीं रहा। हालांकि उन्होंने कहा कि एक सरकारी डाक्टर अपनी ड्यूटी करने के बाद कहीं भी किसी भी मरीज का इलाज करने के लिए स्वतंत्र है। एक सरकारी डाक्टर को बस इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अपने निजी प्रैक्टिस के कारण सरकारी व्यवस्था पर किसी तरह का असर न पडऩे दे।

झासा ने भी जताया विरोध : वहीं, झारखंड हेल्थ एसोसिएशन(झासा) के राज्य सचिव डा. बिमलेश कुमार ने कहा कि पूरे चिकित्सक समाज ने कोरोना काल में अपनी जान की परवाह किए बगैर लोगों की जान बचाई है। लेकिन डिटेक्टिव एजेंसी को निगरानी में लगाना चिकित्सकों की घोर बेइज्जती है। उन्होंने कहा सरकार के इस निर्णय का झासा विरोध करता है।

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