RIMS में इलाजरत कैदी फरार, हथकड़ी खोलकर भागा बंदी- ताकती रह गई पुलिस Ranchi News

कैदी पुलिस अभिरक्षा में अपनी बीमारी का इलाज कराने पहुंचा था। बताया गया है कि यह कैदी अपनी हथकड़ी खोलकर भाग खड़ा हुआ। सूचना पाकर बरियातू थाने की पुलिस कैदी की तलाश कर रही है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Fri, 18 Oct 2019 12:15 PM (IST) Updated:Fri, 18 Oct 2019 12:59 PM (IST)
RIMS में इलाजरत कैदी फरार, हथकड़ी खोलकर भागा बंदी- ताकती रह गई पुलिस Ranchi News
RIMS में इलाजरत कैदी फरार, हथकड़ी खोलकर भागा बंदी- ताकती रह गई पुलिस Ranchi News

रांची, जेएनएन। राजधानी रांची में शुक्रवार को एक कैदी पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। सूबे के सबसे बड़े अस्‍पताल रिम्स में यह कैदी पुलिस अभिरक्षा में अपनी बीमारी का इलाज कराने बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल से यहां पहुंचा था। बताया गया है कि यह कैदी अपनी हथकड़ी खोलकर भाग खड़ा हुआ। सूचना पाकर मौके पर पहुंची बरियातू थाने की पुलिस कैदी की तलाश कर रही है। भागने वाले कैदी का नाम आशीष घोष बताया गया है।

पागलपन का नाटक कर हथकड़ी खोल रिम्स से फरार हुआ कैदी

बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, रांची में बंद कैदी आशीष घोष शुक्रवार की सुबह रिम्स से फरार हो गया। उसे इलाज के लिए जेल प्रबंधन ने रिम्स भेजा था। दो पुलिसकर्मियों की सुरक्षा में उसे रिम्स पहुंचाया गया था। जहां मेडिसिन आईसीयू में भर्ती किया गया था। डॉक्टर विद्यापति की यूनिट में उसका इलाज चल रहा था। उसे साइकियाट्रिक यूनिट में भेजा जाना था।

इस बीच अचानक मेडिसिन आईसीयू की खिड़की से फरार हो गया। बताया जाता है कि  भागने से पहले कह दी नहीं पागलपन का खूब नाटक किया था। जब उसकी सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों को इस बात की जानकारी हुई तब उनके होश उड़ गए। इसके बाद बरियातू थाने को सूचना दी गई साथ ही वायरलेस सेट पर सूचना भी प्रसारित किया गया है।

बताया जाता है कि आशीष घोष हत्या के मामले में जेल में बंद था। फिलहाल पुलिस उसके पते और संभावित ठिकाने पर तलाश कर रही है। रिम्स से कैदी के भागने की यह घटना पहली नहीं है। इससे पहले भी कई कैदी भाग चुके हैं। फिर भी रिम्स प्रबंधन और कैदियों की सुरक्षा में तैनात किए गए पुलिसकर्मी लापरवाही करने से बाज नहीं आते।

रिम्स से कैदियों के फरार होने के प्रमुख मामले

केस 1 : 16 मई 2018 को जरीया कटरमाली निवासी हत्यारोपी बुधराम उरांव रिम्स से पुलिसकर्मियों को चकमा देकर फरार हो गया था। उसके खिलाफ बेड़ो थाने में हत्या के दो मामले और आ‌र्म्स एक्ट का एक मामला दर्ज है। धुर्वा पुलिस ने गिरफ्तार कर उसे जेल भेजा था। बाद में बेड़ो पुलिस ने रिमांड पर लेकर दोबारा जेल भेजा था। बेड़ो पुलिस के मुताबिक वह कुख्यात अपराधी था। जेल में पैर टूट जाने की वजह से उसे रिम्स के सर्जरी वार्ड में भर्ती कराया गया था।

केस 2 : 24 जनवरी 2018 को रिम्स में इलाजरत कैदी पिंटू बाथरूम की खिड़की तोड़कर फरार हो गया था। वह डालटेनगंज का रहनेवाला है। उसे चोरी के मामले में डालटेनगंज पुलिस ने जेल भेजा था।

केस 3 : 2 जनवरी 2017 को दुमका जेल का सजायाफ्ता कैदी राजेश यादव मेडिसीन आइसीयू वार्ड से भाग निकला था। वह बिहार के जमुई जिले के कल्याणपुर सिमरतला का रहने वाला था। हत्या मामले में वह आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। उसे जॉंडिस के इलाज के लिए रिम्स में भर्ती कराया गया था।

केस 4 : 23 मई 2014 को चतरा मंडल कारा का कैदी रामस्वरूप भारती फरार हो गया। वह रिम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग में भर्ती था। उसके सिर में ट्यूमर था, 28 अप्रैल 2014 को उसका ऑपरेशन किया गया था। ऑपरेशन के बाद वह भाग निकला था।

केस 5 : 2 जून 2016 को इटावा के मैनपुरी जिला जेल से इलाज के लिए रिम्स भेज गया कैदी यादवेंद्र फरार हो गया था।

केस 6 : 15 मार्च 2009 को रिम्स के कैदी वार्ड में इलाजरत चार खूंखार अपराधी एक साथ फरार हो गये थे। फरार होने वालों में एक नक्सली तेज नारायण गोप, हत्याकाड का सजायाफ्ता कैदी च्योति लागुड़ी, हत्या का आरोपी रवींद्र सिंह और रामविलास सिंह उर्फ लैला था। इनमें च्योति और रवींद्र को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा रांची से और रामविलास को गोड्डा उप कारा से और तेज नारायण गोप को सिमडेगा जेल से इलाज के लिए रिम्स भेजा गया था। सभी कैदी बाथरूम की ग्रील तोड़कर भाग निकले थे।

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