मान्या पैलेस सहित पांच बैंक्वेट हाल को सिलिंग से राहत बरकरार, 4 अगस्त को होगी विस्तृत सुनवाई

झारखंड हाोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में मान्या पैलेस सहित पांच बैंक्वेट हाल को रांची नगर निगम की ओर से सील करने के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान विस्तृत सुनवाई के लिए चार अगस्त की तिथि निर्धारित की है।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Mon, 19 Jul 2021 02:14 PM (IST) Updated:Mon, 19 Jul 2021 02:14 PM (IST)
मान्या पैलेस सहित पांच बैंक्वेट हाल को सिलिंग से राहत बरकरार, 4 अगस्त को होगी विस्तृत सुनवाई
मान्य पैलेस सहित पांच बैंक्वेट हाल को सिलिंग से राहत बरकरार। जागरण

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में मान्या पैलेस सहित पांच बैंक्वेट हाल को रांची नगर निगम की ओर से सील करने के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान रांची नगर निगम का जवाब रिकॉर्ड पर नहीं होने के वजह से विस्तृत सुनवाई के लिए चार अगस्त की तिथि निर्धारित की है। हालांकि इस दौरान वादियों की ओर से बैंक्वेट हाल में किसी प्रकार के व्यवसायिक कार्य नहीं करने की अंडर टेकिंग पर अदालत ने रांची नगर निगम की कार्रवाई स्थगित रखने का आदेश की अवधि बढ़ा दी है। इस संबंध में मान्य पैलेस सहित अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

याचिका में कहा गया है कि रांची नगर निगम की ओर से 22 जून 2021 को एक नोटिस जारी कर मान्या पैसेस सहित पांच बैंक्वेट हाल को सील करने की बात कही है, लेकिन वादियों को उक्त नोटिस नहीं मिला है। इसके अलावा नोटिस जारी करने में निगम की ओर से बैंक्वेट हाल रूल-2013 की प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया है। पूर्व में सुनवाई के दौरान निगम के अधिवक्ता प्रशांत कुमार सिंह ने अदालत को बताया था कि इस मामले में निगम की नोटिस अखबार में प्रकाशित की गई थी। इसके अलावा प्रार्थियों को बैंक्वेट हाल के लाइसेंस के लिए आनलाइन आवेदन में सुधार का पूरा मौका दिया गया था।

लेकिन उन्होंने उसमें सुधार नहीं किया। इस मामले में हाई कोर्ट ने पहले भी एक आदेश परित किया है। जिसके अनुसार लाइसेंस लेने के लिए नक्शा पास होना अनिवार्य है। लेकिन प्रार्थियों की ओर से आवेदन के साथ नक्शा नहीं दिया गया था। इसलिए निगम की ओर से बैंक्वेट हाल को सील करने की कार्रवाई की जा रही है। अदालत ने नगर निगम के आदेश को इस आधार पर स्थगित करने का आदेश दिया था कि प्रार्थियों ने वहां पर किसी प्रकार की कोई व्यवसायिक गतिविधि नहीं करने की अंडर टेकिंग दी थी।

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