146 दिनों बाद खुला मां छिन्नमस्तिका का द्वार, सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने सबसे पहले की पूजा अर्चना

कोरोना संक्रमण के कारण लगभग चार महीने से भी अधिक समय तक बंद रहने के बाद राज्य सरकार ने प्रसिद्ध सिद्धपीठ रजरप्पा स्थित छिन्नमस्तिका मंदिर समेत झारखंड के सभी मंदिरों का पट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। भक्तों के आस्था और श्रद्धा में कोई कमी नही देखी गई।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 09:20 AM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 09:20 AM (IST)
146 दिनों बाद खुला मां छिन्नमस्तिका का द्वार, सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने सबसे पहले की पूजा अर्चना
सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने सबसे पहले की पूजा अर्चना। जागरण

रजरप्पा(रामगढ़), जासं। कोरोना संक्रमण के कारण लगभग चार महीने से भी अधिक समय तक बंद रहने के बाद राज्य सरकार ने प्रसिद्ध सिद्धपीठ रजरप्पा स्थित छिन्नमस्तिका मंदिर समेत झारखंड के सभी मंदिरों का पट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। भक्तों के आस्था और श्रद्धा में कोई कमी नही देखी गई। गुरुवार अहले सुबह चार बजे मंदिर का पट खुलते ही विधि विधान से माता का स्नान कराया गया। उसके बाद स्थानीय पुजारियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच माता का आरती किया। इस बीच पहुंचे पहले श्रद्धालु राज्य के पूर्व मंत्री सह गिरिडीह के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी को स्थानीय पुजारी असीम पंडा, शुभाशीष पंडा ने विधि-विधान से माता छिन्नमस्तिका की पूजा अर्चना करवाया।

 इस दौरान उन्होंने विधिवत रूप से मां छिन्नमस्तिके की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया और संपूर्ण राज्य के सुख-समृद्धि व खुशहाली की कामना की। पूजन के पश्चात उन्होंने नारियल फोड़कर मंदिर के पुजारी असीम पंडा से रक्षासूत्र भी बंधवाया। इस दौरान पुजारियों द्वारा पहले श्रद्धालु सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी को मोमेंटो भी दिया गया। इसके बाद आम श्रद्धालुओं के लिए कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन करते हुए मंदिर का पट खोल दिया गया। पुजारियों के साथ-साथ श्रद्धालुओं ने भी नियमों का पालन करते देखे गए।

गर्भगृह में प्रवेश से पूर्व श्रद्धालुओं को हैंड सैनिटाइजर और थर्मल स्क्रीनिंग भी कराया जा रहा है। पुजारी भी फेसमास्क और हैडगलब्स पहने हुए नजर आए। मौके पर सांसद प्रतिनिधि धनेश्वर महतो उर्फ डीएम, मुखिया प्रतिनिधि किशुनराम मुंडा, समाजसेवी चंदर महतो, गोला प्रखंड अध्यक्ष कुलदीप साव, राजमोहन, फंटूश, गणेश महतो के अलावे पुजारी असीम पंडा, शुभाशीष पंडा, लोकेश पंडा, गुड्डू पंडा मौजूद थे।

छिन्नमस्तिका मंदिर दूसरी बार चार माह से ज्यादा समय तक बंद रहा आम श्रद्धालुओं के लिए पट

स्थानीय पुजारियों की मानें तो उन्हें अपने जीवन काल में इतना लंबे समय छिन्नमस्तिका मंदिर का पट आम श्रद्धालुओं के लिए बंद नहीं रहा। कोरोना महामारी के कारण लगातार दो बार यह देखने को मिला। कोरोना की पहली बार में लगभग 6 माह और दूसरी बार में 4 माह से अधिक यानी कुल 146 दिन मंदिर का पट आम श्रद्धालुओं के लिए बंद रहा।

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