Jharkhand: साइबर अपराधियों की जब्त होगी संपत्ति, फर्जी पते पर सिम देने वालों पर भी दर्ज होगा मुकदमा

झारखंड पुलिस मुख्यालय से गुरुवार को प्रभारी डीजीपी एमवी राव ने सभी जिलों के एसएसपी-एसपी व रेंज डीआइजी के साथ प्रदेश में बढ़ते साइबर क्राइम व इसकी रोकथाम के मुद्दे पर वीडियो कांफ्रेंसिंग की। उन्होंने जिलों को आदेश दिया है कि साइबर अपराध की रोकथाम के लिए...

By Vikram GiriEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 07:08 PM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 07:56 PM (IST)
Jharkhand: साइबर अपराधियों की जब्त होगी संपत्ति, फर्जी पते पर सिम देने वालों पर भी दर्ज होगा मुकदमा
फर्जी पत्ते पर सिमकार्ड बेचने वालों के विरुद्ध मुकदमा दर्जन करने का भी आदेश दिया गया है। जागरण

रांची (राज्य ब्यूरो) । झारखंड पुलिस मुख्यालय से गुरुवार को प्रभारी डीजीपी एमवी राव ने सभी जिलों के एसएसपी-एसपी व रेंज डीआइजी के साथ प्रदेश में बढ़ते साइबर क्राइम व इसकी रोकथाम के मुद्दे पर वीडियो कांफ्रेंसिंग की। उन्होंने जिलों को आदेश दिया है कि साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए लोगों में जागरूकता आवश्यक है। इसके लिए पुलिस व्यापक स्तर पर विभिन्न माध्यमों से आम जनता को साइबर क्राइम व इसके रोकथाम को लेकर जागरूकता अभियान चलाएगी। इसके लिए पोस्टर वार, पर्चा, टेलीविजन, समाचार पत्र व वेबिनार आदि माध्यम का सहारा लिया जाएगा। इतना ही नहीं, चिह्नित साइबर अपराधियों की संपत्ति को जब्त करने और ऐसे अपराधियों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में कानून सम्मत कार्रवाई करने की भी कार्रवाई होगी।

फर्जी पत्ते पर सिमकार्ड बेचने वालों के विरुद्ध मुकदमा दर्जन करने का भी आदेश दिया गया है। यह भी कहा गया है कि वैसे पुराने साइबर अपराधियों का पता लगाना है, जो जमानत पर बाहर आ गए हैं। वर्तमान में उनकी गतिविधियों की जानकारी लेनी है और संदिग्ध मिलने पर उनके जमानत को रद कराने की कोशिश करनी है। साइबर क्राइम के मामले में मजबूत अनुसंधान के साथ ज्यादा से ज्यादा ट्रायल कराना है ताकि ऐसे अपराध करने वालों में भय उत्पन्न हो। इसके लिए पुलिस अफसरों को विशेषज्ञों के माध्यम से प्रशिक्षण दिलाना है। जिलों के एसएसपी-एसपी को साइबर अपराध के हॉट स्पॉट को भी चिह्नित करने को कहा है, जहां अनुसंधान को मजबूती के साथ फोकस किया जा सके।

प्रभारी डीजीपी ने साइबर क्राइम पर समीक्षा बैठक में जिलों में विगत पांच वर्षों में घटित साइबर क्राइम से संबंधित आंकड़े, वर्षवार दर्ज व लंबित व निष्पादित कांडों से संबंधित मामले की विस्तृत जानकारी ली। जिलों में कितने साइबर अपराधी गिरफ्तार किए गए, कांडों में दिए गए मोबाइल नंबर व गिरफ्तार साइबर अपराधियों से बरामद सिमकार्ड के धारकों के नाम-पता का कितना सत्यापन हुआ, उसकी जानकारी ली गई। यह भी पूछा गया कि फर्जी कागजात पर आवंटित सिमकार्ड के विक्रेता और सर्विस प्रोवाइडर पर क्या कार्रवाई हुई। प्रभारी डीजीपी ने राज्य से बाहर घटित साइबर अपराधों में जिले के साइबर अपराधियों की संलिप्तता सहित झारखंड ऑनलाइन इंवेस्टिगेशन को-ऑपरेशन रिक्वेस्ट प्लेटफार्म पर कितने अनुरोध आए, उसकी जानकारी ली।

बैठक में वर्ष 2016 से अब तक सजा प्राप्त साइबर अपराधियों की संख्या के संदर्भ में जानकारी ली गई है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान पुलिस मुख्यालय में प्रभारी डीजीपी के अलावा एडीजी सीआइडी अनिल पालटा, आइजी मानवाधिकार नवीन कुमार सिंह, आइजी अभियान साकेत कुमार सिंह, डीआइजी रांची अखिलेश कुमार झा, एसपी सीआइडी अंजनी कुमार झा आदि मौजूद थे।

साइबर थानों में व्यापक फेरबदल होगा

पुलिस मुख्यालय से वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान प्रभारी डीजीपी का रुख साइबर अपराध के प्रति कड़ा था। उन्होंने राज्य के साइबर थानों में उपलब्ध बल के स्थान पर दूसरे बल को तैनात करने के लिए भी निर्देश दिया। कहा कि साइबर अपराध रोकने के लिए जो भी उपाय हो, उसे करना है और इसके लिए जरूरत है एक ऐसी टीम की जो तेज-तर्रार हो और आइटी के मामले में विशेषज्ञ हो।

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