बोनस नहीं मिलने के विरोध में रेल कर्मचारियों ने दिया धरना, 22 को रेल चक्का जाम Ranchi News

Jharkhand News रांची मंडल अपने कर्मचारियों के अधिकार के लिए संगठन के सभी निर्देशों का पालन करने के बचनबद्ध है। इसी कड़ी में आज सांकेतिक धरना के माध्यम से प्रशासन को यह संदेश दिया गया कि बोनस भीख नहीं हमारा अधिकार है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Tue, 20 Oct 2020 03:26 PM (IST) Updated:Tue, 20 Oct 2020 04:40 PM (IST)
बोनस नहीं मिलने के विरोध में रेल कर्मचारियों ने दिया धरना, 22 को रेल चक्का जाम Ranchi News
हटिया में मंडल कार्यलय के समक्ष धरना देते रेलकर्मी। जागरण

रांची, जासं। वार्षिक बोनस नहीं मिलने से रेल कर्मचारी नाराज हैं। झारखंड में रेल कर्मचारियों ने इसके लिए विरोध शुरू कर दिया है। दक्षिण पूर्व रेलवे मेंस कांग्रेस रांची मंडल ने नेशनल फेडरेशन ऑफ रेलवे मैन के निर्देश पर हटिया में मंडल कार्यलय के समक्ष एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया। इधर, पाकुड़ में भी रेल कर्मियों ने विरोध-प्रदर्शन किया है। पाकुड़ में रेलवे मेंस यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष संजय ओझा ने कहा कि बोनस की घोषणा नहीं होने से रेल कर्मचारी आक्रोशित हैं।

रेल कर्मियों ने उत्पादकता लिंक के आधार पर बोनस‌ जारी करने की मांग की है। बोनस को लेकर रेलवे प्रशासन की ओर से अभी तक आदेश जारी नहीं करने की निंदा करते हुए तत्काल बोनस के भुगतान का आदेश जारी करने की मांग की गई है। कहा गया है कि यदि 21 अक्टूबर तक बोनस की घोषणा नहीं की जाती है तो 22 अक्टूबर को देशभर में रेल चक्का जाम किया जाएगा। इसके लिए रेल कर्मचारी अपने सीने पर गोली खाने को भी तैयार हैं।

संगठन महामंत्री एसआर मिश्रा की अध्‍यक्षता में कार्यकारिणी की बैठक 15 अक्टूबर को खड़गपुर में सम्पन्न हुई। कार्यकारिणी की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि यदि बोनस का भुगतान दशहरा से पहले नहीं किया गया, तो रेल का चक्का रोक दिया जाएगा। रांची मंडल अपने कर्मचारियों के अधिकार के लिए संगठन के सभी निर्देशों का पालन करने के बचनबद्ध है। इसी कड़ी में आज सांकेतिक धरना के माध्यम से प्रशासन को यह संदेश दिया गया कि बोनस भीख नहीं हमारा अधिकार है।

पूर्व रेलवे मेंस कांग्रेस के मंडल संयोजक ने कहा कि आज सरकार और रेल प्रशासन लगातार मजदूर विरोधी नीतियों को लाकर मजदूरों का शोषण कर रहा रहा है। यदि जल्द संगठन की मांगों को नहीं माना गया तो रेलवे में दोबारा एक बड़ी हड़ताल होगी। इसकी पूरी जिम्मेदारी रेलवे प्रशासन की होगी और इसका जिम्मेदार भी रेल प्रशासन ही होगा।

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