रांची के इटकी में एम्स की स्थापना का सौंपा प्रस्ताव, प्रदेश की बड़ी आबादी को मिलेगा फायदा
झारखंड की राजधानी में बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने की मांग को लेकर एम्स की स्थापना का प्रस्ताव दिया गया है। लोहरदगा सांसद सुदर्शन भगत ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया से मुलाकात की। सांसद ने रांची के इटकी में एम्स की स्थापना के लिए ज्ञापन दिया।
बेड़ो (रांची), जासं। झारखंड के लोगों के लिए अच्छी खबर है। राज्य की राजधानी में बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने की मांग को लेकर एम्स की स्थापना का प्रस्ताव दिया गया है। लोहरदगा से सांसद सुदर्शन भगत ने नई दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया से मुलाकात की। सांसद ने रांची के इटकी में एम्स की स्थापना का आग्रह किया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने पूरी बात सुनने के बाद राज्य की भौगोलिक स्थति को ध्यान में रखते हुए प्रस्ताव पर गंभीरता पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया I
देश के विभिन्न राज्यों में 13 एम्स स्थापित करने की घोषणा की गई है। इसको देखते हुए झारखंड में दूसरे एम्स की मांग रखी गई है। रांची के इटली में सेंट इग्नेशियस टीबी सेनेटोरियम में पर्याप्त व समुचित स्थान का हवाला देते हुए नए एम्स की स्थापना का प्रस्ताव सौंपा गया है। केंद्रीय मंत्री को बताया गया कि झारखंड में चिकित्सा सुविधाएं अच्छी नहीं हैं। लोगों को बेहतर इलाज के लिए देश के दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है। समुचित स्वास्थ्य सेवाएं नजदीक में उपलब्ध कराने के लिए रांची के आसपास एम्स की स्थापना की मांग जा रही है। इससे पहले देवघर में राज्य के पहले एम्स स्थापना की गई है।
पत्र में कहा गया है कि रांची के इटकी प्रखंड में एम्स बनने से राज्य के उत्तरी छोटानागपुर, दक्षिणी छोटानागपुर, पलामू व कोल्हान सहित सभी प्रमंडल के लोग लाभन्वित होंगे। राज्य की राजधानी होने के कारण लोगों को यहां पहुंचने में अधिक सुविधा होगी। सांसद सुदर्शन भगत ने केंद्र सरकार से इस दिशा में पहल करने का आग्रह किया। वार्ता की जानकारी सांसद प्रतिनिधि राकेश भगत ने दी।
राज्य की बड़ी आबादी रिम्स पर निर्भर
वर्तमान में राज्य की बड़ी आबादी बेहतर इलाज की सुविधा के लिए रिम्स पर निर्भर है। हर दिन रांची के अलावा राज्य लगभग सभी जिलों से गंभीर स्थिति में मरीज इलाज के लिए रिम्स में आते हैं। हालात और अधिक खराब होने दूसरे राज्यों में जाने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं होता।