राजभवन की बगिया में 100 किस्म के गुलाबों का करें दीदार

जागरण संवाददाता रांची झारखंड के प्रकृति प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है। राजधानी राची स्थि

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Jan 2020 09:39 PM (IST) Updated:Tue, 28 Jan 2020 06:16 AM (IST)
राजभवन की बगिया में 100 किस्म के गुलाबों का करें दीदार
राजभवन की बगिया में 100 किस्म के गुलाबों का करें दीदार

जागरण संवाददाता, रांची : झारखंड के प्रकृति प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है। राजधानी राची स्थित राजभवन का 52 एकड़ का उद्यान आम नागरिकों के लिए खुलने वाला है। उद्यान दो फरवरी से 16 फरवरी तक खुला रहेगा। सुबह दस बजे से शाम साढ़े तीन बजे तक लोग यहा भ्रमण कर सकेंगे। शुक्रवार और शनिवार को सिर्फ स्कूल-कॉलेजों के छात्र-छात्राओं को प्रवेश मिलेगा। अन्य पांचों दिन आम लोग राजभवन घूमने का मौका मिलेगा। प्रवेश निश्शुल्क है। किसी प्रकार का टिकट कटाने की आवश्यकता नहीं होगी। राजभवन में प्रवेश गेट नंबर दो(मछली घर के सामने ) से होगा। निकासी भी वहीं से होगी।

अलग-अलग देशों से मंगवाई गईं गुलाबों की नई वेरायटी होंगी आकर्षण का केंद्र इस बार राजभवन के बगिया में विश्वभर के 55 प्रकार के सुगंधित व आकर्षक पुष्पों का दीदार कर सकते हैं। इसमें 100 प्रकार के गुलाब फूल शामिल हैं। इस बार राजभवन के बगिया में सात नए मेहमान हैं। ये गुलाब की नई प्रजाति हैं इनके पौधे अलग-अलग देशों से मंगवाए गए हैं। ये मेहमान हैं फ्रिजिया, आयरिश, रोजमेरी, ग्लेक्सोनिया, जरबेरा, ट्यूलिफ आदि। गुलाब के ये पौधे यदा-कदा ही देखने को मिलते हैं।

पक्षियों की चहचहाट के बीच म्यूजिकल फव्वारे आनंद को करेंगे दोगुना

राजभवन उद्यान में नौ म्यूजिकल फव्वारे भी है, जो यहा आने वाले दर्शकों के लिए दर्शनीय है। संगीत की मधुर धुन पर ताल मिलाते फव्वारे को देख कर लोगों की निगाहें थम जाती हैं। उद्यान में फूलों की क्यारी, अलग-अलग फलों के पेड़, विभिन्न तरह के औषधीय पौधे आकर्षण का केंद्र हैं। राजभवन के घने पेड़ों में पक्षियों की चहचहाहट लोगों को प्रकृति के करीब महसूस करवाती है। यहा कई तरह के गुलाब के पौधे हैं, जिन्हें देखने का मौका राज्यवासियों को सिर्फ यहा ही मिलता है।

औषधीय पेड़-पौधों से परिपूर्ण है बगिया

52 एकड़ के बगिया में रूद्राक्ष, कल्पतरू, कबाबचीनी, दालचीनी, तेजपात, लौंग, घृत कुमारी, अमृतांजन, लेमन ग्रास, कर्पूर, बाकस, अकरकरा, गुलमार्ग व चंदन सहित कई दुर्लभ औषधीय पेड़-पौधे को देख सकते हैं। 2004 में आमलोगों के लिए खोला गया था राजभवन का द्वार

झारखंड के चौथे राज्यपाल वेद मारवाह ने 2004 में राजभवन का द्वार सर्व प्रथम स्कूली बच्चों के लिए खोला था। इसके बाद 2005 में पांचवे राज्यपाल सैय्यद सिब्ते रजी ने आमलोगों के लिए राजभवन का द्वार खोला। राजभवन के उद्यान को आकर्षक बनाने में सैय्यद सिब्ते रजी की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

बच्चों की तरह पेड़ पौधों का रखते हैं ख्याल

राजभवन के उद्यान अधीक्षक अब्दुस सलाम 1990 से उद्यान को हरा-भरा बनाने में जुटे हुए हैं। कहते हैं कि पेड़- पौधे का वो बच्चों की तरह ही ख्याल रखते हैं, उन्हें संवारते हैं। पिछले दो साल से जैविक खाद का ही प्रयोग होता है। उन्होंने बताया कि सितंबर से ही राजभवन का उद्यान खुलने की तैयारी शुरू हो जाती है।

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