हाजत से फरार होने के बाद शहर में बेखौफ घूमता था राजू गोप, सात माह बाद गिरफ्तार

पुलिस गिरफ्त में आए पीएलएफआइ उग्रवादी राजू गोप हाजत से फरार होने के बाद रांची से भागकर कोलकाता चला गया था।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 07:50 AM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 07:50 AM (IST)
हाजत से फरार होने के बाद शहर में बेखौफ घूमता था राजू गोप, सात माह बाद गिरफ्तार
हाजत से फरार होने के बाद शहर में बेखौफ घूमता था राजू गोप, सात माह बाद गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, रांची : पुलिस गिरफ्त में आए पीएलएफआइ उग्रवादी राजू गोप हाजत से फरार होने के बाद रांची से भागकर कोलकाता चला गया था। करीब तीन माह बाद वापस रांची लौटा तो पुलिस से बचने के लिए फर्जी आइ कार्ड बनाया। वहीं, रात बिताने के लिए पंडरा मैदान के पास झोपड़ी बनाया ताकि किसी को उसपर शक न हो। पुलिस पूछताछ में राजू ने पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप से नजदीकी को भी स्वीकार किया है। बताया कि दिनेश गोप के साथ मिलकर काम करता था। इसका खुलासा बुधवार को एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने किया। तुपुदाना इलाके में नक्सली गतिविधि में शामिल होने के आरोप में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था, लेकिन 19 जुलाई 2020 को पुलिसकर्मियों को झांसा देकर सीठियो टीओपी के हाजत से फरार हो गया था। बीते 22 फरवरी को पुलिस ने पंडरा के पास से हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के बाद राजू को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। दो देशी कट्टा और 81 गोली हुआ बरामद

पुलिस कस्टडी से फरार होने के बाद राजू गोप कई दिनों तक रांची में रहा। इस दौरान रांची की सड़कों पर हथियार लेकर बेखौफ घूमता रहा। गिरफ्त में आने के बाद पुलिस ने उसके पास से दो देशी कट्टा और 81 जिदा गोली बरामद किया है। पूछताछ में राजू ने बताया कि फरार होने के बाद कुछ दिन रांची में ही रहा। इसके बाद पुलिस से बचने के लिए कोलकाता भाग गया। कुछ दिन पहले ही वापस रांची लौटा था। हालांकि, रांची आने के बाद से ही फिर से पीएलएफआइ के नाम पर लेवी वसूलने लगा। इसी बीच ग्रामीण एसपी को राजू गोप के बारे में गुप्त सूचना मिली। पता चला कि राजू बाइक से ब्रांबे मांडर-हाजी चौक की ओर जा रहा है। ग्रामीण एसपी के निर्देश पर रातू थाना पुलिस वाहन चेकिग आरंभ किया। कुछ देर बाद ही राजू पंडरा मोड़ के समीप से पकड़ा गया। कारोबारियों को डराने के लिए किया था पोस्टरबाजी

एसएसपी के अनुसार राजू गोप कारोबारियों को डराने के लिए इलाके में पीएलएफआइ के नाम पर पोस्टरबाजी किया था ताकि उग्रवादी का नाम सुनकर कारोबारी भयभीत हो जाएं और रंगदारी दे दे। एसएसपी ने बताया कि पूछताछ में राजू ने कई अन्य साथियों के नाम भी बताए हैं। जिसकी गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। राजू गोप पर विभिन्न थानों में 18 प्राथमिकी दर्ज हैं।

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