भूमि पर कब्जा दिलाने गए अंचल कर्मियों का हुआ विरोध
इटकी झारखंड उच्च न्यायालय के निर्देश पर इटकी के रानीखटंगा गाव में 8.29 एकड़ भूमि पर म
इटकी : झारखंड उच्च न्यायालय के निर्देश पर इटकी के रानीखटंगा गाव में 8.29 एकड़ भूमि पर मंगलवार को दखलदिहानी कराने गए अंचलकर्मियों को पुलिस बल की कमी और भारी विरोध के कारण पुन: बैरंग लौटना पड़ा। तीन माह पूर्व भी अंचलकर्मियों को विरोध पर कर्मियों को लौटना पड़ा था।
रानीखटंगा गाव के खाता संख्या 85/1ए प्लाट संख्या 1574 व अन्य की कुल रकबा 8.29 एकड़ भूमि को लेकर गाव के ही चंकु उराव व घूरन उराव के बीच करीब 42 वर्षो से विवाद है। इस मामले को लेकर झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा वर्ष 2019 में दिए गए आदेश को जारी रखते हुए प्रथम पक्ष की याचिका पर पुन: हाई कोर्ट ने एक आदेश जारी कर छह सप्ताह के अंदर दखल दिहानी करने को कहा है।
इससे पूर्व भी 2019 में उच्च न्यायालय द्वारा चंकू उराव को जमीन पर कब्जा दिलाने का आदेश दिया गया था। हाई कोर्ट के पुन: दिए गए आदेश के आलोक में अंचल कार्यालय द्वारा 24 नवंबर को नियुक्त दंडाधिकारी सह अंचल निरीक्षक जलेश्वर उराव के नेतृत्व में अंचलकर्मी दखल दिलाने को लेकर मौके पर पहुंचे। दूसरे पक्ष के लोगों ने इसका विरोध करते हुए दखल दिलाने के कार्य को रोक दिया। द्वितीय पक्ष के लोगों का कहना था कि इस आदेश को लेकर उच्च न्यायालय में एक एलपीए दायर किया गया है। इस संबंध में अंचल निरीक्षक जलेश्वर उरांव का कहना है कि दखलदिहानी कार्य के लिए थाने से मात्र दो पुलिस जवान उपलब्ध कराए गए थे। इससे दूसरे पक्ष को लोगों को विरोध करने का मौका मिल गया। विरोध में शामिल महिलाएं उग्र थीं। प्रथम पक्ष के लोगो के साथ धक्क-मुक्की हाथापाई भी की गई। इस दौरान अंचलकर्मियों पर भी डंडों से कई बार वार किए जाने का भी प्रयास किया गया। इसकी रिपोर्ट सीओ कार्यालय को बुधवार को दी जाएगी।