Power Crisis: रोज 15 रैक अतिरिक्त कोयला सप्लाई हो तो दूर हो सकता है बिजली संकट

Power Crisis Jharkhand News कोयला साइडिंग की समस्याएं सुलझे तो पावर प्लांटों की दिक्कत दूर हो सकती है। कोयला खदानों में जल जमाव और लगातार बारिश से ट्रांसपोर्टिंग का कार्य प्रभावित हो रहा है। सरकार को इस समस्‍या को सुलझाना होगा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 08:33 PM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 08:36 PM (IST)
Power Crisis: रोज 15 रैक अतिरिक्त कोयला सप्लाई हो तो दूर हो सकता है बिजली संकट
Power Crisis, Jharkhand News कोयला साइडिंग की समस्याएं सुलझे तो पावर प्लांटों की दिक्कत दूर हो सकती है।

रांची, राज्य ब्यूरो। कोल इंडिया ने विद्युत उत्पादक संयंत्रों की मांग को पूरा करने के लिए अपनी ताकत झोंक दी है। फिलहाल रोजाना छह से सात रैक अतिरिक्त कोयले की सप्लाई हो रही है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। अगर रोजाना 15 रैक अतिरिक्त सप्लाई हो तो बिजली संकट दूर हो सकती है। एक रैक में करीब चार हजार टन कोयला आता है। क्षमता के मुताबिक हरेक कोयला साइडिंग से उसकी क्षमता के अनुरूप कार्य हो तो यह दूर की कौड़ी नहीं है।

दरअसल, कोयला साइडिंग का विवाद और स्थानीय स्तर पर समस्या इसकी जड़ में है। कुछ जगहों पर उठाव की समस्या के कारण बात नहीं बन पा रही है। इससे कोयला ट्रांसपोर्टिंग का कार्य प्रभावित हो रहा है। एक वजह कोयला खदानों में जल जमाव और लगातार बारिश भी है।

क्षमता के अनुसार नहीं हो पा रहा डिस्पैच

क्षमता के मुताबिक रोजमर्रा के कामकाज पर नजर डालें तो ललमटिया की क्षमता 14 रैक रोजाना की है, लेकिन यहां सिर्फ पांच रैक का उत्पादन हो पा रहा है। यानी रोज नौ रैक का घाटा है। पकरी बरवाडीह में कामकाज पूरी तरह ठप पड़ा है। इसकी क्षमता 11 रैक रोजाना की है। शिवपुर साइडिंग की क्षमता रोजाना 11-12 रैक कोयला उत्पादन की है। लेकिन यहां से सात-आठ रैक रोजाना उत्पादन हो पा रहा है। घाटा चार रैक का है। इस घाटे को पाटने के लिए राज्य सरकार और कोल इंडिया को तेजी से पहल कर साइडिंग की समस्या को सुलझाना होगा।

नेशनल पावर एक्सचेंज की बिजली से मिली राहत

राष्ट्रीय कोयला संकट के बीच राज्य को नेशनल पावर एक्सचेंज से ज्यादा बिजली मिलने लगी है। फिलहाल कमी लगभग सौ मेगावाट की है, जिसमें उत्तरोत्तर सुधार की संभावना है। जानकारी के मुताबिक एनटीपीसी के विद्युत उत्पादक संयंत्रों को कोयला उपलब्ध कराए जाने के कारण बिजली उत्पादन में सुधार हुआ है। इसके कारण झारखंड को फायदा हुआ है।

दामोदर वैली कारपोरेशन (डीवीसी) के बिजली उत्पादन में भी बढ़ोतरी हुई है। राज्य के सबसे बड़े बिजली उत्पादक संयंत्र तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड (टीवीएनएल) को एक रैक कोयला मिल रहा है। निजी उत्पादन इकाइयों को भी आपूर्ति की जा रही है। ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे स्थिति पर नजर बनाए रखें।

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