Ranchi News: आकांक्षा स्कीम से शिक्षा विभाग को मिल रही नई पहचान, जारी रहेगा सफलता का अभियान

Ranchi News प्रदेश में आकांक्षा स्कीम से शिक्षा विभाग को नई पहचान मिल रही है। निम्न आय वर्ग के अभिभावक अब अपने बच्चों को हौसलों की उड़ान दे रहे हैं। प्रतिवर्ष सरकारी प्रावधान के तहत मेधावी छात्र छात्राओं को मेडिकल और इंजीनियरिंग सीट के लिए तैयार किया जाता है।

By Madhukar KumarEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 10:02 AM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 10:02 AM (IST)
Ranchi News: आकांक्षा स्कीम से शिक्षा विभाग को मिल रही नई पहचान, जारी रहेगा सफलता का अभियान
Ranchi News: आकांक्षा स्कीम से शिक्षा विभाग को मिल रही नई पहचान, जारी रहेगा सफलता का अभियान

रांची, जासं। प्रदेश में आकांक्षा स्कीम से शिक्षा विभाग को नई पहचान मिल रही है। निम्न आय वर्ग के अभिभावक अब अपने बच्चों को हौसलों की उड़ान दे रहे हैं। प्रतिवर्ष सरकारी प्रावधान के तहत मेधावी छात्र छात्राओं को 50 मेडिकल और 75 इंजीनियरिंग सीट के लिए तैयार किया जाता है। इस मुहीम के सुखद परिणाम भी सामने आ रहे हैं...। उक्त बातें जिला शिक्षा पदाधिकारी अरविंद विजय बिलुंग ने दैनिक जागरण के संवाददाता कुमार गौरव से विशेष बातचीत के दौरान कही...।

सवाल : आठवीं और बोर्ड परीक्षा की तैयारी को लेकर शिक्षा विभाग कितना तैयार है ?

जवाब : इसे लेकर जैक से कोई निर्देश प्राप्त नहीं है। जैसे ही कोई निर्देश प्राप्त होगा, जानकारी दी जाएगी।

सवाल : एक रिपोर्ट में कहा गया है कोरोना काल के बाद सरकारी विद्यालयों में छात्रों की संख्या बढ़ी है ?

जवाब : 1-8 तक के वैसे स्कूल जिन्हें किसी भी बोर्ड से मान्यता प्राप्त नहीं है, कोरोना काल में स्वतः बंद हो गए। जो अभिभावक सक्षम नहीं थे और अन्य निजी स्कूलों में नहीं पढ़ा सकते थे उन्होंने सरकारी में बच्चों का दाखिला कराया। दूसरा फीस और तीसरा ऑनलाइन क्लास के प्रेशर की वजह से कई अभिभावकों ने सरकारी स्कूल का रुख किया।

सवाल : गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को ले विभाग क्या कर रहा है ?

जवाब : अमूमन सभी हाई स्कूलों में 80 प्रतिशत तक शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई है। जैक के द्वारा तैयार प्रश्नावली के आधार पर हर महीने रिपोर्ट तैयार की जाती है। बच्चों की पढ़ाई की गुणवत्ता और आईक्यू पर भी काम चल रहा है।

सवाल : 2016 में शुरू हुए आकांक्षा स्कीम में बच्चों को क्या लाभ मिल रहा है ?

जवाब : 2016-17 से आकांक्षा की शुरुआत प्रदेश के सभी जिलों में हुई। लेकिन शुरुआती दिनों इसके अच्छे परिणाम सामने नहीं आए। लिहाजा, इसे राज्यस्तरीय बनाकर रांची में ही केंद्रित कर दिया गया। वर्तमान में 10 अनुभवी शिक्षकों के द्वारा यहां पढ़ाया जा रहा है। जैक की परीक्षा में सफल 50 मेडिकल और 75 इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए मेधावी बच्चों को यहां सरकार के द्वारा 2 साल तक सब कुछ निशुल्क उपलब्ध कराया जाता है।

सवाल : तकनीकी रूप से इसे कितना तैयार किया गया है, और कौन कौन सी सुविधा दी जा रही है ?

जवाब : आकांक्षा के सभी बच्चों के लिए जिला स्कूल में 2 डिजिटल प्रॉजेक्टर, 25 कंप्यूटर, वाईफाई, लाइब्रेरी की सुविधा दी जा रही है।

सवाल : कहां-कहां से बच्चे आते हैं पढ़ने ?

जवाब : यहां पढ़ने के लिए आमतौर पर वैसे बच्चे आते हैं जो ग्रामीण क्षेत्रों से होते हैं। मेधावी बच्चों को तैयार कर निर्धारित संख्या बल डॉक्टर और इंजीनियर बन रहे हैं।

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