आतंकियों की पनाहगार रही है रांची, अब तक 10 आतंकी हो चुके हैं गिरफ्तार Ranchi News

Terrorists Connection in Ranchi सबसे पहले बरियातू के दानिश व मंजर इमाम गिरफ्तार किए गए थे। बाद में आतंकी कनेक्शन सामने आने पर एनआइए की एक टीम रांची में ही कैंप करने लगी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Sun, 20 Sep 2020 12:33 PM (IST) Updated:Sun, 20 Sep 2020 12:33 PM (IST)
आतंकियों की पनाहगार रही है रांची, अब तक 10 आतंकी हो चुके हैं गिरफ्तार Ranchi News
आतंकियों की पनाहगार रही है रांची, अब तक 10 आतंकी हो चुके हैं गिरफ्तार Ranchi News

रांची, राज्य ब्यूरो। बंगाल और केरल में नौ आतंकियों के पकड़े जाने के बाद रांची पुलिस भी सतर्क है। रांची भी आतंकियों की पनाहगार रही है। सबसे पहले रांची का नाम तब उछला था, जब बड़ोदरा में जून 2011 में रांची के बरियातू निवासी दानिश की गिरफ्तारी हुई थी। इससे पूर्व रांची में आतंकी कनेक्शन सामने नहीं आया था। दानिश के बाद रांची के बरियातू के ही मंजर इमाम और उसके बाद आठ अन्य युवकों की आतंकी गतिविधियों में एनआइए गिरफ्तार कर चुकी है।

वर्ष 2008 में अहमदाबाद में सीरियल बम ब्लास्ट में जांच के दौरान राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को यह जानकारी मिली थी कि इस घटना में इंडियन मुजाहिदीन का हाथ है। इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों में दो आतंकियों के रांची के होने की बात सामने आई थी, जिसमें एक का नाम दानिश और दूसरे का नाम मंजर इमाम बताया गया था। यह भी बताया गया था कि बरियातू क्षेत्र में दानिश का घर है।

अंतत: जून-2011 में दानिश रियाज उर्फ शॉकिन उर्फ अफाक इकबाल को एनआइए की विशेष टीम ने बड़ोदरा में गिरफ्तार कर लिया था। बरियातू का दानिश हैदराबाद में एक आइटी कंपनी में कार्यरत था। अहमदाबाद की क्राइम ब्रांच ने जब दानिश के ई-मेल को खंगाला तो पता चला था कि दानिश ने रांची के इमामुद्दीन नामक व्यक्ति के सहयोग से रांची के 24 युवाओं को इंडियन मुजाहिदीन से जोड़ा था। दानिश को यह जिम्मा इंडियन मुजाहिदीन का सरगना अब्दुल सुभान उर्फ तौकिर ने दिया था।

दानिश पर आरोप है कि वह पहले आतंकी संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का हिस्सा था। अहमदाबाद बम धमाके के समय वह इंडियन मुजाहिदीन के अब्दुल सुभान उर्फ तौकिर के संपर्क में आया था। दानिश के सबसे करीबियों में मंजर इमाम का नाम सामने आया था। 4 मार्च 2013 को मंजर इमाम भी पकड़ा गया था। इसके बाद रांची में एक के बाद एक आतंकी कनेक्शन सामने आने लगे।

गया के बाद पटना के सीरियल बम ब्लास्ट में रांची की आतंकी गतिविधियां खुलकर सामने आई और अंतत: राष्ट्रीय जांच एजेंसी की एक टीम रांची में ही कैंप करने लगी। पटना के गांधी मैदान में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की सभा में सीरियल बम ब्लास्ट के बाद रांची सुर्खियों में आ गया था। यहां एक के बाद एक कर आतंकी गतिविधियों में संलिप्त आठ युवक दबोचे गए थे, जिनका पटना व गया ब्लास्ट कनेक्शन मिला था।

कब-कब कौन-कौन धराए जून-2011 : रांची के बरियातू का दानिश रियाज उर्फ शाकिन उर्फ अफाक इकबाल को बड़ोदरा में पकड़ा गया था। वह हैदराबाद में एक आइटी कंपनी में कार्यरत था। 04 मार्च 2013 : रांची के बरियातू का मंजर इमाम उर्फ जमील उर्फ अबू हनीफा कांके थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया था। वह बरियातू थाना क्षेत्र के मदीना मस्जिद के समीप हाउस नंबर 241 का निवासी है। उसकी गिरफ्तारी कांके के सीआइपी इलाके से हुई थी। 27 अक्टूबर 2013 : पटना के गांधी मैदान में नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान सीरियल बम ब्लास्ट के बाद पटना में ही मोहम्मद इम्तियाज व मोहम्मद तारिक पकड़ाया था। मोहम्मद तारिक विस्फोट में जख्मी हो गया था, जिसकी बाद में मौत हो गई थी। दोनों रांची के धुर्वा के सिठियो गांव के रहने वाले हैं। 30 अक्टूबर 2013 : डोरंडा के मनीटोला स्थित फिरदौस नगर से उज्जैर अहमद को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने गिरफ्तार किया था। उसपर कुख्यात आतंकी यासिन भटकल का सहयोगी होने का आरोप है। 21 मई 2014 : प्रदेश में चार धराए। पटना ब्लास्ट के बाद फरार चल रहे सिठियो गांव के दो अन्य युवक नुमान उर्फ नोमान व मोहम्मद तौफिक के अलावा ओरमांझी के चकला गांव का मुजिबुल्ला व इरम लॉज में मुजिबुल्ला का रूम पार्टनर हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी शामिल था। वर्ष 2012 में धुर्वा के एचईसी कॉलोनी से भी एक युवक पकड़ा गया था, जिसपर आतंकी संगठन से संलिप्तता का आरोप था।

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