ऐसे में रांची कैसे होगा अतिक्रमण मुक्‍त, मेयर आशा लकड़ा ही लगा रहीं अड़ंगा

Jharkhand News लोगों का कहना है कि नगर निगम का काम अतिक्रमण को रोकना है और शहर के पर्यावरण को सुधारना है। अब जब हाई कोर्ट के आदेश पर ऐसा हो रहा है तो मेयर और डिप्टी मेयर क्यों ऐसा कर रहे हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 04:05 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 05:03 PM (IST)
ऐसे में रांची कैसे होगा अतिक्रमण मुक्‍त, मेयर आशा लकड़ा ही लगा रहीं अड़ंगा
Jharkhand News मेयर ने नगर आयुक्त को पत्र लिख कर कार्रवाई पर विराम लगाने की बात कही है।

रांची, जासं। Jharkhand News रांची में बड़ा तालाब के आसपास बने 43 भवनों को सील करने का आदेश दिए जाने और अपर बाजार के 455 भवनों के खिलाफ नगर आयुक्त का कोर्ट में केस दर्ज किए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। रांची नगर निगम से नोटिस जारी होने के बाद निगम की कार्रवाई में मेयर आशा लकड़ा ही अड़ंगा लगा रही हैं। मेयर आशा लकड़ा और डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय भवन मालिकों के हिमायत में खड़े हो गए हैं। माना जा रहा है कि इससे रांची को अतिक्रमणमुक्त बनाने के अभियान को झटका लगेगा।

मेयर व डिप्टी मेयर द्वारा अतिक्रमणकारियों का समर्थन करने की चर्चा पूरे शहर में है। लोगों का कहना है कि नगर निगम का काम अतिक्रमण को रोकना है और शहर के पर्यावरण को सुधारना है। अब जब हाई कोर्ट के आदेश पर ऐसा हो रहा है तो मेयर और डिप्टी मेयर ऐसा क्यों कर रहे हैं। यह बात किसी के गले नहीं उतर रही है। हाई कोर्ट ने रांची के बड़ा तालाब और अपर बाजार को अतिक्रमणमुक्त करने का आदेश नगर निगम को दिया है।

इसके बाद नगर आयुक्त ने बड़ा तालाब के 43 भवनों के मालिकों को नोटिस जारी कर नगर निगम में नक्शा जमा करने और ऐसा नहीं करने पर भवन को सील करने का आदेश दिया है। अपर बाजार के 455 भवनों के मालिकों को नोटिस दिया गया है। इसके बाद रांची शहर की सियासत में भूचाल आ गया है। कहा जा रहा है कि मेयर और डिप्टी मेयर पूरी तरह अतिक्रमण करने वालों को बचाने में जुट गए हैं। मेयर ने नगर आयुक्त को पत्र लिख कर कार्रवाई पर विराम लगाने की बात कही है। डिप्टी मेयर ने नगर विकास विभाग को पत्र लिख कर नियमों में संशोधन करने को कहा है। उधर, नगर निगम का कहना है कि यह कार्रवाई हाई कोर्ट के आदेश पर हो रही है।

नगर निगम ने शुरू की कार्रवाई की तैयारी

नगर निगम ने भवनों को सील करने की तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार अब तक किसी भी भवन मालिक ने रांची नगर निगम को अपने भवन का स्वीकृत नक्शा नहीं सौंपा है।

अतिक्रमणकारियों के समर्थन के सवाल पर मेयर ने यह कहा

मेयर ने कहा कि नहीं, ऐसा नहीं है। यह भवन काफी पुराने हैं। पुराने भवनों के साथ रियायत बरती जानी चाहिए। सरकार अभी कुछ साल पहले बने बिल्डिंग बायलाज के अनुसार इन पुराने भवनों पर कार्रवाई करना चाहती है। यह कहां का न्याय है।

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