रांची जिला प्रशासन का कारनामा: जनवरी में सेवानिवृत्त हो चुके कार्यपालक अभियंता की मजिस्ट्रेट के रूप में लगाई ड्यूटी

रांची जिला प्रशासन की ओर से कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इस बीच प्रशासनिक लापरवाही से जुड़ा एक बड़ा मामला सामने आया है। जिला प्रशासन की ओर से जनवरी में सेवानिवृत्त हो चुके अधिकारी को ड्यूटी पर लगा दिया गया।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Wed, 07 Apr 2021 11:05 AM (IST) Updated:Wed, 07 Apr 2021 11:05 AM (IST)
रांची जिला प्रशासन का कारनामा: जनवरी में सेवानिवृत्त हो चुके कार्यपालक अभियंता की मजिस्ट्रेट के रूप में लगाई ड्यूटी
जनवरी में सेवानिवृत्त हो चुके कार्यपालक अभियंता की मजिस्ट्रेट के रूप में लगाई ड्यूटी। प्रतीकात्मक तस्वीर। जागरण।

रांची/ तुपुदाना, जासं । रांची जिला प्रशासन की ओर से कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इस बीच प्रशासनिक लापरवाही से जुड़ा एक बड़ा मामला सामने आया है। पता चला है कि जिला प्रशासन की ओर से जनवरी में सेवानिवृत्त हो चुके एक कार्यपालक अभियंता की ड्यूटी मजिस्ट्रेट के रूप में लगा दी गई है। सिंचाई विभाग में पदस्थापित रहे कार्यपालक अभियंता का नाम अशोक कुमार है। उपायुक्त रांची की तरफ से जारी आदेश में इन्हें बिरसा चौक हटिया एवं तुपुदाना ओपी क्षेत्र में कोविड-19 के लिए निर्धारित मापदंडों का अनुपालन कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता अशोक कुमार ने कहा कि उन्होंने अपने सेवानिवृत्त होने की जानकारी पूर्व में ही जिला प्रशासन को दे दी। इसके बावजूद उनके नाम पर अधिसूचना जारी की गई है। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में एक बार फिर जिला प्रशासन के समक्ष अपनी अपील रखेंगे। सेवानिवृत्त हुए तीन माह से अधिक समय गुजर गया है। इसके बावजूद उनका नाम अब तक सेवा देने वाले अधिकारियों की सूची में रखा गया है।

बड़ा सवाल: ऐसी लापरवाही से कैसे रुकेगी महामारी

रांची जिला प्रशासन की तरफ से हालात को नियंत्रण में लाने के तमाम दावे किए जा रहा है। अधिसूचना में सेवानिवृत्त अधिकारियों का नाम शामिल किए जाने के बाद सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या इसी तरह मजिस्ट्रेट नियुक्ति के नाम पर औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। कोई मॉनिटरिंग नहीं हो रही। कौन से अधिकारी फील्ड में है। कौन से अधिकारी घर से ड्यूटी कर रहे हैं। कौन से अधिकारी बीमार हैं। कौन से अधिकारी रिटायर हो चुके हैं। बिना इन सब तथ्यों की पड़ताल किए हुए ड्यूटी लगा कर अपने दायित्व की इतिश्री की जा रही है।

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