Ranchi News: क्यों अंगदान को लेकर भारत में है उदासीनता, मेडिकल छात्रों ने चलाया जागरुकता अभियान

Ranchi News स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट आर्गेनाईजेशन (सोटो) की ओर से राष्ट्रीय अंगदान दिवस के अवसर पर झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में वॉकथान का आयोजन किया गया। इसके जरिये मेडिकल के छात्र-छात्राओं ने आमजन को अंगदान के प्रति जागरूक करने का संदेश दिया।

By Madhukar KumarEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 01:27 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 01:27 PM (IST)
Ranchi News: क्यों अंगदान को लेकर भारत में है उदासीनता, मेडिकल छात्रों ने चलाया जागरुकता अभियान
Ranchi News: क्यों अंगदान को लेकर भारत में है उदासीनता, मेडिकल छात्रों ने चलाया जागरुकता अभियान

रांची, जासं।  स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट आर्गेनाईजेशन (सोटो) की ओर से राष्ट्रीय अंगदान दिवस के अवसर पर झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में वॉकथान का आयोजन किया गया। इसके जरिये मेडिकल के छात्र-छात्राओं ने आमजन को अंगदान के प्रति जागरूक करने का संदेश दिया।

सोटो के नोडल पदाधिकारी डा राजीव रंजन के नेतृत्व में वॉकथान रिम्स परिसर स्थित राजेन्द्र पार्क से शुरू होकर डेंटल कॉलेज और सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक होते हुए पूरे अस्पताल परिसर में पोस्टर, बैनर और नारों के जरिए लोगों को आगे आकर अंगदान करने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि किसी जरूरतमंद को जीवनदान दिया जा सके। अंगदान को बढ़ावा देने के लिए सोटो द्वारा रिम्स के सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में संकल्प लेने के लिए आम जनता को प्रोत्साहित भी किया गया।

मालूम हो कि भारत में हर साल 27 नवंबर को राष्ट्रीय अंगदान दिवस मनाया जाता है। देश में अंगदान का आंकड़ा काफी कम रहा है। एक अनुमान के मुताबिक, देश में प्रति मिलियन जनसंख्या पर केवल 0.65 अंगदान होते हैं, जबकि इसकी तुलना में स्पेन में 35 और अमेरिका में 26 अंगदान किया जाता है। राष्ट्रीय अंगदान दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को अंगदान के प्रति जागरुक करना और मौत के बाद शरीर को स्वास्थ्य सेवा और मानव जाति में किए गए निस्वार्थ योगदान को पहचानना है।

रिम्स में अभी इसी वर्ष से सोटो की स्थापना हुई है जिसमें अंगदान करने को लेकर लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में सबसे पहले किडनी ट्रांसप्लांट करने की तैयारी भी शुरू कर दी गई है जल्दी किडनी ट्रांसप्लांट के लिए विशेषज्ञों की टीम की बहाली की जाएगी। प्रबंधन के अनुसार इस व्यवस्था के बाद रिम्स झारखंड का पहला ऐसा अस्पताल होगा यहां पर किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा लोगों को सस्ते दर पर मिल सकेगी। फिलहाल आयुष्मान योजना के लाभुकों को किडनी ट्रांसप्लांट का कितना लाभ मिलेगा इस पर फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी गई है।

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