क्वार्टर पर अवैध कब्जे के कारण आरयू को लग रहा प्रतिमाह 32 लाख रुपये का चूना

बरियातू हाउसिग कॉलोनी स्थित रांची विश्वविद्यालय के क्वार्टर पर अवैध कब्जा

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Aug 2021 07:00 AM (IST) Updated:Fri, 27 Aug 2021 07:00 AM (IST)
क्वार्टर पर अवैध कब्जे के कारण आरयू को लग रहा प्रतिमाह 32 लाख रुपये का चूना
क्वार्टर पर अवैध कब्जे के कारण आरयू को लग रहा प्रतिमाह 32 लाख रुपये का चूना

नीलमणि चौधरी, रांची: बरियातू हाउसिग कॉलोनी स्थित रांची विश्वविद्यालय के क्वार्टर पर अवैध कब्जे के कारण विवि को प्रतिमाह करीब 32 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है। रांची विश्वविद्यालय अपने शिक्षकों को आवास भत्ता के रूप में 16-18 हजार रुपये प्रति शिक्षक का भुगतान करता है। बरियातू हाउसिग कॉलोनी के 16 ब्लॉक के 192 फ्लैट में बमुश्किल आधा दर्जन सेवारत शिक्षक रहते होंगे। छह-सात ब्लॉक इतने जर्जर हो गए हैं कि रहने लायक नहीं हैं। बाकी बचे ब्लॉक पर अवैध कब्जा है। क्वार्टर रहते हुये भी रांची विवि अपने शिक्षकों को आवास नहीं दे पा रहा। इसके बदले आवास भत्ता देना पड़ रहा है। अगर सभी 192 फ्लैट को कब्जा मुक्त करा लिया जाए तो इतने शिक्षकों को आवास दिया सकता है। औसतन प्रति शिक्षक 17 हजार रुपये आवास भत्ता की ही गणना करें 192 फ्लैट का 32 लाख 64 हजार रुपये अवैध कब्जे का भेंट चढ़ रहा है। नियम के मुताबिक उसी को क्वार्टर में रहने का अधिकार है जो रांची विश्वविद्यालय में सेवारत शिक्षक, अधिकारी या थर्ड ग्रेड कर्मी हैं।

2018 में सुप्रीम कोर्ट ने क्वार्टर खाली कराने का दिया था आदेश : रांची विवि जब क्वार्टर खाली कराने पहुंची तो इसके विरोध में लोग खड़े हो गये। 66 पिटिशनर कोर्ट पहुंच गये। हाई कोर्ट के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। 23 अक्टूबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने रांची विवि के पक्ष में फैसला सुनाते हुये तत्काल अवैध कब्जा हटाने का निर्देश दिया था। हालांकि, दैनिक जागरण से बातचीत में कई पिटिशनरों के स्वजनों ने दावा किया कि तब के बिहार हाउसिग बोर्ड ने धोखा दिया। 1993 में सरकारी क्वार्टर के बदले 10-10 हजार रुपये लिए गए थे।

डीएसपीएमयू से वसूले जायेंगे चार गुना पैसे : डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि बनने के बाद भी तब के रांची कॉलेज के कई कर्मी क्वार्टर में जमे हुए हैं। रांची विवि की ओर से डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि के कुलसचिव को पत्र लिखा गया है। विवि के अधिकारी ने बताया कि सेवानिवृत्त कर्मी और डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि के अवैध रूप से रह रहे शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मियों से पेनैल्टी के रूप में चार गुना पैसा वसूला जायेगा।

विज्ञापन के साथ घर-घर भेजे जायेंगे नोटिस : कुलानुशासक डॉ टीएन साहू को पूरी प्रक्रिया की जिम्मेदारी सौंपी गई है। डॉ टीएन साहू की देखरेख में छानबीन की जा रही है। क्वार्टर पर अवैध कब्जा जमाये लोगों की सूची तैयार की जा रही है। सूची तैयार हो जाने के बाद क्वार्टर खाली कराने को लेकर अखबारों में नाम सहित विज्ञापन दिया जायेगा। इसके साथ ही अवैध कब्जाधारियों के घर स्पीड पोस्ट से नोटिस भेजा जायेगा।

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