रांची में ड्रोन से जलाशयों की होगी निगरानी, जानें इसकी बड़ी वजह Ranchi News
Jharkhand News Ranchi Samachar जलाशयों का मुआयना करेगा ताकि उस आसपास कितने अवैध निर्माण हैं उसका डाटा तैयार हो सके। नगर आयुक्त ने कहा है कि अवैध रूप से बनाए गए मकानों को नगर निगम के कोर्ट से नोटिस दिया गया है।
रांची, जासं। रांची में लगातार अवैध निर्माण को तोड़ने का सिलसिला जारी है। इस बीच अब रांची नगर निगम ड्रोन से जलाशयों का मुआयना करेगा, ताकि उसके आसपास बने अवैध निर्माण का डाटा तैयार हो सके। नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने बताया कि झारखंड हाई कोर्ट के निर्देश के बाद बिना नक्शे वाले अवैध निर्माण भवनों को तोड़ा जा रहा है। लगातार उन्हें चिन्हित भी किया जा रहा है। लेकिन अब फिर नदी, तालाब, डैम के ग्रीन एरिया में जो भी बचे हुए अवैध निर्माण हैं, उनकी अब ड्रोन की मदद से रेकी की जा रही है।
इस बारिश में पता चल रहा है जल स्तर कहां तक बढ़ा
बारिश का निगम को लाभ मिल रहा है। भारी बारिश के बीच जलाशयों का पानी कितनी दूर तक जा रहा है, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। इससे पता चल रहा है कि आखिर जल स्तर कितनी दूरी तक रहता है और ड्रोन की मदद से उस क्षेत्र की मैपिंग में आसानी हो रही है। नगर आयुक्त ने स्पष्ट कहा है कि लोग झांसे में नहीं आएं। किसी के बहकावे में ना आएं। सिर्फ जमीन की रसीद से यह तय नहीं होता है कि कोई अवैध निर्माण करा ले। जमीन किसी की भी हो, लेकिन कानूनी प्रक्रिया से कागजात तैयार नहीं किया गया है, तो उसका टूटना तय है।
बिना नक्शे के टूटेंगे सैकड़ों मकान
बिना नक्शे के शहर के अंदर सैकड़ों निर्माण कराया गया है। उसे अवैध बताते हुए निगम तोड़ने की तैयारी में है। इसी कड़ी में शहर के 200 मकानों को तोड़ने की पूरी तैयारी कर ली गई है। ये वे मकान हैं, जिन्हें तोड़ने का आदेश पारित हो चुका है। साथ ही अपर बाजार के 300 मकानों को चिन्हित कर उस पर नगर निगम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि रांची में नगर निगम क्षेत्र और आरआरडीए क्षेत्र में अवैध मकानों को चिन्हित किया गया है। अवैध रूप से बनाए गए मकानों को नगर निगम के कोर्ट से नोटिस दिया गया है। साथ ही अपर बाजार के 17 लोगों को मकान हटाने का नोटिस भी दिया गया है। इसी कड़ी में बड़ा तालाब के पास स्थित नागरमल मोदी सेवा सदन को 15 दिनों के अंदर सक्षम प्राधिकार द्वारा मनोनीत नक्शा दिखाने पर ही अस्पताल को टूटने से बचाया जा सकेगा।
नगर आयुक्त ने कहा कि जिसने भी कानून को ताक में रखकर मकान बनाया है, उन्हें हमेशा यह रुलाएगा। उन्होंने बताया कि पीड़ितों द्वारा समय मांगने पर उन्हें 15 दिन का समय दिया जाएगा। हालांकि उन्होंने बताया कि जब कोई कागजात होगा ही नहीं तो 15 दिन बाद भी वो कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत ही नहीं कर सकेगा।
भवनों को चिन्हित कर नोटिस लगाया जा रहा है
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों नगर निगम और रांची जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से अभियान चलाकर ऐसे भवनों को चिन्हित कर नोटिस भेजा गया। इसका किसी सक्षम पदाधिकारी द्वारा नक्शा पास नहीं किया गया। हालांकि अभियान के विरोध में भवन मालिक या उससे जुड़े लोगों का दावा है कि उनका भवन काफी पुराना है। नगर आयुक्त ने ऐसे दावे करने वालों से कहा है कि मकान उस अवधि का है, तो उन्हें यह साबित करना होगा। मालूम हो कि ग्रामीण क्षेत्र के 485 घरों को तोड़ने का अल्टीमेटम दिया जा चुका है।