Coronavirus Update: धनबाद के MP पीएन सिंह के बाद अब रांची सांसद संजय सेठ भी होम क्वारंटाइन

दिल्ली से रांची लौटने के बाद विवादों में आए रांची के सांसद संजय सेठ होम क्वारंटाइन में चले गए हैं। इससे पहले धनबाद के सांसद पीएन सिंह भी होम क्वारंटाइन में चले गए थे।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Fri, 17 Apr 2020 09:05 AM (IST) Updated:Fri, 17 Apr 2020 12:47 PM (IST)
Coronavirus Update: धनबाद के MP पीएन सिंह के बाद अब रांची सांसद संजय सेठ भी होम क्वारंटाइन
Coronavirus Update: धनबाद के MP पीएन सिंह के बाद अब रांची सांसद संजय सेठ भी होम क्वारंटाइन

रांची, राज्य ब्यूरो। लॉकडाउन के दौरान सड़क मार्ग से दिल्ली से रांची लौटने के बाद विवादों में आए रांची के सांसद संजय सेठ होम क्वारंटाइन में चले गए हैं। इससे पहले धनबाद के सांसद पीएन सिंह भी होम क्वारंटाइन में चले गए थे। दोनों सांसदों के लॉकडाउन के बीच दिल्ली से झारखंड आने की कांग्रेस व अन्य दल निंदा कर रहे थे। 

होम क्वारंटाइन में रहकर करूंगा जिम्मेदारियों का निर्वहन

संजय सेठ ने बताया कि वे मंगलवार शाम से ही होम क्वारंटाइन में हैं। उन्होंने कहा कि होम क्वारंटाइन में जाने के बावजूद वे बतौर सांसद अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करते रहेंगे। इस क्रम में उन्होंने गुरुवार को एक लाख सुरक्षा किट भाजपा मुख्यालय को मुहैया कराई हैं।  सुरक्षा किट में दो सेनेटाइजर, दो थ्री लेयर मास्क एवं दो साबुन शामिल है। हमारी कोशिश रांची संसदीय क्षेत्र के प्रत्येक पंचायत तक सुरक्षा किट पहुंचाने की है। 

होटवार जेल के 20 कैदियों को 45 दिनों की सशर्त आजादी

कोरोना महामारी को देखते हुए होटवार जेल में बंद 20 कैदियों को अदालत ने 45 दिनों की सशर्त आजादी दी है। 45 दिनों के बाद कैदियों को संबंधित अदालत में आत्मसमर्पण करना होगा। सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार हाईकोर्ट ने राज्य के सभी सिविल कोर्ट को सात साल की सजा वाले विचाराधीन कैदियों को सशर्त जमानत पर छोडऩे का आदेश दिया था। जेल प्रशासन ने 121 कैदियों की सूची सिविल कोर्ट को सौंपी थी। पहले दिन दो कैदियों, जबकि गुरुवार को विभिन्न न्यायालय से 18 कैदियों को निजी मुचलके पर 45 दिनों की सशर्त जमानत दी गई।

संक्रमण प्रभावित इलाके के कैदियों को नहीं मिलेगी आजादी

जमानत देने से पहले अदालत यह सुनिश्चित कर लेती है कि छोड़े जाने वाले कैदी संक्रमण प्रभावित क्षेत्र के तो नहीं हैं। छोड़े जाने वाले कैदियों की आवागमन की सुविधा का भी ध्यान रखा जाता है। कैदियों को डालसा सचिव अभिषेक कुमार के आदेश पर कानूनी मदद भी उपलब्ध कराई जा रही है।

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