Ranchi News: बॉलीवुड, नेपोटिज्म और अभिनय को लेकर शाहरूख के को-स्टार ने रखी अपनी राय

Ranchi News रांची आने पर जब यहां की हवा चेहरे को छूती है तो आत्मा तृप्त हो जाती है। ये कहना है रांची में पले-बढ़े अभिनेता राजेश जैश का। राजेश जैश आज बॉलीवुड में आज जाना पहचाना नाम बन गए हैं।

By Madhukar KumarEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 12:23 PM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 12:23 PM (IST)
Ranchi News: बॉलीवुड, नेपोटिज्म और अभिनय को लेकर शाहरूख के को-स्टार ने रखी अपनी राय
Ranchi News: बॉलीवुड, नेपोटिज्म और अभिनय को लेकर शाहरूख के को-स्टार ने रखी अपनी राय

रांची, (श्रद्धा छेत्री): रांची आने पर जब यहां की हवा चेहरे को छूती है तो आत्मा तृप्त हो जाती है। ये कहना है रांची में पले-बढ़े अभिनेता राजेश जैश का। राजेश जैश आज बॉलीवुड में आज जाना पहचाना नाम बन गए हैं। एक उम्दा कलाकार जिसने अपनी दमदार एक्टिंग से पूरे झारखंड का नाम रौशन किया है। हाल ही में उन्होंने सुपरस्टार शाहरुख खान के साथ शूट किए एड से काफी लोकप्रियता बटोरी है। अभिनेता राजेश ने 1987 में रांची के मारवाड़ी कालेज से ग्रेजुएशन किया। बाद में एनएसडी ज्वाइन कर लिया। फिर तो राजेश जैश ने अभिनय की बारिकियां सीखीं और आज उसी अभिनय के बल पर हर दिन नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं।

राजेश कहते हैं फिल्मों का चयन करते समय कभी फिल्म की लंबाई नहीं देखता। बल्कि किरदार को देखता हूं। उस रोल का स्टोरी में कितना योगदान है। जो रोल मुझे मिलता है उसका पूरी फिल्म में कितना योगदान है यही देखता हूं। यही कारण है कि राजेश ने जो भी भूमिकाएं की हैं वो सभी एक से बढ़कर एक है। टीवी हो या फिल्म या फिर वेब सीरीज, राजेश जैश के अभिनय में स्थिरता दिखती है। जो भाव उनके अभिनय में दिखता है वो उन्हें उच्च श्रेणी के अभिनेताओं की कतार में खड़ा करता है।

हाल में रिलीज हुई है वेब सीरीज छोरी : राजेश बताते हैं राजेश को करियर का पहला ब्रेक टीवी पर शांति सीरियल से मिला था। इसके बाद उन्हें कभी पीछे मुड़ने की नौबत नहीं आई। उन्होंने टीवी पर कई शोज किए जैसे क्या मस्त है लाइफ, अदालत, देखा एक ख्वाब व अन्य। लेकिन 2013 में टेलीविजन इंडस्ट्री को छोड़ दिया। कलर्स पर प्रसारित होने वाला शास्त्री सिस्टर्स टीवी पर उनका आखिरी शो था। करियर को आगे बढ़ाने के लिए राजेश ने फिल्मों व वेब सीरीज का रुख किया। विज्ञापन करने लगे। राजेश कहते हैं वह एक प्ले भी करते हैं। जिसका नाम है मुगल-ए-आजम। इस प्ले में सवा 200 लोगों की टीम है। इस प्ले को वो ऑल ओवर द वर्ल्ड करते हैं। अब तक 250 से ऊपर शो कर चुके हैं। राजेश की एक वेब सीरीज छोरी भी रिलीज हुई है। फिल्मों में ओह डार्लिंग ये है इंडिया, रब ने बना दी जोड़ी, लाइफ पार्टनर, रॉकेट सिंह, एयरलिफ्ट, सोनू के टीटू की स्वीटी, मिसिंग, राजी व अन्य फिल्मों में भी उन्होंने काम किया है।

मुझे इतने लाइंस बोलने को देना ये शाहरुख का बड़प्पन है: राजेश कहते हैं शाहरुख के साथ एड शूट करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। इतने बड़े स्टार के सामने इतनी लाइंस बोलना...लाइन भी ऐसी कि वो बॉलिंग कर रहे हैं और मैं बैटिंग। और मैं पंचेस पे पंचेस मार रहा हूं। ऐसा पहले नहीं होता था। सुपरस्टार से आगे आप नहीं रह सकते हैं। लेकिन यह उसके विपरीत है। शाहरुख बिल्कुल भी इंसिक्यूर नहीं हैं। वो एक बहादुर स्टार हैं। मुझे इतने लाइंस बोलने को देना ये उनका बड़प्पन है।

झॉलीवुड में कंटेंट पर काम नहीं हो रहा: राजेश कहते हैं झॉलीवुड से मैं बहुत कनेक्टेड हूं। वहां की हर एक्टिविटी से मैं वाकिफ हूं। झॉलीवुड अभी भी 80 के समय में चल रहा है। झारखंड का ट्राइबल कल्चर इतना खूबसूरत है कि यह पूरी दुनिया में यूनिक है।और यही लोग देखना चाहेंगे। म्यूजिक वीडियोज की तो बाढ़ आई हुई है। मुझे इस बात का बेहद दुख है कि वहां कंटेंट पर काम नहीं हो रहा है। मेरी फिल्म धुमकुड़िया में भी ट्राइबल कल्चर को दिखाया गया है। लेकिन झॅालीवुड में सबको ओवरनाइट स्टार बनना है। फिल्मसिटी का काम भी ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है।

झारखंड फिल्म डेवलपमेंट कमेटी का गठन झॉलीवुड का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है। झारखंड में सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे मॉडल एजुकेटेड अपमार्केटेड एंड ट्रेडिशनल आदिवासी रहते हैं। लेकिन कुर्सी पर बैठे लोग केवल अपनी झोली भरने में लगे हैं। यह एक शर्म की बात है कि कमिटी की एक भी मीटिंग नहीं हुई है। रांची के थियेटर की बात करें तो काफी अच्छा थिएटर हो रहा है। कम से कम सुविधाओं में थियेटर कर रहे हैं और यह वाकई काबिले तारीफ है। जो लोग अपने पार्ट टाइम में थियेटर करते हैं उससे थिएटर जिंदा है। रांची के फिल्म मेकर्स के लिए राजेश कहते हैं शार्टकट के चक्कर में ना रहें। झारखंड लोकल कंटेंट पर काम करे। एकदम लोकप्रिय होने के चक्कर में ना पड़ें बल्कि एक संदेश देने की कोशिश करें।

लोग आपको जूते मारें या आपकी सराहना करें ये तो आपकी काबीलियत पर निर्भर है: नेपोटिज्म तो हर जगह होता है चाहे वो राजनीति हो, कॉर्पोरेट सेक्टर या फिल्म इंडस्ट्री। लेकिन फिल्म इंडस्ट्री के लोग सॉफ्ट टार्गेट होते है। इसलिए लोग उन्हें ज्यादा टारगेट करते हैं। आप फिल्म में आते हैं अब लोग आपको जूते मारें या आपकी सराहना करें ये तो आपकी काबिलियत पर निर्भर है। राजेश कहते हैं अगर आपमें दम होगा तो लोग पसंद करेंगे। आप और चलने लगेंगे और फिल्में भी मिलेंगी नहीं तो बहुत ऐसे लोग भी है जिनके इंडस्ट्री में गॉडफादर होने के बावजूद भी उनका करियर आगे नहीं बढ़ पाया। मेरा करियर भी नेपोटिज्म से अफेक्ट होता है लेकिन इनडायरेक्टली। सब अंदर-अंदर ही हो जाता है। जो मुझे पता नहीं चल पाता। लेकिन मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। मैं अपने काम से मतलब रखता हूं।

शादी करने के लिए लड़की वालों को देता था इंटरव्यू: राजेश कहते हैं शादी के लिए लड़की के पेरेंट्स को इंटरव्यू देता था, कोई सैलरी स्लिप मांगते थे तो कोई आईटी रिटर्न मांगते थे। कोई बैंक का पासबुक तो कोई कुछ। ऐसा करते करते आखिर मैं मुझे लड़की मिल ही गई और मेरी शादी हो गई। आज मैं अपनी पत्नी व दो बच्चों के साथ एक खुशहाल जिंदगी बिता रहा हूं। 2002 में जब क्राइम पेट्रोल की शुरुआत हुई थी तब सिर्फ मैंने उसके 5 एपिसोड्स किए थे। लेकिन आज भी लोग मुझे उस शो के किरदार के रूप में जानते हैं।

हाल में उनकी रिलीज वेब सीरीज : छोरी

रब ने बना दी जोड़ी, लाइफ पार्टनर, रॉकेट सिंह, एयरलिफ्ट, सोनू के टीटू की स्वीटी आदि में निभाई महत्वपूर्ण भूमिकाएं

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