उषा देवी को नहीं बचा पाए डॉक्‍टर, हाई कोर्ट के निर्देश के बावजूद रिम्‍स प्रबंधन ने नहीं दिखाई गंभीरता

RIMS Ranchi News Jharkhand News ब्लैक फंगस की मरीज उषा देवी को सुबह से कोई देखने के लिए नहीं आया। शनिवार रात में वेंटिलेटर पर डाल दिया गया था। लेकिन इसका कुछ कारण नहीं बताया गया। ऑपरेशन के तीन दिन बाद मौत हो गई।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Sun, 11 Jul 2021 11:10 AM (IST) Updated:Sun, 11 Jul 2021 04:55 PM (IST)
उषा देवी को नहीं बचा पाए डॉक्‍टर, हाई कोर्ट के निर्देश के बावजूद रिम्‍स प्रबंधन ने नहीं दिखाई गंभीरता
RIMS Ranchi News, Jharkhand News ब्लैक फंगस की मरीज उषा देवी को सुबह से कोई देखने के लिए नहीं आया।

रांची, जासं। रांची के रिम्स में ब्लैक फंगस बीमारी से जूझ रही उषा देवी की रविवार सुबह दस बजे मौत हो गई। उषा देवी की तबीयत सुबह में बिगड़ गई थी, लेकिन तीन घंटे तक कोई डाॅक्टर देखने नहीं आया। परिजनों ने बताया कि सुबह छह बजे से ही मरीज की हालत खराब थी, पल्स बढ़ गया था और ऑक्सीजन लेवल भी 60 तक पहुंच गया था। इसके बाद डाॅक्टर व नर्स को बुलाने का प्रयास किया गया, लेकिन कोई नहीं आया। करीब नौ बजे डाॅक्टरों की टीम पहुंची और एक घंटे तक जांच करने के बाद महिला को मृत घोषित कर दिया।

मरीज उषा देवी के पुत्र गौरव ने डाॅक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बताया कि तबीयत बिगड़ने के बाद भी कोई डाॅक्टर आया ही नहीं, जबकि यह आइसीयू है। मालूम हो कि इस महिला के इलाज के लिए झारखंड हाई कोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया था और रिम्स प्रबंधन को फटकार लगाई थी। इसके बाद महिला का ऑपरेशन आठ जुलाई को किया गया, लेकिन स्थिति बिगड़ती रही। महिला की हालत को लेकर रिम्‍स ने कोई बुलेटिन तक जारी नहीं किया।

कल भी एक घंटे तक तड़पती रही मरीज

मरीज के पुत्र ने बताया कि कल भी यही स्थिति थी। मरीज की तबीयत शाम को पांच बजे अचानक खराब हो गई। मुंह से खून निकलने लगा था, लेकिन एक घंटे तक कोई नहीं आया। उसके बाद उसे ओटी ले जाया गया और वहां से लाने के बाद मरीज को बिना कुछ बताए वेंटिलेटर पर डाल दिया गया। इसके बाद से उषा देवी के शरीर में काेई हरकत नहीं दिख रही थी। परिजन ने आरोप लगाया कि उनकी मां की तबीयत कल रात से ही खराब थी, लेकिन वेंटिलेटर में रखने का कोई कारण नहीं बताया गया।

शनिवार को एक घंटे तक बहता रहा था खून

शनिवार शाम करीब पांच बजे से 5:55 बजे तक वह दर्द से तड़पती रही और उसके मुंह से खून बहता रहा। लेकिन कोई भी डाॅक्टर व नर्स वहां उसे देखने नहीं पहुंचा। उनके बेटे ने इस पूरे हालात का वीडियो भी बनाया और इसे वायरल भी किया। इस पर कई नेताओं सहित लोगों का ट्वीट आया, तब जाकर प्रबंधन जागा और उस महिला को ओटी लेकर गया। यहां कुछ माइनर ऑपरेशन करने के बाद उसे तुरंत वेंटिलेटर सपोर्ट में डाल दिया गया। डाॅक्टरों से इसका कारण जानने का प्रयास किया गया, लेकिन किसी ने कुछ स्पष्ट नहीं बताया।

यह कैसी व्यवस्था, उठ रहे सवाल

आइसीयू जैसी जगह पर गंभीर मरीजों को इलाज के लिए रखा जाता है। लेकिन यहां कोई स्वास्थ्य कर्मी मौजूद नहीं था। जो अपने आप में एक बड़ा प्रश्न है। मरीज के बेटे गौरव ने बताया कि उनकी मां के मुंह से अचानक खून निकलता रहा। सभी लोग डाॅक्टर व नर्स को खोजते रहे, लेकिन कोई आया ही नहीं। उन्होंने बताया कि एक जूनियर डाॅक्टर जरूर मिला, लेकिन वह मदद भेजने की बात कहकर चला गया।

इस तरह की भयावह स्थिति को देखने के बाद मरीज का पूरा परिवार रोने लगा। लेकिन इंटरनेट मीडिया में चली इस लापरवाही की खबर के बाद डाॅक्टर विनोद कुमार पहुंचे और उन्होंने महिला की स्थिति का जायजा लिया तथा उसे ओटी ले गए। लेकिन उसके बाद महिला की क्या स्थिति है, इसके बारे में कुछ नहीं बताया गया। इस संबंध में रिम्स प्रबंधन से संपर्क साधा गया, लेकिन किसी ने बात नहीं की।

रिम्‍स निदेशक के खिलाफ प्राथमिकी

महिला की बॉडी रिम्स के एंबुलेंस में पड़ी है। परिजन बरियातू थाना में रिम्‍स के निदेशक कामेश्वर प्रसाद, एचओडी डॉ. सीके बिरला बीरूवा और डॉक्टर विनोद कुमार के खिलाफ एफआइआर दर्ज करा रहे हैं। महिला का अंतिम संस्कार रांची हरमू घाट में किया जाएगा। रिम्‍स प्रशासन ने शव को परिजनों के हवाले कर दिया है और एफआइआर कराने के बाद परिजन शव को लेकर हरमू मुक्तिधाम जाएंगे।

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