रांची की बेटी ने फ्रांस की धरती तक पहुंचाया नागपुरी संगीत
ांची अगर हौसलों में उड़ान हो तो परिस्थितियां रास्ता नहीं रोक सकतीं।
जागरण संवाददाता, रांची : अगर हौसलों में उड़ान हो तो परिस्थितियां रास्ता नहीं रोक सकतीं। बेहद साधारण परिवार से आने वाली सरिता देवी ने कठिन आर्थिक स्थितियों के बीच ठेठ नागपुरी संगीत की महक को रांची से फ्रांस की धरती तक पहुंचाने का कारनामा कर दिखाया है। रांची के खेलगांव की रहने वाली सरिता देवी पिछले 25 वर्षाें से नागपुरी लोकगीत की साधना कर रही हैं। पति धनीराम महली मजदूरी कर परिवार चलाते हैं। कला-संस्कृति के प्रति सरिता का लगान कई बार परिवार के लिए चुनौती तक बना। परिवार ने साथ मिलकर परिस्थितियों का सामना किया। संगीत की साधना जारी रखी। भारत के अलग-अलग हिस्सों में अपनी प्रस्तुति देने के बाद वर्ष 2011 में फ्रांस जाने का अवसर मिला। सरिता के लिए यह सबसे यादगार पल रहे। सरिता अब तक 95 से अधिक एलबम में अपनी आवाज दे चुकी हैं। यू ट्यूब पर उनके वीडियो की भरमार है। नागपुरी गीत से प्यार करने वाले लोगों को सरिता की आवाज बेहद पसंद है।
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गेंदा फूल और प्यार की खातिर से मिली सर्वाधिक प्रसिद्धि
यूं तो सरिता ने सैकड़ों गीत को अपनी आवाज दी है लेकिन गेंदा फूल और प्यार की खातिर से उन्हें सर्वाधिक प्रसिद्धि मिली। सरिता के अनुसार यह दोनों ही गीत उन्हें बेहद प्रिय हैं। सरिता ने एल्बम के अलावा कई फिल्मों में अपनी आवाज दी है।
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झारखंड सरकार से मिला है पुरस्कार
सरिता को नागपुरी लोकगीत की प्रस्तुति, संरक्षण के लिए झारखंड सरकार की ओर से पुरस्कृत किया गया है। इसके अलावा भी कई अलग-अलग संगठनों की ओर से उन्हें समय-समय पर पुरस्कृत किया गया है।