रांची विवि के NSS वॉलेंटियर वैक्सीनेशन सेंटर पर लोगों की करेंगे मदद, एक मई से बढ़ेगी भीड़
Jharkhand News Ranchi Samachar एनएसएस के स्टेट को-आर्डिनेटर डाॅ. ब्रजेश कुमार ने बताया कि वे वैक्सीनेशन सेंटर पर एनएसएस वॉलेंटियर की मदद लेने के लिए 26 अप्रैल को उपायुक्त रांची और सिविल सर्जन को पत्र लिखकर और व्यक्तिगत तौर पर मिलकर बात करेंगे।
रांची, जासं। कोरोना महामारी से स्थिति लगातार खराब हो रही है। सरकार से लेकर समाजसेवी तक इससे बचाव में लगे हैं। अब कारोना को हराने के लिए रांची विश्वविद्यालय की नेशनल सर्विस स्कीम यानि एनएसएस टीम भी तैयारी कर रही है। 18 वर्ष से अधिक उम्र के युवाओं को एक मई से वैक्सीनल लगना शुरू हो जाएगा। वैक्सीनेशन सेंटर पर एनएसएस की टीम लोगों का सहयोग करेगी। एनएसएस के स्टेट को-आर्डिनेटर डाॅ. ब्रजेश कुमार ने बताया कि वे वैक्सीनेशन सेंटर पर एनएसएस वॉलेंटियर की मदद लेने के लिए 26 अप्रैल को उपायुक्त रांची और सिविल सर्जन को पत्र लिखकर और व्यक्तिगत तौर पर मिलकर बात करेंगे। उनका उद्देश्य जिला प्रशासन का सहयोग करना है। उन्होंने कहा कि एनएसएस यूनिसेफ के साथ मिलकर, न डरना है, न घबराना है, मिलकर कोरोना को हराना है, अभियान के साथ लोगों को जागरुक कर रहा है।
जागरुकता संबंधी पोस्टर लेकर पहुंचेंगे वॉलेंटियर
डाॅ. ब्रजेश कुमार ने कहा कि एक मई से वैक्सीनेशन सेंटर पर लोगों की भीड़ बढ़ जाएगी। क्योंकि युवाओं की संख्या अधिक है। हमारी योजना है कि प्रत्येक सेंटर पर दो-दो स्वयंसेवक को नियुक्त किया जाए। इनके लिए हम पीपीई किट, मास्क से लेकर सुरक्षा के सभी उपाय करेंगे। ये वॉलेंटियर हाथ से लिखा हुआ पोस्टर सेंटर पर ले जाएंगे। इसमें वैक्सीनेशन के बाद भी लापरवाही नहीं बरतने सहित खुद को सुरक्षित रखने के तरीके होंगे। पोस्टर सेंटर पर चिपकाएंगे। इसके बाद लाेगों को नमस्कार करते हुए शारीरिक दूरी का पालन करते हुए कतार में खड़ा कराएंगे। आधार कार्ड संबंधी कोई समस्या होगी तो उसके निदान में सहयोग करेंगे। टीका लगने के बाद लोगों को वहीं आधा घंटा रोकेंगे और इस दौरान उन्हें मोटिवेट भी करेंगे कि डरें नहीं, कोरोना से लड़ें।
शुरुआत रांची से फिर अन्य जिलों में भी करेंगे मदद
वैक्सीनेशन सेंटर पर वॉलेंटियर की नियुक्ति की शुरुआत रांची से की जाएगी। इसके बाद राज्य के विश्वविद्यालयों के एनएसएस पदाधिकारी को इस संबंध में निर्देश दिया जाएगा। डाॅ. ब्रजेश ने कहा कि शुरुआत रांची विवि के स्वयंसेवकों से होगी, फिर अन्य विश्वविद्यालय के स्वयंसेवक भी अपने-अपने जिलों में लोगों की मदद करेंगे। एनएसएस पदाधिकारी संबंधित जिले के उपायुक्त से मिलकर इसकी अनुमति लेंगे। डाॅ. ब्रजेश ने कहा कि युवाओं को विभिन्न प्रकार की भावनाओं का सामना करना पड़ता है। कोविड-19 के कारण चिंता, थकान और क्रोध होता है। इससे बचना जरूरी है।
गठित होगा तनाव प्रबंधन कोषांग
कोरोना से बचाव को लेकर जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। विश्वविद्यालय स्तर पर विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। विश्वविद्यालय स्तर पर तनाव प्रबंधन कोषांग गठित की जाएगी। प्रत्येक जिला में युवाओं के अंदर व्याप्त तनाव को दूर करने हेतु वेबिनार, कार्यशाला, संवाद, उन्मुखीकरण आदि कार्यक्रम होंगे।