रियल एस्‍टेट को बजट से उम्‍मीद, वस्तु एवं सेवा की खरीद पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ दे सरकार

Real Estate Business Ranchi बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया झारखंड प्रांत के अध्‍यक्ष रोहित अग्रवाल ने कहा कि आनेवाले बजट में टैक्स छूट की सीमा बढ़ाई जाय ताकि घरों की डिमांड में बढ़ोत्तरी हो। प्रधानमंत्री आवास के लिए सब्सिडी स्‍कीम को बढ़ाया जा सकता है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 10:44 AM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 11:10 AM (IST)
रियल एस्‍टेट को बजट से उम्‍मीद, वस्तु एवं सेवा की खरीद पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ दे सरकार
रियल स्‍टेट को बजट 2021 से उम्‍मीदें। फाइल फोटो

रांची, जासं। Real Estate Business Ranchi आम बजट में वर्क्स कांट्रैक्टस व रियल एस्टेट सेक्टर्स को राहत देने के लिए बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (बीएआइ) झारखंड सेंटर्स द्वारा केंद्रीय वित्त मंत्री को पत्र लिखा गया है। पत्र में कहा गया कि सरकार को कमर्शियल लीजिंग या किराये के लिए वस्तु एवं सेवा की खरीद पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ देना चाहिए। इससे वर्क्स कांट्रैक्टस व रियल एस्टेट डेवलपर्स को कोविड के कारण उपजे कठिन हालात में राहत मिलेगी। बीएआइ के अध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान में किराये की आय पर जीएसटी चुकाना होता है, जबकि इसके निर्माण के वक्त इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) की सुविधा नहीं दी जाती है।

उन्होंने यह भी कहा कि आनेवाले बजट में टैक्स छूट की सीमा बढ़ाई जाए ताकि घरों की डिमांड में बढ़ोत्तरी हो। इसके साथ ही 80सी के तहत होम लोन चुकाने में प्रिंसिपल पर मिलने वाली टैक्स छूट को भी बढ़ाया जाए। अभी 80सी में 1.5 लाख रुपये तक की छूट मिलती है। इसमें होम लोन के प्रिंसिपल का भुगतान भी शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि महानगरीय शहरों में 60 वर्गमीटर और गैर महानगरीय क्षेत्रों में 90 वर्गमीटर में किफायती आवास बनाने की लिमिट तय की गई है।

इसकी कीमत 45 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। बीएआइ द्वारा दिए गये सुझाव में कहा गया कि अंडर कंस्ट्रक्शन घरों में जीएसटी दरें भी घटाई जानी चाहिए। वर्तमान में इसपर 5 फीसद जीएसटी लगता है। इसे कुछ महीनों के लिए शून्य प्रतिशत कर देना चाहिए। अभी अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट पर एक फीसदी और नॉन अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट पर 5 फीसद टैक्स लगता है। यह भी कहा गया कि अभी मीडियम इनकम ग्रुप श्रेणी के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना की क्रेडिट सब्सिडी स्कीम की समय सीमा मार्च 2021 है। इस सब्सिडी स्कीम को अगले साल मार्च 2022 तक बढ़ाया जा सकता है।

संस्थान की तरफ से सुझाया गया कि आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 194एन से इंफ्रा उद्योग क्षेत्र को कम से कम 5 वर्षों के लिए छूट दी जाए ताकि उनके नकदी प्रवाह की कमी को दूर किया जा सके और परियोजनाओं को बिना किसी बाधा के समय पर पूरा किया जा सके। सभी के लिए आवास के लिए सरकार के मिशन को प्राप्त करने के लिए उच्चकालीन क्षेत्र मानदंड का विस्तार करके पहले घर के मालिकों को लाभ देने के लिए धारा 80आइबीए की किफायती आवास परियोजनाओं को लागू किया जाना चाहिए।

रोहित अग्रवाल ने कहा कि वर्क्स कांट्रैक्टर्स का एक मुख्य खर्च वाहनों और मशीनरी के रख-रखाव के लिए पेट्रोल-डीजल आदि की खरीद से संबंधित है। जीएसटी रेजीम के तहत इन उत्पादों को शामिल नहीं करने से इन उत्पादों पर वैट के भुगतान पर इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त नहीं होता। जीएसटी के दायरे में पेट्रोल, डीजल एवं अन्य पेट्रोलियम उत्पादों का समावेश किया जाय। साथ ही उन्होंने रियल एस्टेट सेक्टर को उद्योग का दर्जा देने की मांग की।

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