झारखंड आंदोलन में शामिल लोगों के परिजनों को नौकरी में आरक्षण, कैबिनेट बैठक में 28 प्रस्‍तावों को स्‍वीकृति

Jharkhand Cabinet Meeting News हुक्का बार का संचालन करते हुए पकड़े जाने पर एक लाख रुपया जुर्माना लगेगा। 3 साल तक की सजा भी हो सकती है। सिगरेट अथवा तंबाकू उत्पाद के सेवन पर न्यूनतम ₹1000 जुर्माना लगेगा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 07:09 PM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 08:37 PM (IST)
झारखंड आंदोलन में शामिल लोगों के परिजनों को नौकरी में आरक्षण, कैबिनेट बैठक में 28 प्रस्‍तावों को स्‍वीकृति
कैबिनेट की बैठक में आज 28 प्रस्तावों को स्वीकृति मिली है।

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। Jharkhand Cabinet Meeting News झारखंड आंदोलन में शामिल लोगों और उनके परिजनों को झारखंड सरकार ने तोहफा दिया है। गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में निर्णय गया है कि तृतीय और चतुर्थ वर्गीय नौकरियों में ऐसे लोगों के परिजनों के लिए क्षैतिज तौर पर पांच फीसद सीटें आरक्षित होंगी। आंदोलन के दौरान जेल में रहे लोगों अथवा 40 फीसद से अधिक दिव्यांगता का शिकार हुए आंदोलनकारियों के परिजनों को इसका लाभ मिलेगा। इसके साथ ही कैबिनेट ने आंदोलनकारी चिन्हितीकरण आयोग के पुनर्गठन के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान कर दी है।

इसके तहत अब आयोग के अध्यक्ष भारतीय सेवा के रिटायर्ड अधिकारियों को भी बनाया जा सकता है। पूर्व में यह पद सेवानिवृत्त न्यायाधीश के लिए आरक्षित था। कैबिनेट ने आंदोलन में शामिल लोगों की पेंशन राशि बढ़ाने का भई निर्णय लिया है। तीन महीने तक जेल की सजा काट चुके लोगों को अब हर महीने 3500 रुपये मिलेंगे। पहले यह राशि 3000 रुपये प्रति माह थी। तीन से छह महीने तक जेल में रहे लोगों को पांच हजार रुपये प्रति माह की पेंशन निर्धारित की गई है और छह महीने से अधिक जेल में रहनेवाले आंदोलनकारियों को अब पांच हजार रुपये की जगह 7 हजार रुपये प्रति माह पेंशन दी जाएगी।

कैबिनेट ने गुरुवार को कुल 28 प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की है। झारखंड में सार्वजनिक स्थलों पर सिगरेट, गुटखा अथवा किसी भी तंबाकू पदार्थ का सेवन करने पर एक हजार रुपये तक का जुर्माना लगेगा। पूर्व में महज 200 रुपये के जुर्माने का ही प्रावधान था। इसके लिए सिगरेट एवं तंबाकू उत्पाद संशोधन अधिनियम (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण विनियमन) अधिनियम, 2021 को स्वीकृति दी गई।

अब कोई हुक्का बार का संचालन करते हुए पकड़ा जाता है तो उसे एक लाख रुपये का जुर्माना देना होगा। इस मामले में तीन साल तक की कैद भी हो सकती है। एक अन्य मामले में कोर्ट के आदेश के बाद 183 कारा कर्मियों को नियमित करने का निर्णय लिया गया है। इनमें ज्यादातर सफाईकर्मी और कंप्यूटर ऑपरेटर हैं। इधर, राज्य में विद्युत (नवीकरणीय ऊर्जा को छोड़कर) के क्रय एवं विक्रय पर सेस लगाने की अनुमति प्रदान कर दी गई है। यह राशि प्रति यूनिट 15 पैसे होगी।

कैबिनेट के अन्य फैसले

-चांय एवं इसके पर्यायवाची केवट, मल्लाह, निषाद जाति को झारखंड राज्य की अनुसूचित जाति की सूची में सम्मिलित करने हेतु भारत सरकार से अनुशंसा करने की स्वीकृति दी गई।

-झारखंड में सभी सरकारी विद्यालयों के वर्ग-8 में अध्ययनरत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/ अल्पसंख्यक/ पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क साइकिल वितरण की स्वीकृति दी गई।

-वित्तीय वर्ष 2020-21 में झारखंड राज्य के गिरिडीह जिला में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सरिया के भवन निर्माण की योजना हेतु कुल-2,11,23,589/- मात्र की लागत पर द्वितीय पुनरीक्षित प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

-पिछड़े वर्गों के लिए राज्य आयोग के वित्तीय वर्ष 2019-20 (अवधि 01, अप्रैल, 2019 से 31 मार्च, 2020) का वार्षिक प्रतिवेदन विधान सभा के पटल पर रखे जाने हेतु स्वीकृति दी गई।

-220 के वी डाल्टेनगंज-गढ़वा संचरण लाईन के दोनों छोर में लिंक लाइन तथा 132 के वी डाल्टेनगंज डाल्टेनगंज संचरण लाईन के निर्माण हेतु राशि रुपये 37.75 करोड़ की पूर्व में स्वीकृत योजना में 45.13 करोड़ की पुनरीक्षित योजना की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई एवं 7.38 करोड़ रुपये जारी करने का आदेश दिया गया। झारखण्ड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड को ऋण स्वरूप राशि विमुक्त करने की स्वीकृति दी गई।

-झारखंड नगरपालिका लोकपाल की शक्तियां और कृत्य राज्य लोकायुक्त को सौंपे जाने की स्वीकृति दी गई।

-जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय, जमशेदपुर के सुचारू रूप से संचालन हेतु कुलपति, कुलसचिव, वित्त पदाधिकारी, परीक्षा नियंत्रक एवं पुस्तकालयाध्यक्ष (विश्वविद्यालय) का पद सृजन करने की स्वीकृति दी गई।

-मनरेगा योजना अंतर्गत श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी दर 194 से बढ़ाकर 225 करने को स्वीकृति दी गई।

-राज्य के गैर सरकारी सहायता प्राप्त (अल्पसंख्यक सहित) प्रारंभिक विद्यालयों में नियुक्त शिक्षकों की सेवा शर्तों, प्रचलित नियम/प्रावधानों में आवश्यक संशोधन एवं तदनुरूप लंबित वेतन-निर्धारण अनुमोदन से संबंधित मामलों के निष्पादन के लिए नीति निर्धारण की स्वीकृति दी गई।

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