Panchayat Election: झारखंड में पंचायत चुनाव का टलना मजबूरी और जरूरी भी, जानें कैसे
Jharkhand Panchayat Election पंचायतों को लेकर झारखंड सरकार दो विकल्प पर विचार कर रही है। पंचायत समितियों का कार्यकाल बढ़ाने अथवा सरकारी अफसरों के सहारे पंचायतों का काम बढ़ाने पर विचार चल रहा है। ग्रामीण विकास मंत्री ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने सोमवार को विभाग के अधिकारियाें के साथ समीक्षा बैठक कर पंचायतों का कार्यकाल बढ़ाने को लेकर मंत्रणा की। आलम ने चुनाव को लेकर तैयारियों के बारे में जानकारी ली और परिसीमन से लेकर अन्य मुद्दों पर विभागीय तैयारियों को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया। मंत्री ने देर शाम बताया कि सरकार दो विकल्पों पर विचार कर रही है।
पहला विकल्प तो वर्तमान व्यवस्था को ही आगे बढ़ाने का है और दूसरा विकल्प सरकारी अधिकारियों को चुनाव होने तक इनकी शक्तियां प्रदत्त कर उनके माध्यम से काम लेने का है। इस पर मुख्यमंत्री और कैबिनेट के अन्य सहयोगियों से भी विचार किया जा सकता है। आलमगीर ने बताया कि फिलहाल यह तय है कि अध्यादेश लाकर सरकार छह महीने के लिए पंचायतों का कार्यकाल बढ़ाएगी और इसके संचालन की जिम्मेदारी भी अध्यादेश के माध्यम से तय की जाएगी।
पंचायत चुनाव का टलना मजबूरी भी, जरूरी भी
झारखंड में पंचायत चुनाव को छह माह के लिए टालना राज्य सरकार की मजबूरी भी है और मौजूदा संवेदनशील परिस्थितियों में इसे जरूरी भी बताया जा रहा है। दरअसल कोरोना की दूसरी लहर थमने के बाद भी हालात अभी भी पूरी तरह से सामान्य नहीं हुए हैं। ऐसे में पंचायत चुनाव कराकर राज्य सरकार किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहती है। पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में हुए पंचायत चुनाव से भी बड़े सबक मिले हैं, जिन्हें राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है।
उत्तर प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के वेग के बीच पंचायत चुनाव अप्रैल माह में कराए गए थे। इस चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर चुनाव ड्यूटी में लगाए गए कर्मियों की मौत कोरोना से होने की बात कही गई थी। वहां के शिक्षक संघ ने यह दावा किया था कि चुनाव ड्यूटी के दौरान 1621 शिक्षकों, शिक्षक मित्रों और अन्य विभागों से जुड़े लोगों की मौत कोरोना से हुई थी। इतना ही नहीं, चुनाव के दौरान 99 ग्राम प्रधानों की मौत भी हुई थी। ग्राम प्रधानों की असमय मृत्यु की वजह भी कोरोना को ही बताया गया था।
अध्यादेश लाएगी राज्य सरकार
झारखंड में पंचायत चुनाव को टालने के लिए राज्य सरकार को अध्यादेश लाना होगा। क्योंकि राज्य सरकार दूसरी बार सिर्फ अपने आदेश से पंचायत चुनाव की तिथि को आगे नहीं बढ़ा सकती। बता दें कि दिसंबर 2020 में राज्य सरकार ने पंचायतों का कार्यकाल छह माह के लिए आगे बढ़ा दिया था। इसकी अवधि 15 जुलाई को समाप्त हो रही है। ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने खुद स्वीकारा है कि फिलहाल पंचायत चुनाव कराने की संभावना नहीं है। फिलहाल पंचायतों का कामकाज तीन स्तरों पर गठित समितियों के माध्यम से चल रहा है।