पर्यावरण का संरक्षण हमारी संस्कृति और संस्कार का हिस्सा

बच्चों में संस्कार के संचार के लिए दैनिक जागरण के द्वारा देशभर में संस्कारशाला का आयोजन

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 08:00 AM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 08:00 AM (IST)
पर्यावरण का संरक्षण हमारी संस्कृति और संस्कार का हिस्सा
पर्यावरण का संरक्षण हमारी संस्कृति और संस्कार का हिस्सा

जासं, रांची: बच्चों में संस्कार के संचार के लिए दैनिक जागरण के द्वारा देशभर में संस्कारशाला का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत शुक्रवार को कडरू स्थित डीएवी कपिलदेव में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का विषय पर्यावरण संरक्षण रखा गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्कूल के प्राचार्य मनोज कुमार सिन्हा ने कहा कि जब सोना खान से निकलता है तो पत्थर की तरह दिखता है। मगर सुनार उसे तपाकर सुंदर आभूषण बना देता है। स्कूल और घर भी सुनार की तरह हैं जो बच्चों के अंदर संस्कार के गुण का संचार करके उन्हें कुंदन की तरह निखार देते हैं। उन्होंने कहा कि माता-पिता, गुरु और प्रकृति की पूजा करना हमारे धर्म और संस्कार का हिस्सा है। प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण केवल हमारे लिए महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि आने वाली पीढ़ी के सुरक्षित और सुगम भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। कार्यकम में सुप्रिया सिद्धि ने बच्चों को संस्कारशाला के तहत प्रकाशित कहानी सुनाई। कार्यक्रम में बच्चों ने संस्कार पर अपने विचार रखें वहीं कुछ छात्राओं ने अपनी कविता पेश की।

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जीवन के हर क्षेत्र में संस्कार का है महत्व: स्कूल के प्राचार्य मनोज कुमार सिन्हा ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में कुछ पाने के लिए संस्कार का होना जरूरी है। बिना संस्कार के जीवन अर्थहीन हो जाता है। घर में माता पिता जैसा व्यवहार घर में करते हैं, बच्चे उसे सीखकर फिर उसका अनुसरण करते हैं। वहीं स्कूल में हर गुरु की जिम्मेदारी है कि वो अपने बच्चों के सामने कुशल व्यवहार करे, जिसे बच्चे उसका अनुकरण करें। किसी भी शिक्षक के लिए ये सबसे बड़ी पूंजी है।

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पर्यावरण सुरक्षा हमारी जीवन की रक्षा: संस्कारशाला में दैनिक जागरण की तरफ से मोटिवेटर रितेश चौहान ने कार्यक्रम में बच्चों को पर्यावरण के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि हम सेव अर्थ कहते हैं, असल में सेव अर्थ नहीं हमें सेव ह्यूमन कहना चाहिए। करोड़ों वर्ष पहले जब आदमी नहीं थे तो पृथ्वी थी। जब आदमी नहीं होंगें तो भी पृथ्वी रहेगी। पर्यावरण की सुरक्षा हमारी सुरक्षा हमारी सुरक्षा है। अगर हम पर्यावरण का थोड़ा ध्यान रखेंगे तो पर्यावरण हमें बहुत कुछ देगा। इसलिए हमारी जिम्मेदारी है कि हम पर्यावरण की सुरक्षा करें। पर्यावरण सुरक्षा के लिए किया गया हमारा छोटा-छोटा प्रयास बड़ा बदलाव ला सकता है।

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क्या कहा बच्चों ने

संस्कार का अर्थ केवल बड़े कार्य करना नहीं है अगर हम अपने घर से लेकर बड़ों की मदद करने तक की कोशिश करें छोटी-छोटी चीजों के लिए कोशिश करें तो हम समाज में बड़ा बदलाव कर सकते हैं।

सांधवी तिवारी

हम समाज को जो देते हैं हमें वहीं वापस मिलता है। पर्यावरण की सुरक्षा ही देश और समाज की सुरक्षा है। हमें इसकी अपने घर के पास शुरुआत करनी चाहिए।

शान्वी सिन्हा

पर्यावरण की रक्षा के लिए ही ऋषि मुनियों ने उसे देवी-देवता की संज्ञा दी थी। हमें अब उनका महत्व समझ में आ रहा है। ऐसे में हमें कोशिश करनी चाहिए की हम हर संभव अपने प्रयास से पर्यावरण संरक्षण का कार्य करें।

अंकिता कुमारी

संस्कार छोटी-छोटी चीजों से बना है। इससे हमारे व्यक्तित्व में बड़े बदलाव आते हैं। इससे हमें समाज में बेहतर पहचान मिलती है।

दिव्या कुमारी

पर्यावरण का संरक्षण करने के लिए सरकार के द्वारा कदम उठाए जा रहें है। मगर इसमें बिना हमारे सहयोग के ये संभव नहीं है। हम पर्यावरण संरक्षण के छोटे-छोटे प्रयोग करके बड़ा बदलाव कर सकते हैं।

समीक्षा रश्मि

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