मेयर ने सरकार पर साधा निशाना, कहा नगर निगम को तत्काल मिले पौने दो करोड़
रांची राज्य सरकार राजधानी के विकास को लेकर गंभीर नहीं है। रांची नगर निगम को तत्काल पौने दो करोड़ रुपये की जरूरत है।
जागरण संवाददाता, रांची : राज्य सरकार राजधानी के विकास को लेकर गंभीर नहीं है। राज्य के सभी निकायों पर अब तक राज्य सरकार कुल बजट का मात्र 18.61 फीसदी राशि ही खर्च कर पाई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य का खजाना खाली होने का रोना रो रहे हैं। बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में रांची की मेयर आशा लकड़ा ने ये बातें राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि राजधानी के विकास के लिए रांची नगर निगम को फौरन एक करोड़ 75 लाख रुपये की जरूरत है।
मेयर ने कहा कि राजधानी के विकास को लेकर हेमंत सरकार को सबसे पहले रोडमैप तैयार करना चाहिए, न कि पूर्व की योजनाओं को रद कर विकास के मार्ग को अवरुद्ध करना चाहिए। निगम क्षेत्र के कई वार्डों में स्थानीय लोग वर्षों पुरानी जर्जर सड़कों की जगह नई सड़क व नाली निर्माण की मांग कर रहे हैं। कई इलाकों में लोग स्ट्रीट लाइट की सुविधा से वंचित हैं। मेयर ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि निगम क्षेत्र से संबंधित कार्यों के लिए रांची नगर निगम को तत्काल 1.75 करोड़ रुपये दिए जाएं।
मेयर ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं नगर विकास मंत्री भी हैं। लिहाजा राजधानी की समस्याओं से वो अच्छी तरह वाकिफ हैं। उन्हें यह बताने की जरूरत नहीं है कि रांची नगर निगम क्षेत्र में शहरी सुविधाओं से संबंधित क्या जरूरतें हैं। रघुवर सरकार ने राजधानी को नया स्वरूप प्रदान करने के लिए अटल स्मृति वेंडर मार्केट, अर्बन हाट, नागाबाबा खटाल सब्जी बाजार, स्मार्ट रोड, कांटाटोली फ्लाइओवर व रांची नगर निगम के नए भवन के साथ ही मोरहाबादी मैदान को टाइम्स स्क्वायर का स्वरूप प्रदान किया। रघुवर सरकार के कार्यकाल में ही अल्पसंख्यक समुदाय को नया हज-हाउस मिला। इसके अलावा हरमू फ्लाइओवर व रातू रोड में एलिवेटेड रोड निर्माण की योजना को भी धरातल पर उतारने की तैयारी चल रही थी। रवींद्र भवन, स्मार्ट सिटी परिसर में अर्बन टावर एंड सिविक सेंटर, जुपमी बिल्डिग, कमांड, कंट्रोल एंड कम्युनिकेशन सेन्टर भी रघुवर सरकार की ही देन है।
-----
कांटाटोली फ्लाइओवर योजना को बाधित कर रही राज्य सरकार
मेयर ने कहा कि हेमंत सरकार ने कांटाटोली फ्लाइओवर की योजना में फेरबदल कर रघुवर सरकार की योजना को अवरुद्ध करने का प्रयास किया है। इस योजना का काम अब तक शुरू नहीं हो पाया है। अगर भाजपा की सरकार होती तो अब तक फ्लाइओवर का निर्माण शुरू हो चुका होता। सवाल ये है कि आखिर राज्य के नगर विकास मंत्री का राजधानी के प्रति क्या नजरिया है। आम जनता के पैसों से होने वाले शहर के विकास की रूपरेखा स्पष्ट होनी चाहिए। हर सवाल के जवाब पर कोरोना का नाम लेकर रोना उचित नहीं है।