साइबर एसआइटी ने बंगाल, दिल्ली और राजस्थान में की छापेमारी, आधा दर्जन हिरासत में

राजधानी में साइबर अपराध के लिए बनाई गई स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने कई राज्यों में छापेमारी की।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 06 Aug 2021 08:06 AM (IST) Updated:Fri, 06 Aug 2021 08:06 AM (IST)
साइबर एसआइटी ने बंगाल, दिल्ली और राजस्थान में की छापेमारी, आधा दर्जन हिरासत में
साइबर एसआइटी ने बंगाल, दिल्ली और राजस्थान में की छापेमारी, आधा दर्जन हिरासत में

जागरण संवाददाता, रांची : राजधानी में साइबर अपराध के लिए बनाई गई स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है। एसआइटी में शामिल आठ टीमें साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए बंगाल, दिल्ली और राजस्थान निकल चुकी हैं। इन जगहों पर आधा दर्जन से ज्यादा साइबर अपराधियों को भी दबोचा गया है। जिन्हें लेकर एक से दो दिनों के भीतर वापस लौटेगी। गौरतलब है कि सिटी एसपी की ओर से साइबर मामलों के निबटारे के लिए एसआइटी गठित की गई है। आठ अलग-अलग टीमें बनी हैं। इनके जिम्मे 400 केस हैं। सिटी एसपी सौरभ द्वारा गठित टीम को निर्देश दिया है कि वे हर हाल में 90 दिनों के भीतर कांडों का निष्पादन कर दें, ताकि लंबित मामले कम हो सके। हर टीम में इंस्पेक्टर व दो एसआइ : सिटी एसपी ने पुराने साइबर कांडों का निष्पादन करने के लिए आठ टीमों का गठन किया है। गठित प्रत्येक टीम में एक इंस्पेक्टर के साथ दो एसआइ स्तर के पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है। प्रत्येक टीम को 50 लंबित केस का निष्पादन करने की जिम्मेवारी दी गई है। प्रत्येक टीम से कहा गया है कि वे आपस में तालमेल बनाकर केस का निष्पादन करें।जबकि सामान्य मामलों में 40 सब इंस्पेक्टरों को लगाया गया है। इसकी मॉनिटरिग खुद सिटी एसपी कर रहे हैं। इस वजह से बनी टीम : रांची के थानों में अलग-अलग मामले दर्ज हैं। जो लंबे समय से पेंडिग हैं। इसी तरह साइबर के मामले तो दर्ज होते हैं, लेकिन अधिकतर मामलों का निष्पादन ही नहीं होता है। रांची के थानों में दर्ज इन कांडों की समीक्षा के दौरान पता चला कि बड़ी संख्या में मामले लंबित हैं। इसके लिए एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा के निर्देश पर सिटी एसपी सौरभ ने स्पेशल 40 और स्पेशल 24 टीम का गठन किया गया। गठित टीम पुराने लंबित और नए मामलों का निष्पादन कर रही है। इसके लिए टीम को तीन महीने का टास्क दिया गया है। उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे जितने भी पुराने मामले हैं, उन मामलों को निर्धारित समय में हर हाल में निष्पादित कर दें। इस स्पेशल टीम को नए केस का अनुसंधान नहीं दिया जा रहा है।

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